राजेश बैरागी l समूचे उत्तर प्रदेश में निकाय चुनावों में कांग्रेस भाजपा को चुनौती नहीं दे रही है। फिर भी चुनाव में किसी पार्टी या निर्दलीय प्रत्याशी को अपनी पार्टी में शामिल कराने का अलग ही आनंद है।इसी आनंद की प्राप्ति के लिए आज गौतमबुद्धनगर के सांसद और उनके गुट के भाजपाइयों ने जेवर नगर पंचायत अध्यक्ष पद के कांग्रेस प्रत्याशी को भरी दोपहरी में भाजपा में शामिल कर लिया।
कांग्रेस और उसके प्रत्याशी की दशा किसी से छिपी नहीं है। उनके चुनाव लड़ने या पार्टी बदल लेने से चुनाव परिणामों में कोई अंतर आना संभव नहीं है। फिर भी प्रत्याशी तोड़ लेना बड़ा काम माना जाता है। बड़ा काम करने से ही कद बड़ा होता है। यह समाचार जंगल में आग की भांति फैलाया गया।शाम होते होते कांग्रेस प्रत्याशी वापस अपनी पार्टी और अपने कैंप में पहुंच गए। उन्होंने कुछ अज्ञात बच्चों पर उन्हें बहला फुसलाकर भाजपा कैंप में ले जाने का आरोप लगाया। चुनाव में ऐसे प्रहसन खूब होते हैं।’
आयाराम गयाराम’ का मुहावरा ऐसे ही समय के लिए बनाया गया है। परंतु जेवर नगर पंचायत में दोपहर से शाम तक चले इस नाटक की पृष्ठभूमि कहां है?इसी चुनाव में रबुपुरा नगर पंचायत के अध्यक्ष और सदस्यों का निर्विरोध निर्वाचन हुआ है। यह नगर पंचायत विधायक धीरेंद्र सिंह के संपूर्ण प्रभाव वाली मानी जाती है। उन्होंने निर्विरोध निर्वाचन करा कर स्थानीय भाजपा में लंबी लकीर खींच दी। प्रतिद्वंद्वी गुट को उनसे लंबी नहीं तो कोई लकीर तो खींचनी ही थी। तो क्या कांग्रेस प्रत्याशी की शाम को घर वापसी के लिए भाजपा के ही किसी गुट की शह रही है। चुनाव केवल पार्टियों के प्रत्याशियों के बीच ही नहीं होता है। पार्टियां अपने भीतर भी साजिशों की प्रतियोगिता करती रहती हैं।जेवर नगर पंचायत में यह चल रहा है और दादरी नगर पालिका चुनाव में भाजपा के लिए सिरदर्द बने अपने ही बागी जगभूषण गर्ग ने जोरदार चुनाव प्रचार आरंभ कर दिया है।