दादरी नगर पालिका चुनाव में चुनावी पारा चढ़ ही रहा था कि सोमवार को पड़ी बारिश ने माहौल को एक बार फिर से ठंडा कर दिया प्रत्याशी और उनके समर्थक जहां बारिश के कारण प्रचार की जगह प्रचार की रणनीति में व्यस्त हो गए वही संचालन समिति के कई लोग अलग-अलग जगह अलग-अलग अपनी राय बनाते दिखे ।
एनसीआर खबर ने बारिश के मौसम में दादरी के मोहल्लो में जाकर में जाकर लोगों से माहौल समझने की कोशिश की तो लोग पार्टी से कम प्रत्याशी से ज्यादा नाराज दिखे ।
हालांकि भाजपा के एक वरिष्ठ कार्यकर्ता ने एनसीआर खबर को बताया की दादरी के पुराने मोहल्लों में मुख्य रूप से गुर्जर ब्राह्मण वैश्य पंजाबी और मुसलमान वोटों का महत्वपूर्ण वोटर है इनके अलावा 20% आबादी मिश्रित वोटर की है । उन्होंने बताया कि हम लोग चुनाव जीत रहे हैं बस ब्राह्मण वोटों में थोड़ी सी नाराजगी है । ब्रह्मपुरी के कुछ बड़े परिवार गीता पंडित के खिलाफ हैं । कांग्रेस प्रत्याशी अशोक पंडित का भी परिवार बड़ा है उसका भी नुकसान बड़ा हो सकता है । अशोक पंडित ही इस बार 40 से 50 प्रतिशत वोटर को अपने साथ ले जा सकते है, वहीं वत्स परिवार का जग भूषण गर्ग को समर्थन भी बड़ा झटका हो सकता है
दादरी में गुर्जर समुदाय भी भाजपा से इस बार नाराज है । समाजवादी पार्टी के नेता गुर्जर समाज को पार्टी कार्यालय में सुरेंद्र नागर और नरेंद्र भाटी जैसे बड़े नेताओं के फोटो ना लगे होने के आरोप लगा रहे है जिससे समाज का वोट जग भूषण गर्ग, रविंद्र भाटी और अयूब खान में बंट सकता है
मुसलमान को तो माना जा रहा है कि वह अयूब खान को चुपचाप वोट देने जाएगा । ऐसे में वैश्य समाज की जो नाराजगी है उसको भी शुरू में बड़ा नही माना जा रहा था लेकिन गर्ग के घर पर पड़े जीएसटी के छापे ने स्थिति थोड़ी विकट कर दी है छापे के बाद वैश्य समुदाय के वोटर्स के साथ साथ बड़ी संख्या में कार्यकर्ता भी नाराज हो गया है । संगठन के दादरी युवा अध्यक्ष समेत कई वैश्य नेता अब चोरी छिपे की जगह खुल कर जग भूषण गर्ग के समर्थन में आ गए है । फिर भी कार्यकर्ता आखिर में यह कहना नहीं भूले इन सब बातों के बावजूद सब कुछ ठीक है और उन्हें उम्मीद है कि आखिर में गीता पंडित ही जीत जाएंगी ।
यधापि जानकार मानते हैं कि अगर नहर पार के मिश्रित आबादी वाले नए बने कुछ वॉर्ड पर बीजेपी ने मेहनत कर ली तो शायद बीजेपी की नैया पार लग जाए वरना पुराने मोहल्लों में जो माहौल है उनके सहारे जीतना असंभव नहीं तो मुश्किल जरूर है ।
ऐसे में क्या अब वाकई गीता पंडित इन चल रही चर्चाओं को पार कर जाएंगे क्या दादरी के विधायक तेजपाल नागर, एमएलसी श्री चंद शर्मा और सांसद डॉ महेश शर्मा कुछ ऐसी नई रणनीति पर काम करेंगे जिससे चुनाव में वोटर्स के साथ कार्यकर्ता की नाराजगी को वापस बीजेपी के पास ला सके यह बदलाव आने वाले 3 से 4 दिन में ही दिखेगा ।