ग्रेटर नोएडा के सेक्टर इकोटेक थ्री पुलिस और एसआईटी विशेष जांच दल ने ग्रेटर नोएडा वेस्ट के तुलसियाना गांव में हुए भूमि आवंटन घोटाले में बुधवार को भाजपा एमएलसी नरेंद्र भाटी के भाई कैलाश भाटी और उनके सहयोगी कमल और पूर्व प्रधान राजेंद्र के बेटे दीपक को गिरफ्तार कर लिया मुख्य आरोपी राजेंद्र अभी भी फरार है विशेष जांच दल के अनुसार कैलाश भाटी ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में प्रबंधक थे
अप्पर पुलिस आयुक्त मुख्यालय भारतीय सिंह ने बताया की भूमि घोटाले में सच सेवा ट्रस्ट द्वारा सेक्टर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया था जिसके बाद तत्कालीन डीएम बी एन सिंह ने जांच के आदेश दिए जांच के आदेश में पाया गया कि प्राधिकरण के कागजात में छेड़छाड़ और कूट रचित दस्तावेज तैयार कर 6% के भूखंड में गड़बड़ी की गई जिसके बाद राजेंद्र सिंह ने अपनी 2 पुत्र वधू ओं के नाम जमीन करवा ली बाद में आरोपियों ने इस भूखंड को तुलसियाना से ट्रांसफर करवा कर तुगलपुर में लगवाया और उस पर कमर्शियल कंपलेक्स खड़ा कर दिया पुलिस ने बुधवार दोपहर तीनों आरोपियों को न्यायालय में पेश किया है और ना न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है कमल प्राधिकरण का पूर्व कर्मचारी है जिसे बीते दिनों नौकरी से हटा दिया गया था
मुआवजे के फर्जी खेल से शुरू हुआ घोटाला
एडीसीपी अनिल कुमार यादव के अनुसार राजेंद्र ने अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर खसरा संख्या 1104 की जमीन का 20% मुआवजा गलत तरीके से उठाया तुलसियाना गांव की जमीन पर मिलने वाले भूखंड को ट्रांसफर करवा लिया इसके बाद भूखंड पर बिना नक्शा पास कराए कमर्शियल कंपलेक्स भी खड़ा कर दिया इस पूरी प्रक्रिया में प्राधिकरण के तत्कालीन वरिष्ठ प्रबंधक कैलाश भाटी और कनिष्ठ सहायक कमल द्वारा कूट रचित दस्तावेज तैयार करके अथॉरिटी की तरफ से रजिस्टर में हस्ताक्षर किए गए एसआईटी की जांच में तुलसियाना की सैकड़ों बीघा सरकारी जमीन पर पात्रों को पट्टे दिए गए टीपीएल कंपनी ने अनुमति के बाद करीब 1000 बीघा जमीन खरीदी की जानकारी सामने आई इसके साथ ही कंपनी ने टेक्नोस्पार्क की योजना बनाई पर कुछ किया नहीं और कंपनी उस जमीन की बिक्री करने लगी जिस की खरीद बिक्री हो नहीं सकती थी 1991 में प्राधिकरण के गठन के बाद प्राधिकरण से 80% जमीन का मुआवज़ा भी लिया।