आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का शिलान्यास करने वाले है । उत्तर प्रदेश में विधान सभा चुनाव शुरू होने से महज कुछ हफ्तों पहले हो रहे इस शिलान्यास को भाजपा की चुनावी सौगात माना जा रहा है । इसको दुनिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट बताया जा रहा है । भाजपा के दावों के अनुसार 2024 के सितंबर में इसकी पहली उड़ान शुरू हो जाएगी ।
प्रधानमंत्री के आने से पहले ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इसको बड़ा दांव माना जा रहा है । ऐसे में नोएडा, गाजियाबाद, बुलंद शहर और अलीगढ़ के भाजपा नेताओं ने नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को लेकर अपना नाम चमकाने की कोशिश की हुई है । इन सभी जिलों के भाजपा नेताओं और टिकट की उम्मीद करने वाले नेताओं ने सड़को पर होर्डिंग और अखबारों में भर भरकर विज्ञापन दिए है । गौतम बुध नगर और बुलंद शहर के सांसद और विधायको के विज्ञापनों से अखबार और सड़क भरे पड़े है । ऐसे में जनता नेताओ के विज्ञापन से कितनी प्रभावित होगी ये देखने वाली बात होगी । नोएडा में भाजपा से नाराज फ्लैट बायर्स का कहना है कि नोएडा एयरपोर्ट से क्या आम आदमी को बिल्डर द्वारा दी गई परेशानियों का कोई अंत होता नही दिख रहा है बीते 5 साल में भाजपा नेता बस अपने बड़े बड़े होर्डिंग लगाने में व्यस्त रहे है इसे में आम जनता को इससे कोई लाभ नहीं होगा और विधान सभा चुनावों में नेताओ से आम जनता के सवाल वैसे ही बने रहेंगे
शिलान्यास से पहले ही विवाद शुरू
हालांकि भाजपा के नेताओं में नोएडा एयरपोर्ट के क्रेडिट को लेकर भी खींचतान शुरू से ही मची हुई है सांसद डॉ महेश शर्मा जहां से शुरू से अपना प्रोजेक्ट बताते रहे हैं वही जेवर विधायक भी लगातार किसानों की जमीन के अधिग्रहण में अपना मुख्य भूमिका बताते रहे लेकिन प्रशासन द्वारा वीवीआइपी कार्ड जारी किए जाने के बाद एक बार फिर से विवाद सामने आ गया सोशल मीडिया में सामने आए कार्ड में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बाद स्थानीय नेताओं में सिर्फ डॉ महेश शर्मा का नाम दिखाई दिया जिसके बाद लोगों ने सवाल उठाया कि ऐसा क्यों हुआ, उसके बाद देर रात आनन-फानन में अखबारों में दिए जाने वाले विज्ञापन में राज्यसभा सांसद सुरेंद्र नागर और जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह का भी नाम दिया गया । राजनैतिक चर्चा में एक बार फिर इसे डा महेश का बढ़ता कद बताया जा रहा हैं ।