ग्रेटर नोएडा के घर खरीदारों की मुश्किलें बढ़ीं, देनी पड़ेगी ईएमआई
हर किसी का सपना होता है कि उसका अपना एक घर हो, इस सपने को साकार करने के लिए वो दिन-रात लगातार मेहनत करता है, तब जाकर उसका ये सपना साकार होता है l लेकिन न्यायलय के एक आदेश से ग्रेटर नोएडा के घर खरीदारों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। घर पर भले ही खरीदारों को कब्जा ना मिल पाया हो, लेकिन उन्हें ईएमआई देनी पड़ेगी। कदाचित सुपरटेक अर्बन होम बायर्स एसोसिएशन एवं अन्य की ओर से एक याचिका को दिल्ली उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया है। जिसमे खरीदार सबवेंशन प्लान लागू करने की मांग की थी। गुरुवार को आए आदेश के बाद खरीदारों की मुसीबत बढ़ गई हैं। खरीदारों को उम्मीद थी कि उन्हें न्यायलय से राहत मिल जाएगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। हजारों खरीदार ऐसे हैं, जिन्हें तय समय के बाद भी फ्लैट पर कब्जा नहीं मिल पाया है। वह लोन की ईएमआई भर रहे हैं। साथ ही जहां रह रहे हैं, उसका किराया भी चुका रहे हैं। ऐसे में उन्हें दोहरी मार पड़ी है।
क्या होता है सबवेंशन प्लान ?
सबवेंशन प्लान के तहत कुछ पैसे जमा करने के बाद घर का कब्जा मिलने तक लोन की ईएमआई खरीदार को नहीं भरनी होती है। बल्कि लोन की ईएमआई बिल्डर को भरना होता है। बिल्डरों ने यह पैसा देना बंद किया तो खरीदार राहत पाने के लिए अदालत चले गए थे।
इसको समझने के लिए आपको ऋतु (बदला हुआ नाम ) के उदाहरण लेना पड़ेगा, ऋतु कहती है उन्होने ग्रेटर नोएडा वेस्ट के सुपरटेक इकोविलेज प्रोजेक्ट के तहत घर बुक किया, फ्लैट पर बिल्डर ने चालीस लाख का लोन मेरे नाम पर लिया गया और कहा कि जब तक घर नहीं मिलता हम आपको रेंट देंगे I लेकिन तब से अबतक न तो घर मिला न ही रेंट दिया गया I