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पड़ताल : हिमालय प्राईड सोसाइटी में मुद्दा शिवलिंग की स्थापना है या फिर कुछ और ?

उठते सवाल
अगर मुद्दा शिवलिंग है तो निवासियों मे ओ सी और रजिस्ट्री का डर और भ्रम क्यों ?
अगर विवाद शिवलिंग स्थापना है तो इसमें हिंदू मुस्लिम का एंगल क्यों ?
क्या सोसाइटी मे लोगो का ध्यान मुद्दो से हटाने के लिए शिवलिंग विवाद को जनम दिया गया यदि हाँ तो इस सबके पीछे कौन ?

सावन के महीने मे जब पूरा संसार शिवमय है तब ग्रेटर नोएडा वेस्ट की हिमालय प्राइड सोसाइटी में बीते हफ्ते भर से शिवलिंग की स्थापना को लेकर उठा विवाद क्या वाकई शिवलिंग की स्थापना का है या फिर इसकी आड़ में कुछ और लोग अपनी अपनी रोटियां सेक रहे है । एनसीआर खबर में इस मामले पर दो समाचार प्रकाशित किया जिसमें एक समाचार शिवलिंग स्थापना का था और दूसरा शिवलिंग स्थापना के बाद उस स्थापना के समर्थन करने वाले लोगों को नोटिस का था साथ ही उसमें यह भी सवाल उठाया गया था की लोगों ने पुलिस द्वारा एक ही तरफ के लोगों को नोटिस भेजने पर रोष जताया था जिसके बाद पुलिस ने यह बताया था कि दोनों पक्षों के विवादित लोगों को नोटिस भेजे जा रहे हैं हालांकि वह नोटिस भेजे गए हैं या नहीं भेजे गए हैं एनसीआर खबर इसकी पुष्टि नहीं करता है । वहीं कुछ लोगों ने यह भी दावा किया कि शिवलिंग के विरोध करने वालों को सोशल मीडिया पर चुप रहने की हिदायत दी जा रही है जिसका वह विरोध करते हैं I एनसीआर खबर ये स्पस्ट करता है कि वो सभी धर्मो का सम्मान करता है ओर ऐसे किसी मामले मे वैध अवैध का दावा नहीं करता है I

लेकिन एनसीआर खबर के समाचार पर दिव्या नाम की एक टि्वटर यूजर ने दावा किया कि शिवलिंग की स्थापना अवैध है और गंदे स्थान पर की गई है जिसके बाद एनसीआर खबर में जब यूजर का प्रोफाइल चेक किया तो उसको देखने में उस में पता लगा कि इस विवाद में मंदिर मुद्दे पर जानबूझकर हिंदू मुस्लिम के बीच दरार पैदा करने की कोशिश की ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि क्या वाकई मंदिर का विरोध था या मंदिर विरोध के आड़ में कुछ शरारती तत्व दो समुदाय के बीच मतभेद पैदा करके मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर बड़ा करना चाहते थे जिससे देश में को सांप्रदायिक माहौल में बांटा जा सके । क्या ये ट्वीट पुलिस कि जानकारी मे है यदि हाँ इस पर क्या कार्यवाही हुई, कार्यवाही की गयी तो तो इसको डिलीट क्यूँ नहीं कराया गया ओर यदि नहीं तो इस पर एक्शन कब होगा ?

वही मंदिर शिवलिंग की जगह की स्थापना का विरोध कर रहे कुछ लोगों का कहना है कि उन्हें स्थापना से परेशानी नहीं है सिर्फ उन्हें अपने टावर के फ्लैट की रजिस्ट्री के लिए उसी ना मिलने का डर है ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि क्या हिमालय प्राईड में बिल्डर और बायर के बीच फ्लैट रजिस्ट्री और समस्याओं के लिए चल रही रस्साकशी के बीच शिवलिंग को निशाना बना लिया गया है । कुछ लोग शिवलिंग को इसकी स्थापना को गलत बताते बताते शिवलिंग स्थापना की खबर को ही फेंक बताने लगे। जबकि समाचार मे स्पस्ट लिखा है कि शिवलिंग कि स्थापना की गयी कहीं भी मंदिर कि स्थापना किए जाने का समाचार नहीं है

कुछ यूजर शिवलिंग स्थापना को अवैध कंस्ट्रक्शन बता रहे हैं जबकि एनसीआर खबर की जांच के अनुसार सोसाइटी में फ्लैट लेने वाले लोगो का दावा है कि बिल्डर में इसी स्थान पर आगे जाकर मंदिर बनने की बात मुहजबानी कही थी और उसी जगह कुछ लोगों ने सावन के महीने में शिवलिंग को स्थापित किया जिसके बाद लोगों में रजिस्ट्री ना होने का डर और भ्रम फैलाया गया जिसके बाद लोग शिवलिंग की स्थापना के खिलाफ हो गए और ऐसे में कुछ लोग क्यूँ शिवलिंग की स्थापना का विरोध करते करते इसे जबरदस्ती दो समुदाय के बीच भावनाएं भड़काने की कोशिश भी करने लगे । ऐसे में ऐसे में यह जरूरी है कि पुलिस इस मामले को फिर से जांच करें और रोजाना सोशल मीडिया पर इसको लेकर चल रहे विवादों को शांत करें ।

NCRKhabar Mobile Desk

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