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नोएडा के लोटस बुलबर्ड सोसाइटी में कुत्ते के काटने से बच्चे की मृत्यु, क्यों ना तय हो कुत्ता प्रेमी गैंग की जिम्मेदारी

गौतम बुध नगर में आवारा कुत्तों को लेकर कुत्ता प्रेमी गैंग के लोगों का प्रेम अब नगर वासियों पर कितना भारी पड़ने लगा है इसका परिणाम कल लोटस बुलेवर्ड में हुई घटना के रूप में दिख गया है कल शाम लोटस बुलेवार्ड सोसाइटी में आवारा कुत्तों के हमले से घायल हुए बच्चे की देर रात मृत्यु हो गई । बताया जाता है कि बच्चे की आंते बहार आ गई थी । सोसाइटी में एवं उपाध्यक्ष धर्मवीर यादव के अनुसार बच्चे को निजी अस्पताल पहुंचाया गया था देर रात तक ऑपरेशन चलता रहा डॉक्टर के अनुसार बच्चे की याद बाहर आ चुकी थी उसमें काफी गहरी चोट लगी इस कारण डॉक्टरों से बचा नहीं सके

बच्चे की मृत्यु से सोसाइटी में काम रही श्रमिक की काली हुई दिवाली

लोटस गुलबर्ग सोसाइटी में काम कर रही महिला श्रमिक सपना देवी के बच्चे अरविंद की मृत्यु के साथ ही उसकी दिवाली भी काली हो गई है । सोसायटी के लोगों ने सुबह इस समाचार को सुनने के बाद इसे सोसाइटी के इतिहास में काला दिन कहा लोगों का कहना है कि कुत्ता प्रेमी गैंग की जिद के चलते इस बच्चे की मृत्यु हुई है और इस बच्चे की मृत्यु के जिम्मेदार इन आवारा कुत्तों को सोसाइटी के अंदर फीड कराने वाले लोग हैं और वह संस्था और राजनेता हैं जिन्होंने पैसों के लालच में आवारा कुत्तों को मानव जाति से ऊपर रख दिया है

कोर्ट के आदेश की आड़ में हाथ खड़े कर देता है प्रशासन और नोएडा प्राधिकरण

वर्षों से आवारा कुत्तों के आतंक के खिलाफ उठ रही मांगों पर प्रशासन और प्राधिकरण हमेशा हाथ खड़े कर देते हैं उनका कहना है कि कोर्ट के आदेश के कारण उनके हाथ बंधे हुए हैं वह कुत्तों को उनकी जगह से रीलोकेट नहीं कर सकते हैं कदाचित कुत्ते प्रेमी संस्थाओं ने मिलकर कुत्तों के नाम पर जो चक्रव्यूह रच दिया है उसमें कोई भी अधिकारी अपनी गर्दन नहीं फसाना चाहता है यही कारण है कि कुत्तों के काटने की घटनाएं लगातार सामने आती रहती हैं जानकारों की माने तो भारत के अलावा कहीं भी कुत्तों की टेरिटरी और कुत्तों को रीलोकेट ना करने वाले कानून नहीं है यह कानून यहां पर जानबूझकर कोर्ट में बनाए गए है ।

दक्षिण भारत में मांगी गई थी आवारा कुत्तों के सामूहिक हत्या की अनुमति

बीते दिनों दक्षिण भारत के राज्य में लगातार कुत्तों के बढ़ते आतंक के चलते वहां के प्रशासन ने कोर्ट से कुत्तों की सामूहिक हत्या के लिए अनुमति मांगी थी जिस पर कुत्ता प्रेमी गैंग के लोगों ने बहुत हल्ला मचाया था

कुत्तों की टेरिटरी और रिलोकेट ना करने का तुगलगी नियम सिर्फ भारत में, विदेशी में आवारा कुत्तों के लिए होते है शेल्टर होम

विदेशों में भी लोग कुत्ते पालते हैं और उनके नियमों का पालन करते हैं इसके साथ ही आवारा कुत्तों के लिए बाकायदा शेल्टर होम बनाए जाते हैं जो शहर से दूर होते हैं लेकिन भारत में कुत्ता प्रेमी कुत्तों को सोसाइटी के अंदर और शहर में ही रखने की वकालत करते नजर आते हैं जिससे ऐसी घटनाएं होती रहे कई मामलों में ये देखा गया है कि कुत्ता प्रेमी गैंग की महिलाए गाड़ियों में कुत्तों को छिपा कर सोसाइटी में ले आती है फिर कानून के नाम पर इनको वहां से निकले जाने का विरोधी करती है

मेडिकल माफिया भी है इसमें शामिल

शहर में एक राजनेता का स्पष्ट कहना है कि आवारा कुत्ता शहर में रहे इसके लिए कुत्ता प्रेमी लोगों को बकायदा रेबीज की दवाई बनाने वाली कंपनियों की तरफ से फंड दिया जाता है जिसके कारण पूरा तंत्र इस बात के आगे नतमस्तक हो जाता है और ऐसी घटनाएं होती रहती हैं जिसका परिणाम कल एक बच्चे की मृत्यु के रूप में आया है

NCRKhabar Mobile Desk

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