राजेश बैरागी। विपक्ष की चुनौती न होने का लाभ उठा रही भाजपा के लिए आगामी लोकसभा चुनावों में टिकट के दावेदारों की क्या स्थिति रहने वाली है? उदाहरण के लिए गौतमबुद्धनगर लोकसभा सीट पर अभी से टिकटार्थियों की भीड़ बढ़ती जा रही है। दिलचस्प बात यह है कि इनमें से कोई भी उम्मीदवार शौकिया नहीं है।
गौतमबुद्धनगर लोकसभा के वर्तमान सांसद डॉ महेश शर्मा के लिए आने वाले दिन अत्यंत चुनौतीपूर्ण होने वाले हैं। आगामी आम चुनावों में उनके प्रति संसदीय क्षेत्र की जनता का रुख क्या होगा, यह तो उनके प्रत्याशी बनने से पता चलेगा। फिलहाल उनके स्थान पर प्रत्याशी बनने को आतुर टिकटार्थियों की भीड़ बढ़ रही है।
नया नाम दादरी (पहले नोएडा सहित) के पूर्व विधायक नवाब सिंह नागर का है। नवाब सिंह नागर यहां के सबसे पुराने भाजपाई हैं। उन्होंने तीन बार जीत हासिल की थी। उन्हें दादरी क्षेत्र में स्व विधायक महेंद्र सिंह भाटी के बाद अमन चैन स्थापित करने का श्रेय रहा है। कभी बिना संसाधनों के भाजपा की अलख जगाने वाले नवाब सिंह नागर डेढ़ दशक से मुख्य धारा से अलग हैं। हालांकि उनकी सक्रियता और पार्टी के प्रति प्रतिबद्धता में कोई कमी नहीं आई है। उन्होंने बदली परिस्थितियों में लोकसभा टिकट हासिल करने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है। उनसे पहले जेवर क्षेत्र के विधायक ठाकुर धीरेंद्र सिंह और यहां जिलाधिकारी रहे बी एन सिंह भी टिकट की पंक्ति में लगे हुए हैं। ठाकुर धीरेंद्र सिंह ने हालांकि टिकट की सीधी इच्छा जाहिर नहीं की है परंतु परोक्षरूप से उनका टिकट हासिल करने का अभियान जारी है।
पूर्व जिलाधिकारी बी एन सिंह ने तो क्षेत्र में सामाजिक बैठकें करने के साथ सांसद समर्थकों से टकराना भी शुरू कर दिया है। क्या टिकट मांगने वालों के बीच वर्तमान सांसद डॉ महेश शर्मा कमजोर साबित होंगे? चुनाव निकट आने के साथ सत्तारूढ़ सहित सभी राजनीतिक दलों में टिकटार्थियों की भीड़ बढ़ने लगती है। वर्तमान सांसद के विरुद्ध थोड़ी या अधिक विरोधी लहर भी होती ही है। इसी को आधार बनाकर टिकटार्थियों की संभावनाएं अंगड़ाइयां लेती हैं। डॉ महेश शर्मा को भाजपा की आधे तिहाई वर्तमान सांसदों को टिकट न देने की नीति का शिकार होना पड़ सकता है। टिकटार्थियों की बढ़ती भीड़ के पीछे यह भी एक बड़ा कारण है।