गौतमबुद्धनगर में नगर निकायों(एक नगर पालिका और पांच नगर पंचायतों) के चुनाव परिणामों से सत्तारूढ़ भाजपा के लिए क्या संदेश निकला है?
जेवर नगर पंचायत में तीसरे, जहांगीरपुर नगर पंचायत में चौथे, बिलासपुर नगर पंचायत में दूसरे स्थान पर रहने और दनकौर नगर पंचायत में मामूली अंतर (मात्र 116 वोटों) से जीत हासिल करने वाली भाजपा के स्थानीय नेता फिर भी आज जश्न मना रहे हैं।
रबुपुरा में निर्विरोध निर्वाचन के बाद भाजपा के एक खेमे को मिली चुनौती ने पार्टी के संगठन और सांसद विधायकों को दादरी नगर पालिका तक सीमित कर दिया था। दादरी तो जीत ली गई परंतु शेष चार नगर पंचायतों में पार्टी का बैंड बज गया। दूसरे से लेकर चौथे स्थान तक निर्दलियों से हारने और एक नगर पंचायत दनकौर में सीमारेखा तक जाकर जीतने का किसी को मलाल नहीं है।
अपने प्रभाव वाली रबुपुरा नगर पंचायत में सभी पदों पर निर्विरोध निर्वाचन कराने से जेवर विधायक ठाकुर धीरेंद्र सिंह ने अपनी ही पार्टी में विरोधी खेमे के समक्ष एक लंबी लकीर खींच दी। उन्होंने उसके बाद निकाय चुनावों में कोई रुचि नहीं ली जबकि जेवर, जहांगीरपुर, दनकौर और बिलासपुर उनके निर्वाचन क्षेत्र की नगर पंचायतें हैं।
उनकी खींची लकीर को काटने में जुटे सांसद डॉ महेश शर्मा, दादरी विधायक तेजपाल नागर,एम एल सी श्रीचंद शर्मा, जिलाध्यक्ष विजय भाटी और क्षेत्रीय अध्यक्ष सतेंद्र शिशौदिया को दादरी के अतिरिक्त कुछ नहीं सूझ रहा था। सांसद डॉ महेश शर्मा ने जेवर में कांग्रेस प्रत्याशी को भाजपा कैंप में लाने का असफल प्रयास किया। इसी प्रकार बिलासपुर में चुनाव प्रचार समाप्त होने के बाद दस मई को एक निर्दलीय प्रत्याशी को भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में बैठाने का उनका प्रयास उल्टा पड़ा। वहां सांसद की उपस्थिति में दोनों पक्षों में हाथापाई की नौबत आ गई और सांसद को वहां से जाना पड़ा।
जेवर विधायक जहां पर्वत के उत्तुंग शिखर पर शिला की शीतल छांव में बैठकर इस पूरे नजारे का मनोरंजन करते रहे वहीं नोएडा विधायक पंकज सिंह स्वभाव अनुसार इस सारे झंझट से दूर ही रहे।