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ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की जय हो : ग्रेटर नोएडा में जिस साइट ऑफिस का हुआ लोकार्पण वो अभी पूरा भी नही

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नोएडा में नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के 1718 करोड़ के शिलान्यास और लोकार्पण के कार्यक्रम के बाद अब धीरे-धीरे इनका सच सामने आने लगा है । जहां नोएडा में एक और नोएडा प्राधिकरण द्वारा किए गए इंतजामों पर भारी आरोप लग रहे हैं वहीं ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण तो उससे भी एक कदम आगे निकल गया नोएडा में मुख्यमंत्री के आने के सूचना के बाद आनन-फानन में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अफसरों ने भी यहां पर 331 करोड़ के लोकार्पण की लिस्ट तैयार करनी शुरू करी

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की लोकार्पण होने वाली परियोजनाओं में सबसे अहम ग्रेटर नोएडा वेस्ट का साइट ऑफिस रहा जिसका ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने निवासियों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के लिए लंबे समय से चल रही मांग को पूरा करने का दावा करते हुए इसका लोकार्पण आज मुख्यमंत्री से करा दिया किंतु नोएडा में बटन दबाते ही उद्घाटन के बाद इस कार्यालय पर कार्य शुरू हो जाना चाहिए था ।

एनसीआर खबर में लोकार्पण कार्यों की सच्चाई के लिए सबसे पहले टेक जोन 4 स्थित ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के नए नवेले कार्यालय पर जाकर जाने का निश्चय किया शाम 4:30 बजे एनसीआर खबर की टीम यहां पहुंची और पाया कि कार्यालय की बिल्डिंग तैयार थी l वहां पर उद्घाटन से पूर्व आनन फानन में नया फर्नीचर लगाया गया था । वहां मौजूद कमरों के ग्लास विंडो के ऊपर पर्दे अभी तक नहीं लगाए गए प्राधिकरण में पानी पीने के लिए मंगाए गए आर ओ प्लांट को भी अभी तक इंस्टॉल नहीं किया जा सका है । वहां मौजूद पौधों को देखकर लग रहा था कि इनको भी एक दिन पहले किसी तरीके से उद्यान विभाग में लगाने की कोशिश की है किंतु मेन गेट के कार्य के पूर्ण ना होने के कारण सभी कार्यों को छोड़ दिया गया है

हाल ही में लगाए गए पौधे जिनको उद्घाटन के पूर्व लाया गया । फोटो : एनसीआर खबर

ऐसे में प्रश्न यह उठता है कि जब साइट ऑफिस का कार्य अभी तक पूर्ण नहीं हुआ तो किस आधार पर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने इस कार्यालय का लोकार्पण मुख्यमंत्री द्वारा करवा दिया गया और अगर करवा दिया गया था तो कम से कम वहां पर प्राधिकरण के कुछ कर्मचारी मौजूद होने चाहिए थे प्राधिकरण के इस नए कार्यालय को सजाया जाना चाहिए था लेकिन शायद ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के कर्मचारियों अधिकारियों ने इस बात को करना उचित नहीं समझा।

प्रश्न यह भी है कि 4 दिन पहले रितु माहेश्वरी ने परथला से लेकर गौतम बुध नगर यूनिवर्सिटी तक सड़क मार्ग से लगभग 4 घंटे तक दौरा किया था किंतु वह लोकार्पण के सबसे महत्वपूर्ण इस प्रोजेक्ट को निरीक्षण करना क्यों भूल गई या फिर उन्होंने इसका निरीक्षण करना महत्वपूर्ण नहीं समझा ।

कार्यालय के गेट पर बन रहे गार्ड रूम पर उठे प्रश्न

गार्ड रूम के क्षेत्रफल को लेकर भी उठ रहे प्रश्न

आपको बता दें कि इस साइट कार्यालय पर दो गेट बनाए जाने हैं जिनमें अभी एक ही गेट का कार्य शुरू किया गया है जिसके पास गार्डरूम के लिए 7 बाई 7 के दो कमरे बनाए जा रहे हैं जिसमें अगर 3×5 की एक टेबल डाल दी जाएगी तो गार्ड के बैठने के लिए समुचित स्थान नहीं है । ऐसा लगता है जिस आर्किटेक्ट ने इस कार्यालय को डिजाइन किया है उसने अधिकारियों के कमरे तो बहुत बड़े-बड़े बनाएं किंतु यहां काम करने वाले गार्डों के लिए कमरे बनाते हुए वह भूल गया कि अधिकारियों के साथ-साथ गार्ड भी मनुष्य हैं और उन्हें भी बैठने के लिए पर्याप्त स्थान चाहिए होता है।

NCRKhabar Mobile Desk

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