नोएडा की राह पर दादरी विधानसभा, टूटा जातीय बाहुलयता का मिथक : शहरी आबादी ने चुना भाजपा को, स्थानीय ओर जातीय सम्मान के नाम पर राजकुमार भाटी को मिले महज 79850 वोट

दिल्ली से सटी नोएडा ओर दादरी विधानसभा पर भाजपा की प्रचंड जीत ने यहाँ की स्थानीय ओर जातीय राजनीति को एक बार फिर से पीछे छोड़ ये बताया कि शहरी वोटर को आप जाति मे नहीं बांध सकते है ओर इन दोनों सीट पर इस बार भी शहरी वोटर्स का दबदबा ही कायम रहा। जीत के अंतर से साफ दिख रहा है कि दोनों सीट पर जातिगत आकड़ा काम नहीं आया।

पंकज सिंह की लगातार दूसरी जीत से ब्राह्मण दावा हुआ बेअसर

नोएडा के 7 लाख वोटर मे परंपरागत तोर पर डा महेश शर्मा से उदय से ये माना गया कि यहाँ ब्राह्मण समुदाय के वोटर का दबदबा है I लेकिन लगातार दूसरी बार पंकज सिंह की रिकार्ड जीत ने इस दावे को ख़तम कर दिया है I शहर मे जातीय आंकड़ो कि वैसे तो कोई पुख्ता गिनती नहीं है लेकिन जातीय दावेदारों कि माने तो 7 लाख कि संख्या वाले नोएडा विधान सभा मे 1.6 लाख वैश्य वोटर, 1.1 लाख ब्राह्मण, 70 हज़ार कायस्थ, 60 हज़ार पंजाबी, 50 हज़ार दलित 35 हजार ठाकुर, 3० हजार यादव, ओर 25 हज़ार गुर्जर समुदाय, 70 हजार वोटर मुस्लिम है इनके अलावा 1 लाख वोटर अन्य ओबीसी वोटर का है I इनमे वैश्य, कायस्थ, पंजाबी ओर ठाकुर, अन्य ओबीसी का 100 प्रतिशत ओर ब्राह्मण का 60 प्रतिशत हिस्सा शहरी वोटर मे आता है जिससे पार पाना स्तहनीय ओर जातिगत वोटर के बस का नहीं है I ओर यही वजह है कि समाजवादी पार्टी के सुनील चौधरी 60000 वोटो के बाद रुक जाते है तो ब्राह्मण राजनीति के दावेदार क्र्पा राम शर्मा ओर पंखुड़ी पाठक 200000 का आंकड़ा भी पार नहीं सके I
स्थानीय ओर जातीय सम्मान के नाम पर नहीं जीत सके राजकुमार भाटी
वहीं दादरी विधान सभा मे भी 6 लाख वोटर इस बार जातीय गोलबंदी कि जगह एक तरफा भाजपा से जुड़े I यहाँ भी जातीय दावेदारों कि माने तो 1.5 लाख गुर्जर समुदाय के वोट है इसके बाद 80 हज़ार मुस्लिम ओर बाकी अन्य जातियो के वोट है जिनके गाँव मे ब्राह्मण दलित, वैश्य, ठाकुर तो शहर मे वैश्य, ठाकुर, कायस्थ,पंजाबी ओर अन्य ओबीसी प्रमुखता से है ओर इसी शहरी वोटर ने स्थानीय जातीय गोलबंदी के खिलाफ एकजुट होकर वोट दिया I विधान सभा के उम्मीदवार जहां जिले मे बीते दिनो सम्राट मिहिर भोज के जाती विवाद को लेकर मुखर थे तो शहरी मतदाता इस विवाद की आड़ मे हो रही अराजकता को हारने के लिए लिए एकजुट ओर शांत दिखा जिसका परिणाम ये हुआ कि मिहिर भोज प्रकरण मे सबसे ज्यादा आगे रहने वाले समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी राजकुमार भाटी को 79850 वोटो पर तो बसपा के मनवीर भाटी को महज 40388 से संतोष करना पड़ा जबकि मानवीर भाटी के वोटो मे दलित वोट भी शामिल है I जबकि जातीय गोलबंदी पर बने राजनैतिक दल मिहिर सेना को बस 730 वोट ही मिले I भाजपा यहाँ 217618 वोट लेकर बड़े अंतर से जीती है I
बायर्स संगठन के प्रभाव को भी शहरी मतदाता ने नाकारा
दादरी और नॉएडा दोनों ही जगह बायर्स के फ़्लैट को लेकर तमाम संगठन अपने साथ लोगो के होने का दावा करते रहे है लेकिन इस चुनाव में उनके दावो को भी शहरी जनता ने नकार दिया है I नेफोमा के अध्यक्ष अन्नू खान बायर्स की समस्याओं के नाम पर चुनाव लादे लेकिन उनको महज 287 वोट ही मिले I स्पस्ट है कि शहरी राजनीति को सिर्फ बायर्स से देखना अब कामयाब नहीं रह सकता है I जनता ने समस्याओ के बाबजूद प्रदेश निर्माण ओर योगी आदित्यनाथ की कार्यशैली को वोट दिया है I भाजपा बिसरख मंडल अध्यक्ष ने चुनाव परिणाम के बाद लिखा
ग्रेटर नोएडा वेस्ट में सिर्फ भगवा लहराया है, स्वार्थी संगठन की नोटा मुहिम को लगा बड़ा धक्का…. ग्रेटर नोएडा वेस्ट में विपक्ष की गोद में बैठने वाले स्वार्थी संगठनों नौटंकी अब खत्म।
भाजपा बिसरख मंडल अध्यक्ष
ऐसे में नॉएडा और दादरी विधानसभा में भाजपा को शहरी और गाँव दोनों के ही मतदाता का ध्यान रखना होगा I नोएडा दादरी ओर जेवर विधानसभा सीट पर राजनीति करने वाले विपक्ष को ये समझना पड़ेगा I पार्ट टाइम किसान, जाति या संगठन की नेतागिरी से आप अब चुनाव नहीं जीत सकते है I चुनाव जीतना है तो आपको 5 साल भाजपा के सामने मतदाता खास तोर पर शहरी के लिए काम करना होगा फिलहाल इन दोनों ही सीटो पर भाजपा अब किस तरह से काम करेगी ये देखना रोचक रहेगा I इन दोनों ही विधानसभाओ में विधायको के लिए अथारटी के अधिकारियो से जनकल्याण की योजनाओं पर काम करवा पाने का दबाब भी रहेगा क्योंकि दोनों ही विधान सभा में सभी कार्यो के ये अथारटी के अधिकारियों पर ही निर्भर है