राजेश बैरागी । जनपद गौतमबुद्धनगर में कथाओं को श्रृंखलाबद्ध तरीके से कौन करा रहा है? पद्मविभूषित श्री रामभद्राचार्य की रामकथा का कल 27 जुलाई से नोएडा स्टेडियम में भव्य दिव्य आगाज हो गया।
उस कथा के आयोजन को लेकर हुए विवाद में जेवर विधायक ने मध्यस्थ की भी भूमिका निभाई थी और अंततः अपने पक्ष के शैलेन्द्र शर्मा उर्फ शालू को आयोजक घोषित करा दिया था।
श्री रामभद्राचार्य की रामकथा में जेवर विधायक के साथ बाबा बागेश्वर धाम कथा के विवादित आयोजक शैलेन्द्र शर्मा उर्फ शालू भी मौजूद थे। इस अवसर पर धीरेंद्र सिंह ने सामान्य बातचीत में बताया कि ग्रेटर नोएडा में एक और कथा की तैयारी चल रही है।उस कथा के आयोजन के लिए एक महिला ने उनसे सहयोग मांगा है और उन्होंने उसे पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया है।
अर्थात आगामी लोकसभा चुनाव तक जनपद गौतमबुद्धनगर में एक दो या और अधिक कथाओं का आयोजन हो सकता है।इन श्रृंखलाबद्ध कथाओं के आयोजन में जेवर विधायक की बड़ी भूमिका रहेगी। क्या यह जेवर विधायक की आगामी लोकसभा चुनाव में अपनी ही पार्टी से टिकट हासिल करने की योजना के तहत है?या यह वर्तमान सांसद डॉ महेश शर्मा को धार्मिक सामाजिक आयोजनों के माध्यम से निष्प्रभावी करने का प्रयास है?
इन प्रश्नों के बीच एक बड़ा सवाल यह है कि इन कथाओं के आयोजन के खर्च का हिसाब किताब कैसे रखा जाता है? बागेश्वर धाम कथा के दूसरे विवादित आयोजक नरेश ठाकुर ने एन सी आर खबर और चेतना मंच मीडिया संस्थानों के कैमरों के समक्ष स्वीकार किया कि पं धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को कथा के लिए 11 लाख रुपए बुकिंग राशि दी गई थी। क्या इतनी बड़ी धनराशि नगद दी गई थी?उस कथा के पंडाल के लिए विवाद होने पर नरेश ठाकुर ने 36 लाख रुपए शैलेन्द्र शर्मा उर्फ शालू से प्राप्त किए थे। क्या यह भी नगद लेन-देन था? इस संबंध में एक पत्र भी सोशल मीडिया पर प्रसारित हुआ था।