क्या केवल छुट्टे सांड ही राहगीरों को टक्कर मारते हैं या सांडनी, क्षमा करें और गौरक्षक तो अवश्य क्षमा करें क्योंकि गौवंश के भूखे पेट से लेकर उनके उत्पात तक बेशक उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं बनती परंतु कोई गौवंश को अपशब्द कहे यह उनको कतई बर्दाश्त नहीं होगा, तो क्या गाय माता किसी को टक्कर नहीं मारती?
DSC रोड पर सलारपुर में सांडों ने लड़ते हुए बाप बेटी को घायल किया, बेटी की हालत गम्भीर दिल्ली रेफेर #NCRKhabar #SrikantTyagihttps://youtube.com/shorts/ySz3YjuPkIk pic.twitter.com/9jo45LA0dg
— NCRKHABAR (@NCRKHABAR) August 11, 2022
इस राष्ट्रीय महत्व के प्रश्न को उठाने का उद्देश्य सांडों की बिगड़ती जा रही छवि की रक्षा करना नहीं है परंतु उत्तर खोजने से पहले नोएडा के सलारपुर गांव चलते हैं। वहां एक घर में सात वर्षीय जैकलीन की फ्रेम जड़ित फोटो टंग गई है।उसे दो दिन पहले एक गौवंश ने घर से निकलते ही उठापटक कर मार डाला था।
जनचर्चा है कि गौवंश सांड था। हालांकि इसकी पुष्टि करना संभव नहीं है।जब उठापटक चल रही हो तो गौवंश के नीचे झांकने की किसकी हिम्मत है। नोएडा शहर के लोग नोएडा प्राधिकरण पर सांडों को छुट्टा छोड़ने पर गुस्सा निकाल रहे हैं और ग्रेटर नोएडा के लोग उनके सुर में सुर मिला रहे हैं। आखिर प्राधिकरण कितने प्रकार के सांडों को छुट्टा घूमने से रोक सकते हैं?
अभी ग्रैंड ओमेक्स सोसाइटी में एक छुट्टा सांड को बामुश्किल काबू किया गया है। मैं फिर दोहराना चाहता हूं कि केवल सांड ही नहीं सांडनी क्षमा करें गाय माता भी बात बेबात ताबड़तोड़ थप्पड़ मारने लगती हैं। नोएडा के ही फेज दो इलाके में आज उस निरीह ई रिक्शा चालक का बुरा दिन था। उसकी ई रिक्शा जिस कार से कथित तौर पर जरा टच हो गई थी उस कार की मालकिन ने ई रिक्शा चालक को थप्पड़ों से पीटा, कुलटा सरीखी मर्दाना गालियां दीं और उसका एक सीमित दायरे में जुलूस निकाला।
कार मालकिन गौरक्षकों के कबीले की बताई जा रही है। वीडियो वायरल हो रहा है। बेहतरीन दर्शकों में शुमार जनता जनार्दन और कर भी क्या सकती है। कानून हाथ में लेने की चीज नहीं है और यहां तो मामला स्त्री जाति का है।
#viralvideo2022 : गरीब रिक्शा वाले की महिला ने जमकर की पिटाई, भाजपा महिला मोर्चा नोएडा की सदस्य बताई जा रही महिला,
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नोएडा के फेस 2 थाना क्षेत्र का बताया जा रहा है वायरल वीडियो। #NCRKhabar #srikanttyagi @Uppolice @noidapolice pic.twitter.com/b1QoeZ11Ui
मेरा मानना है कि शायद इसीलिए सांड बदनाम है। दरअसल सांडनी क्षमा करें गाय माता को लेकर कोई ‘आ सांड मुझे मार’ वाला मुहावरा अपने ऊपर आजमाना क्यों चाहेगा?
राजेश बैरागी नेक दृष्टि हिंदी साप्ताहिक के संपादक और एनसीआर खबर के सलाहकार संपादक है