नोएडा के श्रीकांत त्यागी प्रकरण में पीड़ित महिला के साथ खड़े होने वाले क्षेत्रीय सांसद डॉ महेश शर्मा का त्यागी समाज द्वारा लगातार विरोध किए जाने के समाचारों और सोशल मीडिया पर बढ़ते विरोध के बाद बीच सांसद डॉ महेश शर्मा ने अपनी सफाई दी है I
सोशल मीडिया पर जारी 3 पेज की प्रेस विज्ञप्ति में महेश शर्मा ने पूरी घटना का उल्लेख किया उन्होंने बताया कि 6 अगस्त को नोएडा की ग्रैंड ओमेक्स सोसाइटी में जब यह घटना हुई तो वह पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के कहने पर जिला अध्यक्ष नोएडा मनोज गुप्ता और महिला मोर्चा अध्यक्ष शारदा चतुर्वेदी के साथ सोसाइटी में पहुंचे पीड़ित महिला से बात की और इस पूरे प्रकरण के बारे में जानकारी महिला द्वारा श्रीकांत त्यागी द्वारा महिला को गाली देने और धक्का देने की जानकारी के बाद उन्होंने कहा कि इस घटना में जो भी दोषी है उसको खिलाफ कार्यवाही की जाएगी
मेरठ सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने फोन कर मांगी मदद
महेश शर्मा ने दावा किया कि अगले दिन लगभग रात्रि 9:00 बजे को एक पारिवारिक कार्यक्रम में थे जहां पर उनको सोसाइटी से कई फोन आए कि वहां 15 लोग घुस आए हैं और बदतमीजी कर रहे हैं इसके साथ ही मेरठ के सांसद राजेंद्र अग्रवाल का फोन डॉक्टर महेश शर्मा के पास आया और उन्होंने कहा कि पीड़ित महिला उनके रिश्तेदार है कृपया उनकी मदद करें ऐसे में डॉ महेश शर्मा पारिवारिक समारोह छोड़कर फौरन वहां पहुंचे और पुलिस के एडिशनल पुलिस कमिश्नर और एडीसीपी से फोन पर वार्ता की उसके बाद कुछ वरिष्ठ अधिकारी वहां पहुंचे
स्थानीय विधायक और अधिकारी पर साजिश का लगाया आरोप
डॉ महेश शर्मा ने इसके बाद दावा किया कि कुछ लोग इस घटना के बाद लगातार सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ दुष्प्रचार कर रहे हैं कि वह किसी एक समाज के खिलाफ बोल रहे हैं ऑटो में शर्मा ने स्पष्ट किया है कि वह इस क्षेत्र की जनता के हमेशा बनी रहे हैं कि उन्होंने जाति बिरादरी से उठकर उनको वोट दिया है उन्होंने कहा कि मैंने कभी जाति धर्म की राजनीति नहीं की है और त्यागी समाज हमेशा से उनका और भाजपा का समर्थक रहा है उन्होंने एक स्थानीय राजनेता,और अधिकारी के संरक्षण में चल रहे यूट्यूब चैनल व अलग अलग संस्थाओं द्वारा अलग-अलग लेटर पैड पर एक ही व्यक्ति एक ही पेन से लिखें पत्रों को बताते हुए कहा कि यह इंगित करता है कि कुछ लोग जानबूझकर स्थिति को खराब कर रहे हैं और पार्टी को बदनाम कर रहे हैं उन्होंने ये भी कहा कि कहा कि अपराधी व पीड़ित को किसी धर्म में जाति से जोड़कर देखना उचित नहीं है