राजेश बैरागी । आयोजन तो बड़ा ही है। सैकड़ों प्रकार के हजार कर्मचारी और कारीगर लगे हुए हैं। भोपाल से यहां आए बाबा बागेश्वर धाम की मंच सज्जा करने में सिद्धहस्त शुभम् अपने 11 सदस्यीय दल के साथ दिन रात जुटे हैं। सुप्रसिद्ध कथाव्यास प्रदीप मिश्रा की मंच सज्जा भी वे ही करते हैं।सर्विस रोड से कथा स्थल तक पहुंच मार्ग पर वर्षा के दृष्टिगत बजरी की लगभग एक फुट ऊंची परत बिछा दी गई है। वाटरप्रूफ पंडाल में सीधे वर्षा को आने की बिल्कुल अनुमति नहीं है परंतु पंडाल के चारों ओर भरने वाले वर्षा जल पर किसका जोर चलता है। यह जल पंडाल में कथाप्रेमियों के बैठने के लिए बिछाए गए प्लाईवुड की बिछावन को चुनौती दे रहा है। हालांकि जल निकासी के पुख्ता प्रबंध भी किए जा रहे हैं।
कल 9 जुलाई को सुबह दस बजे सिटी पार्क के निकट वैष्णोदेवी मंदिर से एक साथ लगभग सवा लाख कलश उठकर कलश यात्रा कथा स्थल पहुंचेगी तो कथा का भव्य और दिव्य आगाज हो जाएगा। कथा स्थल पर दूर-दूर और आसपास से आनेवालों का मेला अभी से लग रहा है। नोएडा और ग्रेटर नोएडा शहर और दिल्ली, दादरी, जेवर तक बाबा बागेश्वर धाम की कथा के पोस्टर और होर्डिंगों की सड़कों पर भरमार है। बताया जा रहा है कि लखनऊ में भी यहां होने वाली कथा के लिए वैसा ही उत्साह है। वहां भी बैनर पोस्टर लगाए गए हैं।
कथा स्थल पर विशेष बात यह है कि मीडियाकर्मी जिस भी किसी डील-डौल वाले या विशेष परिधान पहने व्यक्ति से उसका परिचय पूछते हैं तो वह स्वयं को मुख्य संयोजक या मुख्य आयोजक से कम नहीं बताता है। वास्तव में मुख्य आयोजक कौन है यह जानना कठिन है। हालांकि वर्षा के 11 जुलाई (मौसम पूर्वानुमान के अनुसार) तक जारी रहने की आशंका जताने पर हर कोई यही कहता है,’बाबा बागेश्वर धाम की कथा है, उनकी कृपा से सब ठीक होगा।