main newsआज की अच्छी खबरभारत

पूर्वोत्तर दौरे पर पीएम मोदी: नॉर्थ-ईस्ट को बताया विकास का कॉरिडोर, कहा-G20 के तहत दुनियाभर के लोग आएंगे पूर्वोत्तर

“हमारे लिए नॉर्थ ईस्ट, आखिरी छोर नहीं बल्कि सुरक्षा और समृद्धि के गेटवे हैं। राष्ट्र की सुरक्षा भी यहीं से सुनिश्चित होती है और दूसरे देशों से व्यापार-कारोबार भी यहीं से होता है। नॉर्थ ईस्ट विवादो का बॉर्डर नहीं विकास का कॉरिडोर है।” ये बात पीएम मोदी ने मेघालय की राजधानी शिलॉन्ग में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कही। पीएम ने भारत की G20 अध्यक्षता पर भी चर्चा की और कहा कि इसकी बैठकों में दुनिया भर के लोग पूर्वोत्तर में आएंगे। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र की प्रकृति, संस्कृति और क्षमता को प्रदर्शित करने का उपयुक्त अवसर होगा।

पूर्वोत्तर दौरे पर पीएम मोदी

दरअसल, पीएम मोदी मेघालय और त्रिपुरा के दौरे पर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने 6,800 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का अनावरण किया। परियोजनाओं में आवास, सड़क, कृषि, दूरसंचार, आईटी, पर्यटन और आतिथ्य सहित कई क्षेत्र शामिल हैं। इससे पहले पीएम ने शिलांग में पूर्वोत्तर परिषद के स्वर्ण जयंती समारोह में हिस्सा लिया। पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास में नॉर्थ इस्टर्न काउंसिल (NEC) के योगदान की सराहना करते हुए, उन्होंने कहा कि NEC का यह स्वर्ण जयंती समारोह, आजादी का अमृत महोत्सव के साथ मेल खाता है। यह रेखांकित करते हुए कि वह अक्सर क्षेत्र के 8 राज्यों को अष्ट लक्ष्मी के रूप में संदर्भित करते हैं, उन्होंने कहा कि सरकार को इसके विकास के लिए 8 आधार स्तंभों पर काम करना चाहिए, अर्थात- शांति, बिजली, पर्यटन, 5G कनेक्टिविटी, संस्कृति, प्राकृतिक खेती, खेल, क्षमता। पीएम मोदी ने कहा कि पूर्वोत्तर दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए हमारा प्रवेश द्वार है और पूरे क्षेत्र के विकास का केंद्र बन सकता है। और इस क्षेत्र की इस क्षमता को साकार करने के लिए भारतीय-म्यांमार-थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग और अगरतला-अखौरा रेल परियोजना जैसी परियोजनाओं पर काम चल रहा है।उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि सरकार ‘लुक ईस्ट’ नीति को ‘एक्ट ईस्ट’ में बदलने से आगे निकल गई है, और अब इसकी नीति ‘एक्ट फास्ट फॉर नॉर्थईस्ट’ और ‘एक्ट फर्स्ट फॉर नॉर्थईस्ट’ है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में कई शांति समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए हैं, अंतरराज्यीय सीमा समझौते किए गए हैं और उग्रवाद की घटनाओं में उल्लेखनीय कमी आई है।

पूर्वोत्तर में पर्यटन सर्किटों की हो रही पहचान

नेट जीरो के प्रति भारत की प्रतिबद्धता पर चर्चा करते हुए पीएम ने कहा कि पूर्वोत्तर जलविद्युत का पावरहाउस बन सकता है। इससे क्षेत्र के राज्यों को अतिरिक्त बिजली मिलेगी, उद्योगों के विस्तार में मदद मिलेगी और बड़ी संख्या में रोजगार सृजित होंगे। क्षेत्र की पर्यटन क्षमता पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि क्षेत्र की संस्कृति और प्रकृति दोनों ही दुनिया भर के पर्यटकों को आकर्षित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में भी पर्यटन सर्किटों की पहचान की जा रही है और उन्हें विकसित किया जा रहा है। उन्होंने 100 विश्वविद्यालयों के छात्रों को पूर्वोत्तर भेजने पर भी चर्चा की, जिससे विभिन्न क्षेत्रों के लोगों को करीब लाने में मदद मिलेगी। ये छात्र फिर क्षेत्र के राजदूत बन सकते हैं।

9 से बढ़कर 16 हुई हवाई अड्डों की संख्या

इस क्षेत्र में कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने की बात करते हुए, पीएम ने कहा कि प्रतिष्ठित पुल परियोजनाएं जो कई दशकों से लंबित थीं, अब पूरी हो चुकी हैं। पिछले 8 वर्षों में, इस क्षेत्र में हवाई अड्डों की संख्या 9 से बढ़कर 16 हो गई है, और उड़ानों की संख्या 2014 से पहले लगभग 900 से बढ़कर लगभग 1900 हो गई है। कई उत्तर पूर्वी राज्य पहली बार रेलवे मानचित्र पर आए हैं और प्रयास कर रहे हैं जलमार्गों के विस्तार के लिए भी किया जा रहा है।

डिजिटल कनेक्टिविटी हो रही बेहतर

इस क्षेत्र में 2014 के बाद से राष्ट्रीय राजमार्गों की लंबाई में 50% की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि पीएम-देवाइन योजना के शुभारंभ के साथ ही पूर्वोत्तर में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को और गति मिली है। उन्होंने कहा कि सरकार ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क को बढ़ाकर पूर्वोत्तर में डिजिटल कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने पर भी काम कर रही है। आत्मनिर्भर 5जी इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि 5जी से क्षेत्र में स्टार्टअप इकोसिस्टम, सर्विस सेक्टर सहित अन्य के विकास में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि सरकार पूर्वोत्तर को न केवल आर्थिक विकास का, बल्कि सांस्कृतिक विकास का भी केंद्र बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

राष्ट्रीय मिशन-ऑयल पाम में भाग लेने का आग्रह

क्षेत्र की कृषि क्षमता के बारे में बोलते हुए, पीएम ने प्राकृतिक खेती के दायरे को रेखांकित किया, जिसमें पूर्वोत्तर एक प्रमुख भूमिका निभा सकता है। उन्होंने कहा कि कृषि उड़ान के माध्यम से क्षेत्र के किसान अपने उत्पादों को देश और दुनिया के विभिन्न हिस्सों में भी भेज सकते हैं। उन्होंने उत्तर पूर्वी राज्यों से खाद्य तेलों पर चल रहे राष्ट्रीय मिशन – ऑयल पाम में भाग लेने का आग्रह किया। उन्होंने यह भी बताया कि कैसे ड्रोन किसानों को भौगोलिक चुनौतियों से उबरने और उनकी उपज को बाजार तक पहुंचाने में मदद कर सकते हैं।

पूर्वोत्तर में भारत का पहले खेल विश्वविद्यालय

खेल के क्षेत्र में क्षेत्र के योगदान की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि देश की पहली स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी नॉर्थ ईस्ट है। सरकार पूर्वोत्तर में भारत के पहले खेल विश्वविद्यालय के विकास के माध्यम से क्षेत्र के खिलाड़ियों को सहायता प्रदान करने की दिशा में काम कर रही है। साथ ही, क्षेत्र के 8 राज्यों में 200 से अधिक खेलो इंडिया केंद्रों को मंजूरी दी गई है, और क्षेत्र के कई एथलीटों को टॉप्स योजना के तहत लाभ मिल रहा है। विकास सिर्फ बजट, टेंडर, शिलान्यास, उद्घाटन तक सीमित नहीं है। आज बदलाव प्राथमिकताओं में आया है, बदलाव कार्य संस्कृति में आया है, बदलाव प्रक्रिया और परिणाम में आया है।

एन सी आर खबर ब्यूरो

हम आपके भरोसे ही स्वतंत्र ओर निर्भीक ओर दबाबमुक्त पत्रकारिता करते है I इसको जारी रखने के लिए हमे आपका सहयोग ज़रूरी है I अपना सूक्ष्म सहयोग आप हमे 9654531723 पर PayTM/ GogglePay /PhonePe या फिर UPI : 9654531723@paytm के जरिये दे सकते है एनसीआर खबर.कॉम दिल्ली एनसीआर का प्रतिष्ठित और नं.1 हिंदी समाचार वेब साइट है। एनसीआर खबर.कॉम में हम आपकी राय और सुझावों की कद्र करते हैं। आप अपनी राय,सुझाव और ख़बरें हमें mynews.ncrkhabar@gmail.com पर भेज सकते हैं या 09654531723 पर संपर्क कर सकते हैं। आप हमें हमारे फेसबुक पेज पर भी फॉलो कर सकते हैं

Related Articles

Back to top button