गौतम बुध नगर जिले की दादरी सीट पर मुख्य मुकाबला भाजपा और समाजवादी पार्टी के राजकुमार भाटी के बीच होता दिख रहा है । राजकुमार भाटी लगातार भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी के खिलाफ गांव में बढ़त बनाए हुए हैं उनका दावा है कि गुर्जर समुदाय के नाराज वोटर्स का 80 प्रतिशत हिस्सा उनके साथ है उनके डिजिटल प्रचार और गांव गांव में हो रहा जन प्रचार में भी जातीय अस्मिता को मुख्य मुद्दा बनाया जा रहा है युवाओं के रोजगार को लेकर उठाए जा रहे हैं गुर्जर समुदाय में उनके लिए एक अलग माहौल है पहली बार यह लग रहा है कि राजकुमार भाटी इस रेस में काफी आगे निकल गए हैं उनके बाद बहुजन समाज पार्टी से मनवीर भाटी और कांग्रेस से दीपक चोटीवाला ग्रामीण फोटो और गुर्जर वोटों की दावेदारी प्रमुखता से कर रहे हैं जिसके कारण दादरी सीट पर भाजपा के लिए परेशानी बढ़ गई है माना यह जा रहा है कि इस बार ना सिर्फ भाजपा की जीत का अंतर कम हो सकता है बल्कि मामला जीत से हार में भी बदल सकता है गांव में और गुर्जर समुदाय में बढ़ती प्रतिद्वंदिता के बीच भाजपा का सारा ध्यान अब शहरी वोटर के ऊपर आकर टिका है लेकिन यहां पर नेफोमा के अध्यक्ष अनु खान इस विपक्ष के त्रिकोण का चौथा कौन बन कर सामने आ गए है
जीत से आश्वस्त राजकुमार भाटी ने पुलिस को उनके कार्यकर्ताओ को फोन ना करने की दी चेतावनी
दादरी सीट पर समाजवादी प्रत्याशी राजकुमार भाटी अपनी जीत के लिए इतने आश्वस्त हो गए हैं कि उन्होंने सोशल मीडिया पर जारी एक वीडियो में एसीपी द्वारा उनके कार्यकर्ताओं को फोन करके पोस्ट हटाने को लेकर ऐसा ना करने की चेतावनी दे डाली । राजकुमार भाटी ने पुलिस को कहा कि इस समय भाजपा की सरकार नहीं है और सारा प्रशासन चुनाव आयोग के आधीन है । राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार राजकुमार भाटी अति उत्साह में राजनीति की मर्यादा भी लांग गए जिसका एक ही कारण माना जा रहा है कि उनको दादरी सीट पर और उत्तर प्रदेश में अपनी पार्टी की सरकार बनती लग रही है। इसीलिए वह कभी कंपनियों के आगे लगे बोर्डों को काटने की बातें कर रहे हैं तो कभी पुलिस को ही चेतावनी दे दे रहे हैं
अन्नू खान साबित हो सकते है डार्क हॉर्स
दादरी की सीट पर गुर्जर समुदाय और गांव के वोटों का बटवारा जहां भाजपा को परेशान कर रहा है वही शहरी वोटो में निर्दलीय प्रत्याशी अनु खान भले ही सामान्य तौर पर एक कमजोर प्रत्याशी देख रहे हैं लेकिन शहरी वोटर की भाजपा से नाराजगी जिस तरीके से सोसाइटियो में सामने आ रही है, जिस तरीके से जनप्रतिनिधियों के वोट ना मांगने के पोस्टर लग रहे हैं जिस तरीके से बायर्स एसोसिएशन लगातार जनता की प्रतिक्रिया सोशल मीडिया पर दिखा रही हैं उसके बाद कमजोर से दिखने वाले अन्नू खान चुनाव में डार्क हाउस में बदल सकते हैं अनु खान का दावा है कि उन्हें शहरी मतदाताओं के साथ ग्रामीण मतदाताओं में भी समर्थन मिल रहा है इसके साथ ही अन्नू खान के साथ दादरी सीट पर मौजूद 90000 मुस्लिम वोटर की आ सकता है पहली बार यह सीन बसपा और भाजपा से निकलकर समाजवादी पार्टी की जगह किसी निर्दलीय उम्मीदवार को भी जा सकती है बकौल अन्नू खान (Anu Khan) उनका नॉमिनेशन कैंसिल करने की बहुत कोशिश हुई और सारी प्रक्रिया में अगर उनका नॉमिनेशन सरकारी तंत्र द्वारा नहीं कैंसिल कराया गया तो वह निश्चित ही इस बार इस विधानसभा में परिवर्तन ले आएंगे और अगर नही जीत पाए तो भी उनको मिलने वाला वोट शहरी मतदाता के मन की आवाज बनकर राजनेताओं द्वारा उनके लिए काम ना किए जाने का प्रतिरोध का काम करेगा