
काले धन के मसले पर केंद्र सरकार के यू-टर्न से नाराज सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर धमकी दी कि अगर विदेश में जमा धन को वापस नहीं लाया जाता है तो वह आंदोलन करेंगे।
उन्होंने पत्र में लिखा है कि काला धन को वापस लाना देश के सामने एक अहम मुद्दा है। अगर जरूरी हुआ तो वह आंदोलन करने से पीछे नहीं हटेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान किए गए वादे को याद दिलाते हुए हजारे ने इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में सरकार के रुख से नाराजगी जताई। उन्होंने लिखा है कि पिछले 35 वर्षों में उन्होंने कई बार धरना दिया है और ये धरने किसी पार्टी या व्यक्ति के खिलाफ नहीं थे बल्कि समाज और देश के फायदे के लिए थे।
उन्होंने आगे लिखा है आपके पास (मोदी) सत्ता में रहने का लंबा अनुभव है। लेकिन वह एक फकीर हैं और उनके पास कोई संपत्ति नहीं है। वह देश के लिए जीते और मरते हैं। इससे पहले हजारे ने लोकपाल के मसले पर भी मोदी को पत्र लिखा था लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिला।
कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा है कि लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान विदेश में जमा काले धन पर किए गए वादों के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हर नागरिक को तीन-तीन लाख रुपये देने चाहिए।
उन्होंने कहा कि मोदी और योग गुरु बाबा रामदेव को इस मुद्दे पर किए गए वादों को पूरा करना चाहिए। कानूनी रूप से काले धन को वापस लाने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर दिग्विजय ने कहा कि वह पहले से ही कह रहे हैं कि इसके लिए सरकार को विदेश से समझौते करने होंगे, वो भी तब जब उस देश का कानून ऐसा करने की अनुमति देता हो।
हम काला धन वापस लाने के खिलाफ नहीं है। इसे लाया जाना चाहिए। दिग्विजय ने इस मुद्दे पर ट्विटर पर भी मोदी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने एक ट्वीट में लिखा है कि मोदी ने विदेश से काला धन वापस लाने और उसे हर भारतीय को तीन-तीन लाख रुपये देने का वादा किया है। यह ‘फेकुइज्म’ की पराकाष्ठा है।