मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार को लगभग 1716 करोड़ की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करने के लिए नोएडा के जिस वाटरप्रूफ पंडाल में पहुंचे अब उसको लेकर नोएडा के लोगों द्वारा प्रश्न उठाने शुरू कर दिए गए सोशल मीडिया पर कार्यक्रम होने के बाद स्टैंड को लगाए जाने की प्रक्रिया के टेंडर और उसके आवंटन के टाइमिंग के साथ उसकी क्वालिटी पर भी प्रश्न उठने शुरू हो गए हैं सोनू यादव नाम के एक यूजर ने प्राधिकरण द्वारा जारी टेंडर का फोटो डालते हुए यह प्रश्न पूछा कि प्राधिकरण उनके आगमन पर सवा करोड़ रुपए खर्च करने के बाद भी इंतजाम सही नहीं कर पाया l
20 तारीख को डाले निविदा के विज्ञापन में बताया गया है कि 22 जून 5:00 बजे तक निविदाएं अपलोड की जा सकती हैं उसके बाद 23 मई की शाम 4:00 बजे बेड खोली जाएगी जिस पर लोगों ने पूछा कि क्या 24 से 36 घंटे में स्टैंड को लगा लिया जाएगा इससे भी बड़ा आरोप 23 जून को दोपहर 2:30 एक अन्य वीडियो को अपलोड करके लगाया गया जिसमें बताया गया की निविदा खुलने से पहले ही टेंट को लगाए जाने का कार्य ठेकेदार द्वारा किया जा चुका है ऐसे में क्या प्राधिकरण के अधिकारियों ने पहले ही सब कुछ तय कर लिया था और ऑनलाइन टेंडर की प्रक्रिया बस एक धोखा है
#गोलमाल है सब #गोलमाल है!
— Sonu Yadav ( सर्फाबाद ) (@Yadav100nu) June 25, 2023
1 करोड़ (124.18) से ज्यादा का #टेंडर हुआ, #सीएम_योगी जी के पंडाल की #दुर्दशा देखिए,
पंडाल #दलदल में तब्दील!@myogiadityanath @CMOfficeUP pic.twitter.com/EDbkyk8s1n
25 तारीख को बारिश के बाद स्टंट में भरे पानी और वहां मौजूद अव्यवस्थाओं पर सुबह से लोग प्रश्न उठा रहे हैं लोगों का कहना है कि जिस प्राधिकरण ने टेंट पर इतना खर्चा किया वह इस मैदान से पानी निकासी के योजना बनाना भूल गया एनसीआर खबर से दर्शकों में मौजूद एक यूजर ने कहा कि नोएडा प्राधिकरण बरसात से पहले कभी नालों की सफाई नहीं करा पाता तो इस कार्यक्रम में पानी भरने पर निकासी का कोई काम वह कैसे करा सकता था
कार्यक्रम में अव्यवस्था का आलम यह था कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्वागत में गेट नंबर 3 के सामने उनके फ्लैट के आने के बाद तक पोस्टर लगाए जा रहे थे ऐसे में प्रश्न यह है कि क्या प्राधिकरण ने अपने चहेते ठेकेदारों को रेवड़ी बाँट दी हैं या फिर इस पूरे कार्यक्रम में बहुत बड़ा कोई घोटाला हुआ है