देश में पालतू जानवरों खास तौर पर आवारा और पालतू कुत्तों के बढ़ते आतंक के बाद अब अदालतें भी इन पर संज्ञान लेने लगी है । ऐसी ही एक टिप्पणी साकेत कोर्ट ने कुत्ता काटने के मामले में फैसला सुनाते हुए की है कोर्ट के अनुसार पालतू जानवर के कृत्य की जिम्मेदारी उसके मालिक की होती है यदि उसकी वजह से किसी व्यक्ति को चोट पहुंचती है तो उसके लिए मालिक पर मुकदमा चलाकर सजा सुनाई जा सकती है इतना ही नहीं किसी की जान का खतरा बनने पर मालिक को जेल भी हो सकती है ।
जानकारी के अनुसार मामला 26 जून 2019 मालवीय नगर थाना क्षेत्र का है इसमें एक पालतू कुत्ते ने मां और बेटी पर हमला कर दिया था जिसमें दोनों जख्मी हो गए थे । पीड़ित बच्ची ने अदालत के समक्ष खुद समक्ष हो कर अपनी आपबीती बताई । अदालत ने माना कि बच्चे के चेहरे पर कुत्ते के हमले का वह नजर आ रहा था इस हमले में बच्ची का दाहिना हाथ छाती और जान जख्मी हुए थे ।
हालांकि अदालत ने कुत्ते के मालिक पर ₹1000 का जुर्माना लगा कर कुत्ते के मालिक को सुनाई गई 2 दिन की जेल की सजा को रद्द दिया है अदालत ने कहा कि कुत्ते के मालिक की उम्र अधिक है इसलिए कुत्ते के मालिक को जेल की सजा नही दी जा रही है लेकिन यह हिदायत भी दी जा रही है कि वह इस बात का ख्याल रखें कि इस तरह का हादसा दोबारा ना हो अपने पालतू कुत्ते के साथ ही अन्य लोगों की सुरक्षा को भी सुनिश्चित करें
289 धारा के तहत होता है मुकदमा
अधिवक्ता गौतम शर्मा ने एनसीआर खबर को बताया कि पालतू द्वारा जानवरों द्वारा किए गए हमले के मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 289 के तहत मुकदमा दर्ज कराया जा सकता है इस धारा के अनुसार कोई भी व्यक्ति अपने पालतू जानवर से दूसरे व्यक्ति के जीवन को संकट में डालेगा उसको किसी भी तरीके की क्षति पहुंचाएगा उसके लिए उसे 6 महीने की जेल और जुर्माने की सजा हो सकती है ।