
सीबीआई ने वीडियोकॉन ग्रुप के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत को आज गिरफ्तार कर लिया है। आईसीआईसीआई-वीडियोकॉन लोन फ्रॉड मामले में यह तीसरी गिरफ्तारी है।
वीडियोकॉन को आईसीआईसीआई बैंक से 3250 करोड़ रुपये का लोन मिला था और ये तब मिला था जब चंदा कोचर बैंक की सीईओ थीं। आरोप है कि इस लोन के बदले दीपक कोचर की कंपनी एनयू पावर रिन्यूएबल में वीडियोकॉन ने निवेश किया था। दीपक कोचर आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर के पति हैं।
चंदा कोचर पर मार्च 2018 में अपने पति को आर्थिक फायदा पहुंचाने के लिए अपने पद के दुरुपयोग का आरोप लगा था।ऐसा कहा जा रहा है कि वीडियोकॉन ग्रुप के मालिक वेणुगोपाल धूत ने चंदा कोचर के पति दीपक कोचर और उनके दो संबंधियों के साथ मिलकर एक कंपनी बनाई थी। इसमें दोनों के बीच 3250 करोड़ की ‘स्वीट डील’ हुई थी। ऐसे आरोप हैं कि 3250 करोड़ का लोन दिलाने में चंदा कोचर ने मदद की थी।
मीडिया ने यह मामला सबसे पहले एक व्हिसल ब्लोअर अरविंद गुप्ता की शिकायत के बाद सामने आया।अरविंद गुप्ता वीडियोकॉन समूह में एक निवेशक थे। उन्होंने साल 2016 में आईसीआईसीआई बैंक और वीडियोकॉन समूह के बीच होने वाले लेन देन पर सवाल उठाए थे। उन्होंने प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री को लिखे पत्र में कोचर के कथित अनुचित व्यवहार और हितों के टकराव के बारे में जानकारी दी थी। उस समय अरविंद गुप्ता की शिकायत पर बहुत अधिक ध्यान नहीं दिया गया। इसके बाद उन्होंने दीपक कोचर द्वारा साल 2010 में प्रमोट की गई कंपनी एनयू पावर रिन्यूएबल्स के बारे में और अधिक जानकारियां जुटाईं।