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स्टीकर को लेकर पैरामाउंट इमोशन सोसाइटी गेट पर हंगामा, विवाद के बाद लोगो को जाने दिया अंदर

ग्रेटर नोएडा की पैरामाउंट सोसाइटी में उस वक्त हंगामा हो गया जब मंगलवार शाम अचानक सोसाइटी के गार्ड्स ने बिना स्टीकर वाले रेजिडेंट्स को गेट पर रोकना शुरू कर दिया । अचानक इस कारवाई से ऑफिस से घर लौट रहे रेजिडेंट परेशान हो गए । लोगो ने इस मामले पर कोई नोटिस को बात पूछी तो मेंटीनेंस ने बताया कि इसका नोटिस mygate ऐप पर दिया गया था । लोगो ने इस पर नोटिस नोटिस पर बोर्ड पर ना होने की बात बताई । लोगो के अनुसार लोग mygate का इस्तेमाल सिर्फ गेस्ट अप्रूवल के लिए करते है ।

विवाद के बाद लोगो 1 दिन की मोहलत देने के नाम पर अंदर जाने दिया लेकिन इस सब से सोसाइटी मेंटेनेंस टीम की कार्यशैली पर सवाल उठे क्योंकि जब एनसीआर खबर ने इस नोटिस की माय गेट पर जानकारी ली तो यह नोटिस 20 तारीख को सर्व किया गया था और इसमें 2 दिन के अंतराल पर गाड़ियों को रोक देने की बात कही गई थी जबकि किसी भी नई योजना को लागू करते वक्त लोगों को कम से कम 7 दिन समय दिया जाता है खासतौर पर अगर वह वर्किंग डेज के बीच में हो ।

स्टीकर पर रोकना AOA बनाने के प्रयासों को रोकने के लिए लोगो ने बताया बिल्डर की चाल

वहीं कुछ लोगों ने स्टीकर की समस्या पर लोगों को परेशान करने की मेंटेनेंस की कार्यवाही को लोगों द्वारा AOA बनाने की मांग से ध्यान हटाने का साधन बताया है लोगों के अनुसार जब रेसिडेंट्स बीते कुछ समय से लगातार AOA बनाने की मांग कर रहे हैं तो ऐसे समय में मेंटेनेंस को इस तरीके के निर्देशों को देने की कोई जरूरत ही नहीं है जैसे ही नई AOA अस्तित्व में आएगी वो इस तरीके के सारे कामों को अपने हाथ में ले लेगी । असल में लोगों का आरोप है कि बीते दिनों निवासियों ने 10 लोगों को नॉमिनेट किया था उसमें बिल्डर के ही कुछ लोगों ने विरोध करके उस पूरी कमेटी को तोड़ दिया था कि यहां पर AOA ना बन सके और बिल्डर अपनी मनमानी करता रहे I अब फिर से लोग इस दिशा मे आगे बढ़ रहे हैं तो ऐसी घटनाओ से लोगो को भटनाने की कोशिश हो रही है I

स्टीकर लोगो की समस्या के लिए है या समाधान के लिए ,स्टीकर ओर एंट्रेंस शुल्क बना कमाई का साधन

नोएडा ग्रेटर नोएडा वेस्ट की हाई सोसाइटी में स्टीकर लगवाना भी बिल्डर के लिए कमाई का साधन है । नियमो के अनुसार सोसाइटी में मेंटीनेंस को रेजिडेंट को हर साल उनकी पार्किंग की संख्या के अनुसार एक कार और दो बाइक का स्टीकर दिया जाना अनिवार्य होता है लेकिन ग्रेटर नोएडा वेस्ट की सोसायटियो में रेजिडेंट के लिए स्टिकर को बेचना भी एक बिजनेस बना लिया गया है सोसायटियो में स्टीकर लगाने की कीमत ₹100 से लेकर ₹300 तक बिल्डर की इच्छा के अनुसार है जबकि यह मेंटेनेंस के अंतर्गत आता है ।

बिल्डर सिर्फ साल भर में एक बार किसी वजह से स्टीकर खराब होने या खराब हो जाने की कंडीशन में ही शुल्क ले सकता है और वह भी सामान्य स्टीकर के लिए 50 या ₹100 तक होना चाहिए । शुल्क स्टीकर के दुरुपयोग को रोकने के लिए होना चाहिए । लेकिन ग्रेटर नोएडा वेस्ट के अधिकांश साथियों में बिल्डरों ने स्पीकर को भी कमाई का साधन बना लिया है 2000 से कम प्रेसिडेंट्स वाली हर सोसाइटी में औसतन एक हजार से ज्यादा लोग किराए पर होते हैं ऐसे में हर 11 महीने में बहुत सारे लोग फ्लैट से आते जाते हैं और बिल्डर के लिए स्टिकर और एंट्रेंस शुल्क एक कमाई का साधन बन जाता है जिसका कोई रिकॉर्ड सरकार के पास नहीं होता है ।

सोसाइटी मे स्टिकर के अलावा नए आने वाले लोगो से बिल्डर एंट्रेंस शुल्क भी एक ओर कमाई का साधन है I जिसको रेसिडेंट के आने के दौरान सोसाइटी मे टूट फुट या लिफ्ट के उपयोग के लिए बताया जाता है जबकि सोसाइटी मे मेंटीनेंस इसीलिए होता है ऐसे मे बिल्डर ये शुल्क किस मद मे ले रहा है इसकी कोई स्पस्ट जानकारी किसी के पास नहीं है

सोसाइटी में अवैध विज्ञापन स्क्रीन और एलईडी लगाकर बिल्डर कर रहे हैं एक्स्ट्रा कमाई

जिले की सभी सोसाइटिओ में आजकल लिफ्ट एरिया के पास एलईडी स्क्रीन और स्टील लगाकर बिल्डर द्वारा कमाई करने का एक नया साधन बना लिया गया जबकि नियमों के अनुसार वहां सिर्फ एक नोटिस बोर्ड होना चाहिए जिससे लोग आते जाते हुए नोटिस ओं को जरूरी संदेशों को पढ़ सके लेकिन अधिक कमाई के लालच में ग्रेटर नोएडा वेस्ट और नोएडा के बिल्डर इन विज्ञापन स्क्रीन को लगा रहे है जिन पर प्रसारण के लिए कोई नियम नहीं है, स्क्रीन पर विज्ञापन और नोटिस डिस्प्ले होने के कानून का पालन हो रहा है या नही इसकी कोई जानकारी सरकार के पास नही है साथ ही इसका कोई फायदा बिल्डर रेजिडेंट को उनके मेंटेनेंस शुल्क में कमी करके नहीं दे रहे हैं जबकि सोसायटी एक्ट के नियम के अनुसार सोसाइटी को किसी भी सोर्स से होने वाली अन्य इनकम का साल भर का ऑडिट करके उसे मेंटेनेंस में कम किया जाना चाहिए या रेजिडेंट्स को स्टेकहोल्डर्स की तरह वापस किया जाना चाहिए । मगर बिल्डर इस सब को करने के बाद भी हर साल मेंटीनेंस शुल्क बढ़ाने लगता है जिसके कारण अधिकांश सोसाइटी मे इसके खिलाफ लोग सडको पर आते है

NCRKhabar Mobile Desk

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