भाजपा सांसद सुब्रत पाठक ने की धार्मिक जनसंख्या की गणना की माँग

BJP MP Subrata Pathak demands census of religious population

उत्तर प्रदेश के कन्नौज से भाजपा के लोकसभा सांसद सुब्रत पाठक ने की धार्मिक जनसंख्या की गणना माँग की है l इसके लिए उन्होंने गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लेटर लिखा है। भाजपा सांसद पाठक ने मुस्लिमों को मिले अल्पसंख्यक के दर्जे पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि धार्मिक जनगणना के बाद अगर मुस्लिम की जनसंख्या ज्यादा हो तो उनका अल्पसंख्यक का दर्जा खत्म किया जाए।

 सांसद सुब्रत पाठक ने गृह मंत्री अमित शाह को दिए पत्र में लिखा- “मेरी जानकारी के अनुसार सन 1947 में हुए भारत के विभाजन के समय भारत की कुल जनसंख्या में अल्पसंख्यकों की आबादी लगभग 7 प्रतिशत थी, जिसमें प्रमुख रूप से मुस्लिम, ईसाई, सिक्ख, बौद्ध, पारसी, जैन आदि संप्रदाय के लोग आते थे। इसके अतिरिक्त 93 प्रतिशत हिंदू थे, जिनमें -अगड़ा-पिछड़ा, अनुसूचित जाति और जन जाति के लोग शामिल थे, जिनकी देश भर में सैकड़ों हजारों जातियां होंगीl किंतु आज हम लोग आजादी के 75 साल पूरे कर चुके हैं और देश की आबादी लगभग 140 करोड़ हो गई है। ऐसी बातें अनेक बार सामने आ चुकी है कि इस दौरान पड़ोसी देशों में भारी तादाद में अवैधरूप से रोहिंग्या, बांग्लादेशी और पाकिस्तानी मुस्लिमों की साजिशन घुसपैठ देश की धार्मिक जनसांख्यिकी को प्रभावित करने के षड़यंत्र के साथ कराई गयी और वोट बैंक के नाम में इनके वोट और आधार कार्ड तक भी बनवाये गये हैं”

सुब्रत पाठक ने कहा कि जाति जनगणना से पहले धार्मिक आधार पर जनसंख्या की गणना आवश्यक है। इससे पता चलेगा कि देश भर में अल्पसंख्यक समाज में मुस्लिम, ईसाई, सिख, बौद्ध, जैन और पारसियों की वास्तविक संख्या क्या है? पिछले 75 साल में इनकी संख्या में कितना इजाफा हुआ है?