अच्छी बधाई आप सभी को – डब्बू मिश्रा
आज हमारा भारत देश दुनिया का पहला और इकलौता ऐसा देश बन गया है जो अपने पहले अंतरिक्ष यान को दुनिया के अब तक के अपने शेष देशों अमेरिका, रूस और यूरोपियन देशों के मुकाबले कम लागत में और प्रथम प्रयास मे ही मंगल ग्रह की कक्षा मे अपने यान को पहुंचा दिया है । मुझे लगता है कि ये काम जो भारतीय वैज्ञानिकों ने कर दिखाएं हैं वह दुनिया को अविश्वसनीय लगा होगा जिसकी सबसे बडी वजह इसकी सबसे कम लागत का होना रहा है । दुनिया के बाकि देशों को अब तक समझ नही आ रहा होगा कि जिन कार्यक्रमों को ये करोडों अरबों के बजट के पास तैय्यार करते हैं उसे भारत के वैज्ञानिक महज 450 करोड के बजट में ही ना केवल निपटा दिये हैं बल्कि उसमे पहली बार मे ही सफलता भी प्राप्त कर लिये हैं । यह एक अद्भूत रोमांच का पल रहा है जब मुझे अपने देश पर , अपने देश के वैज्ञानिकों पर गर्व हो रहा है । इसरो ने जो ये मुकाम हासिल किया है उससे अब चीन सहित बाकि महाशक्तियां भी समझ जाएंगी कि भारत जैसा दिखता है वैसा नही है । भारत के पास ना केवल पूरे संसाधन है बल्कि वह उनका सही समय पर सही इस्तेमाल करना भी जानता है । इसरो के वैज्ञानिको ने यह उपलब्धि तब हासिल किये हैं जब मंगल पर सूर्य ग्रहण था और उसकी छाया की वजह से मंगलयान को अपने स्वयं के ईंधन पर कार्य करना था.. यानि अगर अब सौर ऊर्जा मे भी कोई समस्या आती है तो भी हमारा मंगलयान सफलता पूर्वक अपने कार्य निपटाते रहेगा … अब बारी है इसके द्वारा भेजी जाने वाली प्रथम कलर फोटो की जो मंगल की सतह की होगी और इसके सेंसर जो मिथेल गैस का पता लगाएंगे …
डब्बू मिश्रा