ग्रेटर नोएडा वेस्ट की सोसाइटी में अतिक्रमण और बिल्डर के अवैध निर्माण की शिकायत करना एक समाजसेवी को बहुत भारी पड़ गया है । 5 दिन से घर में बंद समाजसेवी अपनी जान बचाने की गुहार पुलिस से मीडिया से सोशल मीडिया पर लगातार लगा रहा है और वह कह रहा है कि मुझे भाजपा नेता से बचाओ । लोगो के अनुसार ये भाजपा नेता स्वयं को किसी अनाधिकृत मोर्चे का जिलाध्यक्ष बताता है l जबकि भाजपा संगठन में ऐसा कोई मोर्चा अधिकृत तोर पर नहीं है l
कहानी है हिमालय प्राईड सोसायटी के समाज सेवी नरेश नौटियाल की । नरेश नौटियाल ने हिमालय प्राईड में हुए बिल्डर द्वारा किए गए अवैध अतिक्रमण के खिलाफ प्राधिकरण में शिकायत दर्ज की प्राधिकरण ने कई महीनों तक इस प्रकरण पर टालमटोल करने के बाद 4 दिन पहले सोसाइटी में आकर कार्यवाही के नाम पर एक लोहे का गेट तोड़ दिया । नरेश का आरोप है कि गेट तोड़ने के बाद अधिकारी एम पी सिंह ने जिन चीजों की शिकायत की थी उनको तोड़े बिना चले गए । और खानापूर्ति कर बिल्डर का फायदा करा गए । एनसीआर खबर ने इस पूरे डिमोलिशन ड्राइव पर अतिक्रमण हटाने आए अधिकारी एमपी सिंह से फोन पर बात करने की कोशिश की किंतु तमाम प्रयासों के बावजूद उनका फोन नहीं उठा।
लेकिन खेल इसके बाद शुरू हुआ नरेश नौटियाल का आरोप है कि इसके बाद बिल्डर के समर्थन वाले एक स्वयंभू भाजपा नेता और उसके पक्ष के कुछ निवासी उनकी जान के प्यासे हो गए हैं नरेश नौटियाल ने आरोप लगाया कि सोसाइटी में रहने वाले दबंग भाजपा नेता ने उनको फोन करके नीचे आने को कहा नहीं तो उनकी शिकायत पुलिस में करने की धमकी दी l जबकि नीचे तमाम लोग उनको मारने पीटने की बातें कर रहे थे l वह अपने घर में बैठे थे तब उसी नेता की शिकायत पर पुलिस उनके पास आई और उनसे उनका पक्ष लेकर गई l फिलहाल नरेश नौटियाल ने इन सभी के खिलाफ f.i.r. करने के लिए पुलिस में शिकायत दी है, किंतु समाचार लिखे जाने तक कोई एफ आई आर दर्ज नहीं हुई है नरेश नौटियाल ने आरोप लगाया कि भाजपा नेता के दबाव में पुलिस शिकायत दर्ज नहीं कर रही है । इसी भाजपा नेता ने उन्हें फोन करके नीचे भीड़ के सामने बुलाने की कोशिश की थी पहले भी यह तथाकथित भाजपा नेता अपने साथियों के साथ एक बार लड़ाई की कोशिश कर चुका है ।
उन्होंने कहा कि शिकायत अतिक्रमण की शिकायत करना उनकी जान के लिए मुश्किल हो गया है ऐसा लग रहा है कि प्राधिकरण बिल्डर और भाजपा नेता सब मिले हुए हैं और एक इमानदार आदमी को मार देना चाहते हैं इससे अच्छा तो मुझे पुलिस अरेस्ट करके जेल में रखे ताकि मेरी जान तो बचे।
वहीं इस पूरे प्रकरण में सोसाइटी में बने अवैध अतिक्रमण को हटाने का मूल प्रश्न वही का वही रह गया है l प्रकरण अब शिकायतकर्ता द्वारा अपनी जान बचाने का हो गया है जबकि प्राधिकरण के भ्रष्ट अधिकारी अपनी कुटिलता पर मुस्कुरा रहे होंगे और बिल्डर कहीं एसी रूम में बैठकर ठहाके लगा रहा होगा ।