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पंजाब…याद रखना,प्रधानमंत्री जिंदा लौट आए! धीरज फूलमती सिंह

धीरज फूलमती सिंह । भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेद्र मोदी जी किसी संभावित बडी दुर्घटना से बाल-बाल बच कर लौट आए है। संभावित दुर्घटना की कल्पना करके ही मेरे तो रोंगटे खडे हो जाते है,बदन में सिहरन उठ जाती है।


एक बार सोच कर देखिए कि कोई शख्स लाव लश्कर के साथ किसी पूल पर फंस जाए तो उसके पास बचने/भागने की कितनी संभावना होती है ? कल भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का काफिला बटिंडा के एक पूल पर बाधा डाल कर रोक दिया गया। ऐसे में किसी हमले की स्थिती में अब प्रधानमंत्री के पास बचाव के क्या विकल्प थे ? आगे से तो भीड ने घेर रखा था,पीछे से खूद की गाडियों का काफिला रुकावट पैदा कर रहा था और पल पर अगल-बगल से कूदने की स्थिती भी जान जोखिम में डाल सकती थी।….क्या इसमें किसी को सोची समझी साजिश की बू नही आती है ?


पंजाब के मुख्यमंत्री जी बयान दे रहे है कि उनका दौरा हेलिकॉप्टर से होने वाला था लेकिन मौसम की वजह से उन्होने अचानक सडक मार्ग से जाने का फैसला किया और हम कन्फयूज हो गए,तैयार न हो पाए! क्या पंजाब के मुख्यमंत्री को इतनी सी बात पता नही है कि SPG हमेशा प्रधानमंत्री की यात्रा के लिए दो विकल्प हमेशा तैयार रखती है। दोनो ही विकल्पो पर पुलिस और सेना का बंदोबस्त होता है,अब भले कोई एक विकल्प चुना जाए लेकिन सुरक्षा की तैनाती तो दोनो ही विकल्पो पर की जाती है।
जिस पूल पर प्रधानमंत्री जी का काफिला फंस गया था,उस पूल से पाकिस्तान की सीमा बमुश्किल 10 किलोमीटर दूर थी,प्रधानमंत्री का काफ़िला वहा 20 मिनट तक फंसा था। अब एक बार कल्पना कर के देखिए कि अगर पाकिस्तान की तरफ से कोई ड्रोन हमला हो जाता तो ? आज किसी भी ड्रोन को बडी आसानी से सीमा के अंदर 50 किलोमीटर तक रिमोट के सहारे ले आया और ले जाया जा सकता है।

….ईश्वर का शुक्र है,कि प्रधानमंत्री जी संभावित मौत को बडे करीब से छू कर निकल गए!
अच्छा एक बात सबसे गौर तलब है,शायद ही किसी के ध्यान में गया हो ? जब पुलवामा हमला हुआ था तो राहुल गांधी जी देश में नही थे। चीन के साथ गलवान घाटी छिटपुट घटना हुई थी,तब भी राहुल गांधी मुल्क में नही थे। किसानो ने लाल किले पर हमला किया था,जब भी कॉग्रेस के युवा नेता भारत में नही थे और कल प्रधानमंत्री के साथ बडा हादसा होते-होते टला,अब भी राहुल गांधी इंडिया में नही है।… क्या ऐसी समानताएं एक साजिश की ओर ईशारा नही कर रही है ?

लेख में दिए विचारो से एनसीआर खबर का सहमत होना आवश्यक नही है

NCRKhabar Mobile Desk

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