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विधानसभा चुनाव 2022 : दादरी में भाजपा को हराने के लिए कौन है दावेदार, क्या है इनकी रणनीति

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कुछ ही दिन रह गए हैं गौतम बुध नगर की 62 विधानसभा दादरी पर भाजपा का कब्जा है इस विधान सभा में लगभग 6 लाख से ज्यादा वोट है इस बार अभी तक 78000 शहरी वोट बन चुका है ऐसे में पूरी विधान सभा का समीकरण दादरी के गुर्जर बाहुल्य ना रहकर शहरी बनाम लोकल बनता जा रहा है ।

इस सीट पर भाजपा विरोधी आवाज़ों को कौन थामेगा, कौन इस विरोध के घोड़े पर सवार होगा, इस सबके लिए विपक्ष के कौन-कौन से चेहरे खुलकर सामने आने शुरू हो गए हैं इसको समझना जरूरी है

क्या है विधान सभा की स्थिति और मुद्दे

कोरोना की दूसरी लहर में शासन प्रशासन द्वारा सहयोग ना मिलना, स्थानीय फ्लैट बायर्स का गुस्सा, शहरी क्षेत्र में सरकारी स्कूलों और अस्पतालो की सुविधाओं का ना होना, गांव के अस्पतालो में ईसीजी, एक्स ray जैसी सुविधाएं ना होना, सोसाइटी के मामलो पर भाजपा नेताओं की अनदेखी या फिर कई मामलों में भाजपा नेताओं के ही बिल्डर होने से बने कई मुद्दे लोगो के पास है गांव में भी अथार्टी के द्वारा गांवों की अनदेखी के आरोप इस क्षेत्र में लगते रहे है जिस पर गांव के नेताओं का गुस्सा सरकार के खिलाफ है । लोकल बनाम शहरी भी इस क्षेत्र में बड़ा मुद्दा है जहां स्थानीय लोग यहां नौकरी ना मिलने का आरोप विधायक पर लगाते है वही शहरी लोग स्थानीय को 40 प्रतिशत मौका देने से नाराज है । बीते 5 साल छोटे छोटे अधिग्रहण के मामले ना पूरे होने से शहरी लोग ग्रेटर नोएडा अथार्टी पर तमाम सड़के ना बना पाने के आरोप लगाते है और स्थानीय विधायक और सांसद पर अथार्टी से काम ना करा पाने के आरोप लगाते है तो गांव के लोग 5 प्रतिशत के मामले में अधिकारियों द्वारा किए गए घोटाले पर स्थानीय विधायक सांसद के चुप रहने को बड़ा मुड़ा मानते है ऐसे में दोनों ही वोटर्स का बड़ा हिस्सा भाजपा से नाराज है

समाजसेवी संगठनों की भूमिका एक बार फिर से रहेगी महत्वपूर्ण

दादरी सीट पर कई बड़े सामाजिक संगठन जनता की समस्याओं को लेकर राजनेताओं से ज्यादा मुखर रहे हैं खास तौर पर ग्रेटर नोएडा वेस्ट में बार एसोसिएशन के नाम से बनी 2 संस्थाएं नेफोवा और नेफोमा लगातार राजनेताओं से ज्यादा बेहतर काम लोगों की समस्याओं को लेकर कर रहे हैं । दोनों ही संस्थाएं लगातार लोगों की समस्याओं को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने और नोटा जैसी मुहिम से भी इंकार नहीं करते हैं हालांकि नेफोवा के अभिषेक कुमार ने एनसीआर खबर से बातचीत में कहा कि वह योगी सरकार को कानून के मसले पर बेहद पसंद करते हैं लेकिन इसके बावजूद फ्लैट बायर्स की समस्याओं पर सरकार बहुत ज्यादा काम नहीं कर पाई है । एक अन्य समाजसेवी संगठन के पदाधिकारी एनसीआर खबर को बताया इस सीट पर अगर विपक्ष का प्रत्याशी दमदार तरीके से लोगों की बातों को समझा पाया तो यह सीट भाजपा के हाथ से निकालना बहुत मुश्किल काम नहीं है क्योंकि प्रदेश स्तर पर भाजपा से भरे लोगों को कोई समस्या ना हो लेकिन स्थानीय स्तर पर लो भाजपा से बेहद नाराज हैं

भाजपा में प्रत्याशी पर दावेदार अनेक, पर कैंडिडेट कौन ,भाजपा की स्थिति अभी स्पष्ट नहीं

एंटी इंकमबेसी और इस सीट पर लगभग दर्जन भर दावेदारों के चलते इस बार भाजपा फिर से अपने वर्तमान विधायक को रिपीट करेगी या उनके जगह किसी और को देगी यह सब बातें आने वाले दिनों में भाजपा के टिकट वितरण के बाद होंगी भाजपा में अभी दावेदार दबी जुबान में टिकट मांग रहे है लेकिन खुलकर कुछ कहने से बच रहे है भाजपा में इस समय टिकट को लेकर वर्तमान लोकसभा सांसद डॉ महेश शर्मा और राज्यसभा सांसद सुरेंद्र सिंह नागर के समर्थकों के बीच शह और मात का खेल आरंभ हो चुका है । राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आखरी चरण में अगर कुछ भी संभव नहीं हो सका तो सुरेंद्र सिंह नागर खुद भी इस सीट पर चुनाव के लिए अपना दावा ठोक सकते हैं स्थानीय गुर्जर समुदाय में भाजपा से सुरेंद्र सिंह नागर के टिकट होने की स्थिति में एक तरफा जीत की बात कही जा रही है वही पहली बार इस सीट पर ब्राह्मण प्रत्याशी की बात हुई कहीं जा रही है

प्रवासी निवासियों की आवाज बनकर त्रिलोचन सिंह लड़ेंगे निर्दलीय

इस कड़ी में सबसे पहले ग्रेटर नोएडा वेस्ट के प्रवासी निवासियों के नाम पर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे त्रिलोचन सिंह का है त्रिलोचन सिंह स्प्रिंग मीडोज में रहते हैं और पेशे से ठेकेदार हैं पूरे क्षेत्र में उनके छोटे-छोटे पोस्टर चुनाव लड़ने की नजर आने लग गए एनसीआर खबर से मुलाकात में उन्होंने बताया कि वह क्षेत्र में प्रवासी बंधुओ की आवाज बनना चाहते हैं । हालांकि प्रवासी के नाम पर उनको शहरी वोट कितना मिल पाएगा और कितनो से वो संपर्क कर पाएंगे इसका फैसला समय करेगा

टिकट मिलने से पहले कांग्रेस से दीपक चोटीवाला का प्रचार शुरू

विपक्ष में कांग्रेस की तरफ से अभी तक 2 नाम सबसे आगे चल रहे हैं डॉक्टर महेंद्र नागर और दीपक चोटीवाला दीपक चोटीवाला ने टिकट की घोषणा होने से पहले ही क्षेत्र में जबरदस्त प्रचार करना शुरू कर दिया है जगह-जगह उनके प्रचार वाहन घूम रहे हैं दीपक खुद एसीसी में पदाधिकारी हैं लेकिन स्थानीय जनता के तौर पर उनको कम लोग जानते हैं दादरी सीट पर ग्रामीण क्षेत्र में उनकी पहचान भले ही लोगों तक हो लेकिन शहरी क्षेत्र और एक बड़े हिस्से तक लोगों से बातचीत में दीपक के बारे में कम लोग जानते हुए मिले ऐसे में कांग्रेस के बिखरे हुए संगठन के भरोसे किस तरीके से भाजपा के खिलाफ उनकी लड़ाई चलेगी इस पर शहर चर्चा की जा रही है

सपा से राज कुमार भाटी का नाम सबसे आगे

क्षेत्र में समाजवादी पार्टी ने अभी तक अपने प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है लेकिन माना जा रहा है कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और वरिष्ठ नेता राजकुमार भाटी ही इस क्षेत्र से प्रत्याशी बनेंगे राजकुमार भाटी नै एनसीआर खबर को स्पष्ट बताया कि अगर पार्टी उन्हें टिकट देती है तो वह पूरी ताकत से इस चुनाव को लड़ेंगे और जीतेंगे बीते दिनों सम्राट मिहिर भोज के अपमान मामले पर भी समाजवादी पार्टी से राजकुमार भाटी ने इस पूरे प्रकरण पर समाज का नेतृत्व किया था । अभी तक के चुनावो को देखे तो यहां पर समाजवादी पार्टी का आधार कम रहा है लेकिन सत्ता के खिलाफ बन रही समाजवादी लहर पर सवाल हुए राजकुमार अपनी पार्टी की जीत पर आशान्वित है बीते दिनों बादलपुर में बहुजन समाज पार्टी के एक वरिष्ठ  नेता को समाजवादी पार्टी में शामिल कराकर पहली बार इस सीट पर समाजवादी पार्टी की रणनीति जीत के लिए सफल होती दिख रही है । ऐसे में दलित गुर्जर और मुस्लिम समीकरण के सहारे भाजपा को हराने की रणनीति कितनी सफल रहेगी ये आने वाले दिनों में दिखेगा

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