आयोग अब सिर्फ आठ जातियों को ओबीसी सूची में शामिल करने पर करेगा अंतिम सुनवाई, कायस्थ, वर्णवाल समेत बाकी जातियों के विरोध के बाद किया किनारा
उत्तर प्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग तमाम विवादो को दरकिनार कर अब कुल आठ जातियों को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की सूची में शामिल करने पर अंतिम सुनवाई करेगा। यह जातियां हैं-बागबान, गोरिया, महापात्र, रूहेला, मुस्लिम भांट, पंवरिया-पमरिया, सिख लवाणा और उनाई साहू।
इससे पहले हिंदुस्तान हिंदी अखबार ने आयोग के हवाले से 39 जातियों को ओबीसी में शामिल करने की खबर दी थी जिनमें सबसे पहले कायस्थ समाज और वर्णवाल समाज ने उनसे बिना पूछे शामिल करने की बात का विरोध किया था । कायस्थ समाज का विरोध तो सोशल मीडिया पर जबरदस्त तरीके से सामने आया था । जिसके बाद यूपी भाजपा प्रवक्ता आलोक आवस्थी ने इसको लेकर फैलने भ्रम को स्वस्थ किया था । जानकारी के अनुसार आयोग ने पिछले दिनों इस बारे में आए प्रतिवेदनों का दोबारा अध्ययन करवाया और उसके बाद इन आठ जातियों को ओबीसी सूची में शामिल किए जाने के प्रतिवेदनों पर अंतिम सुनवाई का फैसला लिया गया।
आयोग में इन जातियों के प्रतिवेदन काफी लम्बे अरर्से से लम्बित चल रहे हैं। आयोग द्वारा इन जातियों पर अंतिम सुनवाई अगले महीने करने की तैयारी है। इससे पहले सपा-बसपा की सरकारों में गठित पिछड़ा वर्ग आयोग कुल 13 जातियों को ओबीसी सूची में शामिल किए जाने के प्रतिवेदनों पर सुनवाई की गई थी।