नोएडा ग्रेटर नोएडा की संयुक्त सीईओ ऋतु माहेश्वरी (Ritu Maheshwari ) का स्थानांतरण हो गया है ऐसे समाचार ने सोशल मीडिया पर हड़कंप मचा दिया है । सोशल मीडिया पर लगातार लोग इस समाचार को कंफर्म करने की कोशिश कर रहे हैं और रितु माहेश्वरी के स्थानांतरण पर अपनी अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं सोशल मीडिया पर एक यूजर श्याम गुप्ता ने लगभग 4 घंटे पहले ट्वीट करते हुए लिखा की रितु माहेश्वरी का स्थानांतरण हो गया है जोकि दुखद है लेकिन संविधान के हिसाब से जरूरी था । वही प्राधिकरण के सूत्रों की माने तो रितु माहेश्वरी इस समय एक जरूरी मीटिंग ले रही हैं और ऐसी संभावनाओं का अभी तक कोई लिखित आदेश नहीं है
नवनीत सहगल, दीपक अग्रवाल या नेहा शर्मा हो सकते है अगले सीईओ!
गौतम बुध नगर से लेकर लखनऊ तक चल रहे इस समाचार की पुष्टि होना अभी मुश्किल है लेकिन दावा करने वालों का कहना है कि लिस्ट बन चुकी है और किसी भी समय लोक भवन से बाहर आ सकती है रितु माहेश्वरी के ट्रांसफर का दावा करने वालों का यह भी दावा है कि उनकी जगह नवनीत सहगल, दीपक अग्रवाल या नेहा शर्मा नोएडा की सीईओ बनाई जा सकती हैं वहीं ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को लेकर लिस्ट अभी पेंडिंग है माना जा रहा है कि फिलहाल किसी एसीईओ के ऊपर यह पदभार दिया जा सकता है ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के लिए लगातार लोग पूर्व एसीईओ दीपचंद को पुनः एक्सटेंशन प्राधिकरण का सीईओ बनाने की मांग करते रहे हैं ऐसे में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की लिस्ट जब तक स्पष्ट नहीं होती तब तक वहां नोएडा की सीईओ को ही अतिरिक्त भार देकर काम चलाया जाएगा या जल्दी ही वहां पर दीपचंद या किसी अन्य सक्षम अधिकारी को सीईओ बनाकर लाया जाएगा यह भविष्य ही बताएगा
सख्त मगर विकास कार्य पूर्ण ना करा पाने वाली सीईओ की है छवि, यू टर्न पर एक करोड़ के दावे पर आई विपक्ष के निशाने पर
रितु माहेश्वरी को लेकर नोएडा ग्रेटर नोएडा में उनकी छवि विरोधाभास में रही है खराब लोगों के लिए रितु माहेश्वरी की छवि हमेशा एक सख्त प्रशासक की रही है जो किसी भी दबाव में झुकती नहीं है ऋतु महेश्वरी ने बिल्डर लॉबी के खिलाफ लगातार अपनी सख्त छवि के जरिए ना सिर्फ अर्थदंड लगवाया है बल्कि लोगो को जेल तक भिजवाया है लेकिन लोगों के अनुसार रितु माहेश्वरी विकास कार्यों को पूर्ण करें करवाने में अभी तक नाकाम रही है नोएडा में चल रहे कई विकास कार्यों की डेडलाइन कई बार आगे बढ़ चुकी है मगर उनका कंपलीशन नहीं हुआ है वहीं बीते दिनों यू ट को लेकर 10000000 रुपए के दावे के बाद उत्तर प्रदेश में विपक्ष ने भी सवाल उठाए जिसे विपक्ष के नेता अखिलेश यादव ने भी रीट्वीट किया था ।
जिसके बाद माना जा रहा है कि ऋतु माहेश्वरी के ट्रांसफर की अफवाह सच भी हो सकती है हालांकि उस प्रकरण में भी एक की जगह 4 u टर्न पर 10000000 रुपए खर्च होने की बात कही है लेकिन राजनीति में बात का बतंगड़ बनते हुए देर नहीं लगती और शायद प्राधिकरण का यह दावा विपक्ष के पास कितना बड़े मुद्दा बन गया है लखनऊ के कई लोगों का कहना है कि अगर रितु माहेश्वरी का ट्रांसफर हुआ तो वह इसी प्रकरण को लेकर माना जाएगा