जिलाधिकारी करेंगे सामाजिक बेइज्जती से वसूली
राजेश बैरागी ।फ्लैट खरीदारों का पैसा हड़पने वाले बिल्डर्स को सीधी राह पर लाने के लिए गौतमबुद्धनगर जिला प्रशासन भारतीय समाज में सदियों से चली आ रही एक परंपरा को हथियार के तौर पर इस्तेमाल करने जा रहा है। प्रशासन को आशा है कि इस तरीके से बिल्डर्स से आसानी से फ्लैट खरीदारों का पैसा निकलवाया जा सकता है।
गौतमबुद्धनगर के नवनियुक्त जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने आज गुरूवार को अपनी पहली प्रैस वार्ता में फ्लैट खरीदारों को धोखा देने वाले बिल्डर्स के प्रति कोई नरमी न बरतने के संकेत दिए। उन्होंने बताया कि बीते वित्त वर्ष में भूसंपदा नियामक प्राधिकरण (रेरा) द्वारा जारी वसूली प्रमाण पत्रों के बदले डिफॉल्टर बिल्डर्स से दो सौ करोड़ रुपए की वसूली जिला प्रशासन ने की है। ऐसे ही और 101 बिल्डर्स की सूची तैयार है। उनसे वसूली के लिए तहसील की चालीस टीमें बनाई गई हैं।ये टीम डिफॉल्टर बिल्डर्स के घर, कार्यालय और प्रोजेक्ट स्थलों पर ढोल बजाकर मुनादी कराने से लेकर घर, मकान, दुकान की कुर्की तक की कार्रवाई को अंजाम देंगी। उन्होंने बताया कि फ्लैट खरीदारों और बिल्डर्स के बीच सौ करोड़ रुपए के मामलों को सुलझाया भी गया है। दरअसल जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा भारतीय समाज में धोखेबाजों और गलत प्रवृत्ति के लोगों को सही रास्ते पर लाने के सदियों पुराने तरीके (सामाजिक बेइज्जती) को डिफॉल्टर बिल्डर्स के विरुद्ध एक कारगर हथियार मान रहे हैं।उनका कहना था कि डिफॉल्टर व्यक्ति जहां रहता है या जहां उसका कामकाज होता है, वहां उसकी साख बहुत मायने रखती है। यदि वहां शोर मचाकर यह बताया जाए कि वह व्यक्ति धोखेबाज है या लोगों का धन हड़प कर बैठा है तो वह सही रास्ते पर आने को विवश हो सकता है। उन्होंने प्रैस वार्ता के दौरान अपने इस तरीके का न केवल कई बार उल्लेख किया बल्कि सामाजिक बेइज्जती से डिफॉल्टर बिल्डर्स को सबक सिखाने के कड़े इरादे भी जाहिर किए।(साभार:नेक दृष्टि हिंदी साप्ताहिक नौएडा)