नोएडा की लोटस बुलेवर्ड सोसाइटी में 1 साल की बच्चे के साथ आवारा कुत्तों द्वारा हत्या किए जाने से उपजे रोष के बाद नोएडा अथॉरिटी ने एक डॉग पॉलिसी गठित की थी जिसमें लोगों से सुझाव मांगे थे और जिसके लिए इंदिरा गांधी कला केंद्र में बीते दिनों एक मीटिंग लोगों के साथ की गई इसके बाद माना जा रहा था कि वह सुझाव के आधार पर पॉलिसी को अपडेट करके लोगों के अनुकूल बनाया जाएगा लेकिन आवारा और पालतू कुत्तों के पालन को लेकर एक बार फिर से राजनैतिक दबाव नोएडा प्राधिकरण पर पड़ने लगा है

बुधवार को नोएडा अथॉरिटी के कार्यालय में एक स्पेशल मीटिंग में कुछ चुनिंदा एनजीओ की मीटिंग प्राधिकरण के ओएसडी इंदु प्रकाश और अन्य पदाधिकारियों के सामने की गई जिसमें एनजीओ की तरफ से दिल्ली से आई अंबिका शुक्ला ने पॉलिसी में आए नियमों की जगह अपनी मांगे रखी अंबिका शुक्ला ने कुत्तों के मुंह पर मसल बांधने को कुत्तों के लिए कष्टदायक बताया इसके साथ ही उन्होंने फील्डिंग पॉइंट सोसाइटी के अंदर करने की मांग की इसके साथ ही कुत्तों के लिए लोकेशन के हिसाब से अलग-अलग नोडल ऑफिसर नियुक्त करने की मांग की। उन्होंने लिफ्ट कुत्ता प्रेमियों के लिए अलग करने की मांग की ।
कुत्तों के पक्ष में अंबिका शुक्ला ने दिए अजीबोगरीब तर्क
डॉग पॉलिसी पर नोएडा प्राधिकरण में आपत्ति जताते पहुंची अंबिका शुक्ला के आने रखने पर उठे प्रश्न, लोगो ने पूछा, क्या @noida_authority निवासियों की जगह एनजीओ से सुझाव मांग रहा है#NCRKhabar #DogPolicyNoida @CeoNoida @InduPrakashPCS pic.twitter.com/Zl6iDCKC6Z
— NCRKHABAR (@NCRKHABAR) November 23, 2022
अंबिका शुक्ला ने अजीबोगरीब तर्क देते हुए कहा कि अगर फील्डिंग पॉइंट बाहर बनाए गए तो बाहर से कुत्ते अंदर आ जाएंगे जबकि नोएडा की कुछ साइटों में जहां सोसाइटी के बाहर फीडिंग पॉइंट बनाए गए वहां बाहर के कुत्ते और अंदर के कुत्तों के बीच कोई लड़ाई देखी नहीं गई सेक्टर 120 में प्रतीक लॉरेल सोसाइटी में वहां किए एओए ने सोसायटी के बाहर जाकर फील्डिंग पॉइंट बनाए हैं
वही अंबिका शुक्ला फील्डिंग पॉइंट को बाहर बनाने को लोगों द्वारा इसको अथॉरिटी के जगह पर अतिक्रमण बताने से भी नहीं चुकी जबकि यह बताना भूल गई कि क्या सोसायटी बनाते समय सोसायटी के रूल में कहीं लिखा गया था कि वहां कुत्तों या अन्य जानवरों के लिए फील्डिंग पॉइंट अंदर बनाया जाएगा क्या किसी सोसाइटी एक्ट में यह प्रावधान किया गया है कि जब भी कोई सोसाइटी बनेगी और उसके हिसाब से जगह बनाई जाएगी तो उसके नक्शे में कुत्तों के लिए जानवरों के लिए फील्डिंग पॉइंट्स बनाए जाएंगे ।
अंबिका शुक्ला बीते हफ्ते भी कुत्तों को मारने वालों को लेकर एक बेहद असंवेदनशील बयान दे चुकी हैं उन्होंने अपने बयान में कहा था कि जो लोग आज कुत्तों को मार रहे हैं कल के सीरियल किलर सकते हैं ।
आरडबल्यूए प्रतिनिधि ने कुत्तो के लिए संचालन पर किए हाथ खड़े
वही आरडब्लूए के प्रतिनिधित्व के नाम पर पहुंची एनजीओ एनपी सिंह की अध्यक्षता में पहुंची एनजीओ की ओर से बोलते हुए उनके प्रतिनिधि ने भी कुत्ता प्रेमियों के पक्ष में ही अपने प्रस्ताव रखे । फील्डिंग प्वाइंट्स और अन्य बातों के लिए आरडब्ल्यूए की तरफ से हाथ खड़े कर दिए और उसका निर्धारण भी कुत्ता प्रेमियों को काटने को कहा। उन्होंने एक आरडब्लूए पर लगभग 2 से 3000 कुत्तों के होने की बात कहकर इसके लिए कुत्ता प्रेमियों को जिम्मेदारी देने को कहा जो एक बार फिर से सेक्टर के अंदर आरडब्लूए के समानांतर उत्तर प्रेमियों की एक नई व्यवस्था खड़ी करने की बात साबित हो सकती है ऐसे में कुत्ता प्रेमियों को आम नागरिकों पर उत्पीड़न के एक बार फिर से राजनैतिक सुरक्षा के साथ-साथ वैधानिक अधिकार भी मिल जाएगा । आपको बता दें अक्सर कुत्ता पीड़ित लोग संगठित नहीं होते हैं जबकि कुत्ता पालने वाले कुत्तों को प्रेम करने वाले और कुत्तों को फिट करने वाले लोग एक संगठन संगठन के तौर पर काम करते हैं इनके पक्ष में ना सिर्फ नोएडा के विभिन्न जगह से लोग आ जाते हैं बल्कि पूरे देश से इनके लिए लोग खड़े हो जाते हैं जिससे पीड़ित व्यक्ति अकेला महसूस करता है
मीटिंग के वीडियो बाहर आने बाद सोशल मीडिया पर लोग हुए नाराज
इस मीटिंग के वीडियो बाहर आने के बाद लोगों ने नोएडा अथॉरिटी द्वारा बुलाई गई इस स्पेशल मीटिंग पर ही सवाल उठाने शुरू कर दिए लोगों ने कहा कि जैसा कि अंदेशा लग रहा था कि आवारा कुत्तों को लेकर बनाई जा रही पॉलिसी पर मेडिकल माफिया और एनजीओ की तरफ से राजनीतिक दबाव पड़ना शुरू हो गया है बो डर सब सही साबित हो रहा है नहीं तो एक बार पब्लिक मीटिंग बुलाने के बाद बैक डोर से एनजीओ को बुलाने की जरूरत क्या थी । वहीं कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर लिखा कि एक बार फिर से कहीं प्राधिकरण राजनीति और एनजीओ के चक्कर में उलझ कर आम लोगों की सुविधा के खिलाफ नियम ना बना दे और अगर ऐसा हुआ तो एक बार फिर से आंदोलन की राह पकड़नी पड़ेगी