लंबे इंतजार के बाद, दो चुनाव हारने के बाद अखिलेश यादव आखिरकार नोएडा आए और कार्यकर्ताओं को ना आने से ज्यादा बड़ा दुख देकर चले गए । जी हां अखिलेश यादव के नोएडा आने के बाद समाजवादी पार्टी के गौतम बुध नगर महानगर कार्यकर्ताओं का यही कहना है लोगों का आरोप है कि अखिलेश यादव अपने रिश्तेदारों के कार्यक्रम में रहे अपनी जाति के एक बच्चे को लैपटॉप बांटे और नोएडा से चुनाव लड़े अपने एक मित्र के घर पर व्यक्तिगत तौर पर मिले और चले गए सामान्य कार्यकर्ता जो अखिलेश यादव से मिलना चाहता था ना उससे मिले ना उसकी व्यथा सुनी ना ही यह समझा कि नोएडा में समाजवादी पार्टी आखिर क्यों हारी ?
अखिलेश यादव के इस व्यवहार से दुखी होकर नोएडा में अल्पसंख्यक समुदाय के नेता ने जहां इस्तीफा देने की घोषणा कर दी वहीं तमाम नेता दबी जुबान में शहरी मतदाताओं के प्रति अखिलेश यादव की उदासीनता पर बातें कर रहे हैं पार्टी से जुड़े नेताओं का कहना है कि अखिलेश यादव ग्रैंड ओमेक्स सोसायटी मामले पर श्रीकांत त्यागी के साथ सरकार को लपेट ते तो नजर आए मगर वहां जाने की जरूरत नहीं समझे ना ही रविवार को गिरने वाली सुपर टेक की बिल्डिंग के निवासियों से मिलने की कोई कोशिश उन्होंने की जिसके बाद लोगों का सवाल है कि अगर अखिलेश यादव को ऐसी ही राजनीति करनी है तो फिर उनको 2027 तो छोड़िए 24 में भी पार्टी में कार्यकर्ता मिलना मुश्किल हो जाएगा
महानगर पार्टी उपाध्यक्ष ने ट्विटर पर लिखा अपना दुख
अखिलेश यादव के शहरी नेताओं को इग्नोर करने पर पार्टी के नोएडा महानगर उपाध्यक्ष शैलेंद्र वर्णवाल ने लिखा” माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव जी आपको नोएडा में सुपरटेक केपटाउन, हाइड पार्क ग्रैंड ओमेक्स सोसाइटी आना चाहिए था,सोसाइटी के लोगों के बीच रहेंगे तभी वोट मिलेगा, परंपरागत वोट से 50 साल तक जीत नहीं मिलेगी l सोच और रणनीति बदलनी होगी “
अपनी जाति के बच्चे को दिए लैपटॉप
लोगो की अपेक्षाओं से अलग समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री, व नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव नोएडा आगमन के दौरान नोएडा समाजवादी पार्टी के पूर्व प्रत्याशी सुनील चौधरी के आवास पर भी गए वहां पर उन्होंने पार्टी के नेताओं से मुलाकात किया और उन्होंने अमेटी स्कूल के दसवीं कक्षा में 500 में 500 नंबर लाने वाले मयंक यादव को लैपटॉप देकर सम्मानित किया ।