हमारी मातृभूमि की स्वतंत्रता के लिए लाखों देशभक्तों ने बलिदान दिया। वहीं स्वतंत्रता के बाद विभाजन का दर्द झेला है।हमे खंडित भारत मिला अब अखंडित भारत बना होगा संघ संचालक मोहन भागवत ने आज नोएडा में कही
वो सेक्टर-12 स्थित भाऊराव देवरस सरस्वती विद्या मंदिर में आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे थे। विद्यालय में आयोजित लोकार्पण समारोह में उन्होंने लेखक कृष्णानंद सागर द्वारा लिखित एवं जागृति प्रकाशन द्वारा प्रकाशित पुस्तक ‘विभाजनकालीन भारत के साक्षी’ का विमोचन किया।
आरएसएस प्रमुख ने कहा कि कैसे देश टूटा, उस इतिहास को पढ़कर आगे बढ़ना होगा। विभाजन के बाद भी दंगे होते हैं। दूसरों के लिए भी वही आवश्यक मानना जो खुद को सही लगे, यह गलत मानसिकता है। अपने प्रभुत्व का सपना देखना गलत है। राजा सबका होता है। सबकी उन्नति उसका धर्म है।
हिंदू समाज को संगठित होने की जरूरत है। हमारी संस्कृति विविधता में एकता की है, इसलिए हिंदू यह नहीं कह सकता कि मुसलमान नहीं रहेंगे। अनुशासन का पालन सबको करना होगा। अशफाक उल्ला खान जैसे क्रांतिकारी जन्नत की जगह भारत में दोबारा जन्म की चाह रखते थे। अत्याचार को रोकने के लिए बल के साथ सत्य आवश्यक है।