उत्तर प्रदेश चुनाव के प्रथम चरण के प्रचार में अब बस 2 हफ्तों का समय रह गया है ऐसे में प्रथम चरण में गौतम बुध नगर जिले की नोएडा सीट पर अभी भी भाजपा के वर्तमान विधायक पंकज सिंह की दावेदारी स्पष्ट बनी हुई है जनवरी के दूसरे सप्ताह में लिए एनसीआर खबर के सर्वे में नोएडा के लोगों का साफ कहना है कि पंकज सिंह से नाराजगी है मगर भाजपा के अलावा किसी अन्य विकल्प के अभाव में फिलहाल उनका वोट भाजपा को ही जाएगा देखते हैं कुछ मुद्दों पर लोग पंकज सिंह से क्या उम्मीदें रखते थे और वो इन्हे पूरी कर पाए
पंकज सिंह के लोगो से सीधे ना मिलने से नाराज है लोग
सर्वे में एनसीआर खबर का पहला सवाल लोगों से था कि क्या वह अपने विधायक से खुश हैं जिसके जवाब में अधिकांश लोगों ने कहा कि नहीं, वह पंकज सिंह की कार्यशैली से नाखुश हैं भारतीय जनता पार्टी में कार्यकर्ता होने का दावा करने वाले कई लोगों ने कहा कि कार्यकर्ता होने के बावजूद पंकज सिंह से एक फोन कॉल पर मिलना मुश्किल है जिले में उनसे ज्यादा आसान सांसद डॉ महेश शर्मा से मिलना है सभी कार्यकर्ताओं को पता है की शाम को 7:00 बजे के बाद अगर सांसद शहर में है तो कैलाश अस्पताल में जरूर मिलेंगे लेकिन पंकज सिंह के साथ यह संभव नहीं हो पाता है दूसरे कार्यकाल में लोगों की अपेक्षा पंकज सिंह से यह जरूर रहेगी कि लोग उनके पीए की जगह सीधे उनसे बात कर सके
फ्लैट बायर्स का गुस्सा भी है नाराजगी का बड़ा कारण
ऐसा नहीं है कि लोग पंकज सिंह से सिर्फ ना मिलने के कारण नाराज है दूसरा बड़ा कारण सोसायटी में रहने वाले लोगों का फ्लैट को लेकर बिल्डर्स के साथ आ रही समस्याओं को लेकर हैं I लोगों के अनुसार जो काम 5 साल में पूरे हो जाने चाहिए थे विधायक पंकज सिंह के इंटरेस्ट ना लेने के कारण काम नहीं हो पाया । पंकज सिंह जैसे बड़े कद के नेता का नोएडा से विधायक होना फ्लैट वायरस को यह उम्मीद बना दिया था की नोएडा में बिल्डिंग बायलाज का पालन नोएडा अथॉरिटी करवा पाएगी मगर यह परेशानी बनी हुई है तमाम मामलो में निर्णय इंप्लीमेंट नही हो पाए यहां तक कि योगी जी द्वारा उठाए गए कुछ कदमों के बावजूद भी अपेक्षित परिणाम बायर्स को नहीं मिले हैं फिर भी अधिकांश लोग दूसरे कार्यकाल के लिए लोग पंकज सिंह को ही मौका देना चाहते हैं उनका कहना है कि आज के हालात में उनके पास बीजेपी से बेहतर विकल्प कोई नहीं है इसलिए नोएडा में एक बार फिर से वह पंकज सिंह को ही वोट देंगे
किसानों की समस्या पर कोई बड़ा काम नहीं
शहरी मतदाता के बाद भाजपा का बड़ा वोटर गांव से आता है लेकिन नोएडा में किसानो द्वारा डेढ़ सौ दिन तक अथॉरिटी के खिलाफ धरना देने के बाबजूद किसानों की समस्याओं का ना सुलझना भी भाजपा के वर्तमान विधायक पंकज सिंह के खिलाफ माहौल बनाता है जनवरी के प्रथम सप्ताह में उस धरने को बड़ी मुश्किल से समाप्त कराया गया लेकिन क्षेत्र में किसानों के दिल में पंकज सिंह को लेकर अभी भी सवाल बाकी हैं हालांकि यह नाराजगी फिर से विकल्प के अभाव में पंकज सिंह के पक्ष में चली जाती है किसानो कि नाराज़गी भले ही कितनी भी हो लेकिन विपक्ष के नेताओं से भी उनको कोई अपेक्षा नहीं है
विपक्ष में खड़े प्रत्याशियों में कोई भी पंकज सिंह के समक्ष नही
पंकज सिंह के खिलाफ उतरे प्रत्याशियों पर भी लोगों का स्पष्ट कहना है की उनकी अपने विधायक पंकज सिंह से नाराजगी तो बहुत है मगर यह भी सच है कि बीते 5 साल में आज चुनाव लड़ रहे किसी भी प्रत्याशी ने ऐसा कोई काम नहीं किया है जिसके चलते यहां का मतदाता उनके साथ अपने आप को जोड़ सकें चुनाव से 6 महीने पहले जरूर कुछ प्रत्याशियों ने सैनीटाईजेशन जैसे कुछ काम करके दिखाने की कोशिश की कि वह जनता के लिए हैं लेकिन सच यही है कि नोएडा जैसी विधानसभा में फिलहाल पंकज सिंह के खिलाफ कोई प्रत्याशी नहीं है और लगातार प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने का जो माहौल है ऐसे में पंकज सिंह जैसे कद्दावर नेता को वोट ना देकर शहर के लोग शहर का विकास नहीं रोकना चाहते हैं
जातीय आधार पर भी पंकज सिंह पर कोई असर नहीं
सर्वे के दौरान पंकज सिंह के खिलाफ उतरने वाले प्रत्याशियों के जातीय समीकरण पर भी लोगों का स्पष्ट कहना है कि नोएडा में मतदाता पढ़ा-लिखा शहरी वर्ग से है ऐसे में जातीय संभावना पर वोट यहां मुश्किल और जिन वोटों के आधार पर जातीय प्रभाव पड़ना चाहिए उनका प्रतिशत यहां बहुत कम है। नोएडा में सबसे अधिक वैश्य समाज के लगभग 165000 मतदाता हैं जिसके बाद ब्राह्मण समाज से 110000 कायस्थ, पंजाबी और ठाकुर लगभग 70000 -70000 है जिनका समर्थन फिलहाल भाजपा के पक्ष में ही जाता है ब्राह्मण समाज की नाराजगी का दावा करने वाले नेताओं पर जनता का स्पष्ट जवाब था कि कुछ नेताओं के कह देने से ब्राह्मण समाज हिंदुत्व के खिलाफ नहीं जाएगा यही हाल वैश्य और कायस्थ समाज के लोगों का है हालांकि शहर में मौजूद बेहद कम मुस्लिम, यादव और गुर्जर समाज के वोटों का बटवारा निश्चित है वहीं बसपा के साथ दलित समाज का कैडर रहेगा लेकिन अधिकांश मामलों में जातीयआधार पर पंकज सिंह को इस सीट पर कोई नुकसान नहीं है
एनसीआर खबर अपने पाठकों को स्पष्ट बताना चाहता है कि यह आखरी सर्वे नहीं है और नोएडा की जनता से जनवरी के दूसरे और तीसरे हफ्ते सप्ताह के बीच में किया गया है ऐसे में अभी के माहोल में तमाम नाराजगी के बाद भी विधायक पंकज सिंह अपने विपक्ष पर भारी है