नोएडा की ग्रैंड ओमेक्स सोसाइटी में महिला को सारे आम अपशब्द धमकी और शारीरिक हमला करने वाले और खुद को बड़ा भाजपा नेता बताने वाले श्रीकांत त्यागी की चर्चा भले ही मीडिया में वायरल वीडियो के बाद आज हो रही हो लेकिन सच ये है कि ऐसे ना जाने कितने श्रीकांत त्यागी नोएडा ग्रेटर नोएडा की सोसाइटियो में हर रोज लोगो को परेशान कर रहे ही । सोशल मीडिया पर ओमेक्स ग्रैंड ही नहीं एवीजी हाइट में भी ऐसा ही मामला सामने आ रहा है जिसमें एक महिला को लेकर तमाम गालियां देने के आरोप लगाए जा रहा है लेकिन पुलिस कुछ नही कर पा रही है
राजनैतिक पहुंच और स्थानीय ग्रामीण रसूख के चलते सामने नहीं आ पाते मामले
नोएडा ग्रेटर नोएडा 2009 में हाई राइज सोसाइटी के बनने का चलन शुरू हुआ जिसमें नोएडा के उद्योगों में काम करने वाले लोगों ने फ्लैट बुक कराए और यह माना गया की इन सोसायटियो में लोग सुरक्षित रहेंगे लेकिन पैसे के रसूख और स्थानीय दबंगई के चलते तमाम ऐसे लोगों ने भी इन सोसायटी में फ्लैट खरीद लिए जिन्होंने सोसाइटी में लोगों को अपनी राजनीतिक पहुंच और दबंगई के चलते दबाना शुरू कर दिया आज नोएडा ग्रेटर नोएडा की हर सोसाइटी में ऐसे एक से दो दबंग आपको जरूर मिलेंगे जिनका खुद को नोएडा गौतम बुध नगर के स्थानीय निवासी होने और हमारी जमीन पर मकान बने होने की हनक लगातार साफ दिखाई देती है ऐसे में बाहर से आए व्यक्ति के लिए अपमान का घूंट पीकर रह जाने के अलावा कोई चारा नहीं रहता श्रीकांत त्यागी लगातार खुद को नोएडा के एक गांव का निवासी बताता रहा है और सोसाइटी में फ्लैट लेने से पहले वह यहां भी पूरी दबंगई के साथ रहता था । उसका सपना मोदी नगर से भाजपा से विधायक का टिकट लेने का भी था ।
बाहुबली राजनेता कहलाना बन चुका है स्टेटस सिंबल
गौतम बुध नगर में 2007 के बाद से बाहुबली राजनेता के लाने का चलन तेजी से बढ़ा है गौतम बुध नगर में जमीनों के अधिग्रहण के बाद आए पैसे के बलबूते गांव में प्रधानी के इलेक्शन लड़ने वाले नेता भी जिले स्तर के नेता बताने लगे हैं ऐसे में नोएडा की राजनीति की साधारण समझ रखने वाला व्यक्ति भी यह जानता है कि यहां होली से लेकर दिवाली तक और 15 अगस्त से लेकर 26 जनवरी तक ऐसे तमाम स्वयंभू राजनेताओं के बैनर पोस्टर आपको सड़कों पर लगे दिखाई देंगे जो किसी ना किसी पार्टी से खुद को संबंधित बताते हैं, विपक्ष ही नही सत्तारूढ़ राजनीतिक दलों के सांसद और विधायकों को भी इनसे तब तक परहेज नहीं रहता है जब तक मामला बड़ा ना हो जाए
जिले के किसान नेताओं का सच
गौतम बुध नगर उत्तर प्रदेश का एकमात्र ऐसा जिला है जहां के किसान और किसान नेता फॉर्च्यूनर से नीचे नहीं चलते हैं तमाम बार इन बातों को लिखे जाने पर यहां के राजनेता सवाल उठाते रहे हैं कि क्या किसान फॉर्चूनर से नहीं चल सकता है ?
2 साल पहले चले किसान आंदोलन के नाम पर भी यहां तमाम ऐसे प्रकरण दिखे जिसमें किसान नेताओं के नाम पर स्थानीय भूमाफिया अपराधिक प्रवृत्ति के लोग हंगामा करते रहे और पुलिस प्रशासन उनसे शांति बनाने की उम्मीद करता रहा ऐसे में किसान नेता का टैग दबंगई दिखाने का नया शक्ल बनता रहा है श्रीकांत त्यागी के बारे में भी यही कहा जा रहा है कि वह भाजपा के किसान मोर्चा का पदाधिकारी रहा है ।
राजनेता, किसान नेता की आड़ में सोसाइटी के आसपास के गांवों में भूमाफिया बन चुके है अवैध कालोनी और अवैध मार्केट
शहर में राजनेता और किसान नेता बनने का और दिखावा करने का एक बड़ा कारण यह भी है कि इसके जरिए तमाम भू माफिया अपने अवैध कालोनियों और अवैध बाजारों को आराम से चला पाते हैं गाड़ियों पर भाजपा नेता और किसान नेता लिखा होने से पुलिस और प्रशासन भी इन के दबाव में आता है और शहर की आबोहवा बिगाड़ रहे अतिक्रमण पर कार्यवाही करने से बचता है नोएडा और ग्रेटर नोएडा में ऐसे तमाम अवैध कॉलोनी और अवैध मार्केट तैयार खड़े हैं जिसमें बड़े बड़े शोरूम, 50 बेड के अस्पताल और कई स्कूल तक बने हैं इन अवैध बाजारों और अवैध कॉलोनियों से इन भू माफियाओं की नियमित आय 10 से 2000000 रुपए महीना है जिसका कोई रिकॉर्ड राजस्व विभाग के पास नहीं होता है नोएडा ग्रेटर नोएडा में भू-माफिया के काम यहीं तक सीमित नहीं है प्राधिकरण द्वारा अधिकृत की गई जमीनों पर लगने वाले साप्ताहिक बाजारों में भी इनका जोर चलता है और हर बाजार से महीने के तीन से ₹500000 तक कमाए जाते हैं । इनमे कई तो प्लॉटिंग करके ही बड़े नेता तक बन गए है और आज उनके बनाए प्रोजेट्स में लोग परेशान हो रहे है
[IT_EPOLL id=”43107″][/IT_EPOLL]जिले की जातीय राजनीति के आगे भी राजनैतिक दल नतमस्तक जिले की सभी सीट जीतने के लिए भाजपा ने भी सबको किया शामिल, विपक्ष भी नहीं है पीछे
गौतम बुध नगर से लेकर गाजियाबाद में मुख्यतः स्थानीय दबंग जातियों में गुर्जर, यादव, जाट ओर त्यागी समुदाय का नाम सामने आता रहा है ऐसे में यहां की राजनीति में इन जातियों के दबंगों का भी हमेशा दबदबा रहा है 2017 से पहले भाजपा में इस तरह के दबंग राजनेताओं की राजनीति को महत्व नहीं दिया जा सकता जाता था लेकिन 2017 में अमित शाह की सबका साथ सबका विकास और उत्तर प्रदेश जीतने की राजनीति के नाम पर लगातार सबको भाजपा से जुड़े जाने लगा ऐसे में व्यक्ति की पहचान उसके कार्य और उसकी दबंगई की बातें गौण हो गई और भाजपा ने चुनाव जीतने की मुहिम में सब को शामिल कर लिया गौतम बुध नगर की राजनीति में डा महेश शर्मा को छोड़कर आज मौजूद सभी स्थापित राजनैतिक चेहरे या तो समाजवादी पार्टी या बहुजन समाज पार्टी से आए हुए हैं ऐसे में उनके साथ आए हुए छूट गई है दबंग स्थानीय नेताओं की पूरी जमात भाजपा में शिफ्ट हो गई श्रीकांत त्यागी भी इसी तरीके से स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ 2019 में भाजपा में शामिल हुआ बताया जा रहा है और लगातार उसके फोटो भाजपा के बड़े नेताओं के साथ विपक्ष सार्वजनिक कर रहा है जिनका जवाब भाजपा से देते नहीं बन रहा है I
शहर में भाजपा अध्यक्ष लिखी गाड़ियों की भरमार, पुलिस प्रशासन भी मूंद लेता है आंखे
भाजपा के नाम पर चल रही है दबंगई को आप खुलेआम सड़कों पर भी देख सकते हैं शहर में रोजाना मुख्य सड़कों पर आपको तमाम ऐसी बड़ी गाड़ियां दिख जाएंगे जिन पर अध्यक्ष भाजपा और मोर्चों के नाम लिखे होंगे जबकि 2017 में चुनाव जीतने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद कहा था कि भाजपा का कोई कार्यकर्ता नेता अपनी गाड़ियों पर झंडे और होटल नहीं लगाएगा ना ही वह अपने पद को लिखेगा लेकिन 5 साल पूरे होते होते यह सब बातें भुला दी गई और अब संगठन की ओर से सिर्फ यह कह दिया जाता है कि ऐसा हमारा कोई कार्यकर्ता काम नहीं करता है लेकिन इस तरीके की नाम लिखी गाड़ियों को पुलिस ना तो रोकती है और ना ही उन पर कोई कार्यवाही करती है ।
भाजपा के ही कुछ लोगों का कहना है कि शहर में जितने अपराधी प्रवृत्ति के छूट भैया नेता थे सब ने माहौल देखकर खुद को भाजपा का बताना शुरू कर दिया और गाड़ियों पर भाजपा अध्यक्ष लिखवाना शुरु कर दिया इसके चलते ही भाजपा का नाम भी खराब हो रहा है और लोगों को परेशानी भी हो रही है। गाड़ियो पर स्टिकर, झंडे ओर सायरन की वयवस्था समाप्त होनी चाहिए I ऐसे में भाजपा और पुलिस प्रशासन इस पर कोई बड़ा एक्शन लेगा या फिर घटना पर लीपापोती करके सब कुछ सामान्य कर दिया जाएगा यह भविष्य बताएगा ।