वरुण गांधी ने किसानों की समस्या पर योगी को लिखा पत्र, आवारा जानवरो से किसान परेशान, मां मेनका के पशु प्रेम से उलट उनके बयान पर पशु प्रेमी चुप
किसानों के लिए पीलीभीत के भाजपा सांसद वरुण गांधी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर गन्ने का रेट बढ़ाने और आवारा पशुओं से किसानों की परेशानी बताते हुए उसका समाधान निकालने के लिए सुझाव दिया है वरुण ने गेहूं और धान पर बोनस पीएम किसान योजना की राशि को दोगुना करने और डीजल पर ₹20 की सब्सिडी देने जैसे मुद्दे भी उठाए हैं

आपको बता दें कि वरुण गांधी ने रविवार को ट्वीट कर लिखा है की उम्मीद है भूमिपुत्रो की बात जरूर सुनी जाएगी दरअसल सरकार ₹25 तक गन्ने की कीमत बढ़ाने की तैयारी में है जबकि वरुण गांधी किसानों के लिए ₹400 प्रति कुंटल कीमत तय करने की मांग कर रहे हैं इसके साथ ही अपने पत्र में वरुण गांधी ने किसानों की फसलों को आवारा पशुओं से होने वाले नुकसान के बारे में लिखा है और उस पर कार्यवाही की मांग की है
वरुण के पत्र से सोशल साइट्स पर शुरू हुई सियासत
वरुण गांधी के पत्र के बाद सोशल मीडिया पर जमकर सियासत हो रही है समर्थक और विरोधी अपने-अपने तर्क रख रहे हैं लोग वरुण गांधी को सरकार की किरकिरी करने के लिए लताड़ रहे हैं तो वहीं आवारा पशुओं के मुद्दे पर उनकी मां मेनका गांधी के समर्थकों को समझ नहीं आ रहा है कि वह क्या स्टैंड ले आपको बता दें कि मेनका गांधी और उनकी संस्था पीपल फॉर एनिमल लगातार पशुओं के अधिकारों को लेकर लोगों के खिलाफ मुकदमे करती रही हैं ऐसे में उनके ही बेटे द्वारा आवारा पशुओं से लोगों की परेशानी को लेकर पत्र लिखे जाने के बाद पीएफए के समर्थकों को समझ नहीं आ रहा है कि वह क्या जवाब दें दरअसल पीएफए से जुड़े तमाम लोग कुत्तों को लेकर जिस तरीके से एग्रेसिव रहते हैं अब उसी तर्ज पर आवारा सांड को लेकर उनकी चुप्पी पर सवाल उठने लगे हैं
वही मेनका गांधी और पीएफए के कारण परेशान लोगों का कहना है कि एक तरफ मेनका गांधी शहरी क्षेत्र में कुत्तों के आवारा कुत्तों को लेकर लोगों को मुकदमा करते हैं वहीं दूसरी और उनके पुत्र गांव में आवारा जानवरो के खिलाफ शिकायत को लेकर उनके खिलाफ खड़े होते हैं क्या शहर और गांव में आवारा पशुओं की परिभाषा बदल जाती है आपको बता दें कि शहरी क्षेत्र में आवारा पशु बहुत बड़ी समस्या है और पशु प्रेमी इन जानवरों को शहरी क्षेत्र में रहने वालों के साथ ही रखने की मुहिम चलाए रहते हैं जिससे यह आवारा पशु लगातार शहरी क्षेत्र के लोगों के बच्चे और बुजुर्गों को कभी काट लेते हैं कभी नुकसान पहुंचा देते हैं लेकिन जैसे ही वह नुकसान पहुंचाते हैं तो इन पशुओं के समर्थन में ऐसे सारे लोग झुंड बनाकर पहुंच जाते हैं इस मामले को लेकर अम्रपाली जोडियक के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह ने बीते दिनों आरोप भी लगाए थे कि मेनका गांधी खुद कई बार फोन कर देती हैं आम्रपाली जोडिएक के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह ने दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार रेजिडेंट मूवमेंट एरिया में आवारा जानवरों को खाना देने पर रोक लगा दी है जिसके बाद पीएफए से जुड़े पशु प्रेमियों ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया ऐसे में वरुण गांधी और मेनका गांधी के विपरीत स्टैंड से आने वाले दिनों में क्या सियासत होगी यह देखना रहेगा
