Sunday special: कब होगी हमारे फ्लैट की रजिस्ट्री, नोएडा ग्रेटर नोएडा में 2 लाख लोगो का यही है सवाल
नोएडा ग्रेटर नोएडा में दो लाख से ज्यादा फ्लैट बायर्स अपने फ्लैट्स के मालिक होने का सपना कई सालों से देख रहे हैं मगर बिल्डर और प्राधिकरण के बीच पैसे के विवाद को लेकर उनके फ्लैट की रजिस्ट्री नहीं हो रही है कई सालों से चलती लड़ाई अब कोर्ट में चली गई है जिसके कारण यह परिवार अपने फ्लैट की रजिस्ट्री का सपना आप भूलने लगे हैं
फ्लैट बायर मुनेश राजावत ने एनसीआर खबर को बताया कि फ्लैट बायर्स आज रजिस्ट्री के लिए परेशान है बड़ी बात यह है कि पहले रजिस्ट्री लागत पर ₹20000 जमा कर हुए हो जाती थी अब कुल वैल्यू का 1% देना पढ़ रहा है उसके बावजूद रजिस्ट्री फ्लैट बायर्स के लिए एक सपना ही है

ग्रेटर नोएडा में मुनेश राजावत की सोसाइटी पैरामाउंट इमोशंस में तो एक और बड़ा विवाद चल रहा है जिसमें 112 ऐसे फ्लैट है जिनकी रजिस्ट्री लोगों के अनुसार किसी तरीके से हो गई और प्राधिकरण उनको सही नहीं बता रहा है लोगों का कहना है कि स्टांप ड्यूटी वह दे चुके हैं जबकि प्राधिकरण के अनुसार वह सही नहीं है ऐसे में जहां एक और प्राधिकरण लोगों की रजिस्ट्री नहीं करा रहा है वही जिनकी किसी तरीके से हो गई है उनको स्वीकार नहीं कर रहा है
लोगों के अनुसार नोएडा और ग्रेटर नोएडा में लगभग दो लाख ऐसे फ्लैट हैं जिसमें से अब तक सिर्फ 80 हजार के आसपास को ओसी यानी ऑक्युपेंसी सर्टिफिकेट जारी किया गया है जिनमें से लगभग 40,000 की रजिस्ट्री अभी तक नहीं हुई है इसके बाद बचे हुए फ्लैट्स अभी भी अधूरे हैं, आम्रपाली जैसे बड़े प्रोजेक्ट के दिवालिया होने के बाद अब कई प्रोजेक्ट्स में बिल्डर दिवालिया होने के लिए अप्लाई करने लगे हैं जिसके बाद लोगों का फ्लैट पाने या रजिस्ट्री का सपना और दूर होता जा रहा है कुछ मामलों में कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद एनबीसीसी उन फ्लैट्स को पूरा करने की कोशिश कर रहा है
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परेशान फ्लैट बायर बिल्डर और प्राधिकरण के बीच में पैसे और ब्याज को लेकर चल रही लड़ाई के बीच में फंस गए हैं इससे पहले नोएडा प्राधिकरण और बिल्डरों के बीच ब्याज को लेकर जुलाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही थी उसमें 13 नवंबर 2021 को फैसला सुरक्षित कर लिया गया था लेकिन उसके बाद से अभी तक फैसले पर कोई प्रगति नहीं हुई है जिसके कारण 6 महीने से ज्यादा होने के बावजूद रजिस्ट्री का मामला अटका हुआ है । सरकारी आंकड़ों में अधिकारी साल भर में 550 रजिस्ट्री होने का दावा करते हैं लेकिन जब फ्लैट बायर लाखों में हैं तो 550 की रजिस्ट्री ऊंट के मुंह में जीरा ही साबित होती है