अपनो में मैं हुआ बेगाना : ना मंत्री बन पाए विधायक तेजपाल नागर, ना ही समाज के नायक

अपनो के भितरघात और लगातार विरोध के कारण योगी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में भी दादरी विधायक तेजपाल नागर के हाथ खाली रह गए। कल सुबह मंत्री मंडल विस्तार की खबर आने के साथ ही विधायक के मंत्री बनाए जाने की चर्चा होनी शुरू हुई लेकिन गुर्जर समुदाय द्वारा महापंचायत की खबरों के बीच शाम आते आते साफ हो गया कि गुरु जी मंत्री बनने नही जा रहे है । जानकारी के अनुसार इस पूरे मामले पर कुछ ऐसे लोग भी दादरी विधायक के विरोध में पर्दे के पीछे काम करते दिखे जिनको दादरी विधायक अपना समझते हैं

सम्राट की जाति विवाद के बाद बिगड़ा विधायक तेजपाल नागर का गणित
कई महीनों से मंत्रिमंडल विस्तार की सुगबुगाहट में गौतम बुध नगर से एक विधायक को मंत्री बनाने की खबरें लगातार आ रही थी कई बार मीडिया में इस बात की खबरें आई कि दादरी विधायक गुर्जर समाज का प्रतिनिधित्व करते हुए मंत्री बनाए जा सकते हैं लेकिन अति उत्साह में सम्राट मिहिर भोज की मूर्ति का अनावरण और उनके बाद हुए जाति विवाद में अपने ही समाज द्वारा दादरी विधायक के जबरदस्त विरोध में सारा खेल बिगाड़ दिया विरोधी तो पहले से ही इस कोशिश में लगे थे कि इस बार उनकी जगह दूसरों को टिकट मिल जाए ऐसे में अपने समाज के लोगों द्वारा सोशल मीडिया पर 5 दिन से हो रहे विरोध ने सब बिगाड़ दिया। शनिवार और रविवार को कुछ लोगों ने राज्य विधायक पर बन रहे वीडियो और अलग अलग तरीके के कमैंट्स को रोकने के लिए अपील भी कर ले कर तब तक काम हो चुका था। अब मंत्री पद जाने के बाद से दादरी सीट पर बस यही चर्चा है कि क्या टिकट मिलेगा या वहां भी भाजपा कोई नया चेहरा देगी ।

समाजवादी पार्टी के गुर्जर नेताओं को लग रहा बड़ा मौका
दादरी विधान सभा सीट पर तेजपाल नागर से हार की खार खाए बैठे समाजवादी पार्टी के गुर्जर नेताओं को सम्राट मिहिर भोज के नाम पर हो रही राजनीति बहुत रास आ रही है 22 तारीख के बाद से लगातार जिस तरीके से समाज के नाम पर सपाइयों ने दादरी विधायक तेजपाल नागर का विरोध किया है उसका तोड़ विधायक तेजपाल नागर के पास नहीं था जानकार बताते हैं कि कार्यक्रम स्थल पर विरोध और उनके घर पर पहुंचे लड़कों में अधिकांश लोग समाजवादी पार्टी के थे और उन्हीं की चीजों को वायरल भी किया गया हालांकि पार्टी के ही उनकी जाति के युवा नेता का नाम भी लगातार उनके विरोध के लिए सामने आ रहा है ।
विधायक की चुप्पी पर है राजनैतिक विश्लेषकों की नजर
22 सितंबर के कार्यक्रम के बाद से विधायक तेजपाल नागर की लगातार चुप्पी उनकी राजनीति के आगे कदम पर भी सवाल उठा रही है । राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार बीते 5 दिनों से चुप्पी साधे तेजपाल नागर सही समय का इंतजार कर रहे हैं इसके बाद वह कोई बड़ा फैसला ले सभी को चौका सकते है वही कुछ लोगो ने उनकी चुप्पी को उनके राजनैतिक पतन की शुरुवात बताया है