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टल सकता है ग्रेटर नोएडा नोएडा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का रात्रि प्रवास, दैनिकभास्कर ने इतिहासकार के हवाले से लिखा राजपूत थे मिहिर भोज

दादरी मिहिर भोज इंटर कालेज में सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा का अनावरण करने आ रहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का 21 को रात्रि प्रवास का कार्यक्रम टल सकता है । सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री एवं इंदिरापुरम स्थित सीआईएसफ कैंप में रात्रि प्रवास कर सकते हैं

सूत्रों की माने तो जिस तरीके से मिहिर भोज की जाति को लेकर गौतम बुध नगर समेत प्रदेश भर में ठाकुर और गुर्जर आमने सामने आ गए हैं उससे मुख्यमंत्री का कार्यक्रम छोटा किया जा रहा है लखनऊ से मिली जानकारी के अनुसार मूल कार्यक्रम के अनुसार मुख्यमंत्री आदित्यनाथ धौलाना विधानसभा में ही जा रहे थे लेकिन आखिरी समय पर दादरी विधायक तेजपाल नागर किसी तरीके से उनको मिहिर भोज की प्रतिमा का अनावरण करने के लिए राजी कर गए थे और मुख्यमंत्री भी नोएडा में ही रुकने जा रहें थे लेकिन लगातार हो रहे गुर्जर और क्षत्रिय समाज के भाजपा विरोध के बाद अब कार्यक्रम में बदलाव किया जा सकता है

मुख्यमंत्री के नोएडा दौरे को प्रदेश भाजपा मान रही है गलत, भीड़ कम हुई तो पड़ेगा गलत प्रभाव

वही भाजपा में भी इस समय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दौरे की टाइमिंग को लेकर अलग अलग तरह की बाते हों लगी है । भाजपा में कई लोगों का मानना है कि प्रदेश उपाध्यक्ष एके शर्मा और उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा के गौतम बुध नगर दौरे के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का इतने कम अंतराल के बाद आना पार्टी के अंदर गलत संदेश दे रहा है । मुख्यमंत्री को धौलाना कार्यक्रम के साथ इस कार्यक्रम को नहीं जोड़ना चाहिए था । 2 हफ्तों से कई बड़े कार्यक्रम से पार्टी कार्यकर्ताओं में भी थकान बढ़ रही है । मुख्यमंत्री कार्यक्रम में अगर 50000 लोग नही जुट पाए तो भी विपक्ष को भरपूर मौका मिल जाएगा ।

दैनिक भास्कर ने बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के हवाले से छापा, इतिहास और विज्ञान के आधार पर राजपूत शासक थे मिहिर भोज

दैनिक भास्कर ने बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के हवाले से छापा, इतिहास और विज्ञान के आधार पर मिहिर भोज राजपूत शासक थे । गुजरात से होने के कारण उन्हें गुर्जर कहा गया

अखबार लिखता है वाराणसी स्थित काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के इतिहासकार और प्राचीन इतिहास व पुरातत्व विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर ओंकार नाथ सिंह का मानना है कि राजा मिहिर भोज राजपूत शासक थे। मिहिर भोज म्लेच्छों का सर्वनाश कर भारत से निकालने वाले प्रतिहार वंश के परम प्रतापी शासक थे। गुप्तोत्तर काल के मिले सिक्कों और ग्वालियर में अभिलेखों के आधार पर यही सिद्ध होता है कि उनके आगे गुर्जर जाति नहीं, बल्कि स्थान का प्रभाव था। गुजरात वाले क्षेत्र में रहने वालों को गुर्जर कहा जाता था। इसलिए उन्हें गुर्जर नाम दिया गया, जबकि ऐतिहासिक साक्ष्य कुछ और ही कहते हैं।

गुजराती लेखक और स्वतंत्रता आंदोलन के नेता केएम मुंशी के विभिन्न उदाहरण के अनुसार गुर्जर शब्द जातिवाचक नहीं, स्थान वाचक है। इस शब्द का उल्लेख 5-6वीं शताब्दी से मिलता है। हर्षवर्धन कालीन विख्यात चीनी यात्री ह्वेनसांग ने गुर्जर नरेश नागभट्ट और मिहिर भोज को राजपूत बताया है। इतिहासकारों का यही मत है कि गुर्जरों शासकों की उत्पत्ति खजर जाति से या विदेशी नहीं थे।

प्रो. सिंह ने कहा कि मिहिर भोज के इस वाराह अवतार का उल्लेख सिक्कों पर स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। इसमें भी राजा का शुकर मुख बना हुआ है।

1500 साल पहले वाले गुर्जर चंद्रवंशी थे

वरिष्ठ मूर्तिकला विशेषज्ञ और काशी हिंदू विश्वविद्यालय के डिस्टिंग्विश प्रोफेसर मारुति नंदन तिवारी ने बताया कि 1500 साल पहले वाले गुर्जर चंद्रवंशी थे। उन्हें राजपूत के अंतर्गत रखा गया है। वहीं सूर्यवंशी और चंद्रवंशी के ही आधार पर क्षत्रिय जाति का निर्धारण होता था। आज के गुर्जरों की उनसे कोई समानता नहीं पाई गई है।

लखनऊ विश्वविद्यालय के प्राचीन इतिहास विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष एसके जायसवाल के मुताबिक ग्वालियर अभिलेख में उन्हें आदिवराह कहा गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि उन्होंने भारत भूमि की अरबों से रक्षा की थी। अभिलेख में प्रतिहारों को राम के भाई लक्ष्मण से जोड़कर भी बताया गया है। प्रतिहार मतलब द्वार रक्षक। जैसे लक्ष्मण ने राम के वनगमन में द्वार की रक्षा की थी, वैसे ही मिहिर ने भी भारत के द्वार की रक्षा की थी। राजा मिहिर भोज के पास बेहद शक्तिशाली और विशाल सेना होने की जानकारी भी अभिलेखाें में दी गई है। वे अरबों के दुश्मन थे। अलग-अलग अभिलेखों से यह स्पष्ट है कि वे क्षत्रिय ही थे।

दादरी में गुर्जर कर रहे है विरोध

वही अखबार और इतिहासकार कुछ भी कहे अखिल भारतीय वीर गुर्जर सभा ने भाजपा को उनके इतिहास से छेड़छाड़ पर चुनावों में नतीजा देख लेने की धमकी दे दी है । शहर भर में भाजपा विधायक के पुतले जलाए जा रहे है और पोस्टर फाड़े जा रहे है

NCRKhabar Mobile Desk

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