उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर नोएडा विधानसभा मैं सभी लोगों से दावेदारों की संख्या बढ़ती जा रही है कॉन्ग्रेस में भी नोएडा विधानसभा को लेकर अब तक लगभग 6 दावेदारों के नाम आ चुके हैं जिनमें सतेन्द्र शर्मा, दिनेश अवाना, लियाकत चौधरी ने अपनी दावेदारी शनिवार को एक मीटिंग में की । एनसीआर खबर को मिली जानकारी के अनुसार सत्येंद्र शर्मा गंभीरता से चुनाव के लिए तैयारी कर रहे हैं वही इन सब से अलग एक और नाम रेस में सबसे आगे चल रहा है बताया जा रहा है कि समाजवादी पार्टी से कांग्रेस में आए पंखुड़ी पाठक भी नोएडा विधानसभा से ही अपना दावा प्रस्तुत करेंगी । कोरो ना की दूसरी लहर में वो अपने पति अनिल यादव के साथ मिल कर सभी गांव और सोसाइटी में सैनीटाईजेशन करा कर चर्चा में आ चुकी है ।
बीते दशक से नहीं मिला किसी लोकल को टिकट, क्या इस बार बदलेगी परिपाटी
कॉन्ग्रेस पार्टी को करीब से देखने वाले राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि 2012 से लेकर अब तक कांग्रेस ने किसी भी स्थानीय नेता को टिकट नहीं दिया कांग्रेस में इसी बात को लेकर 2012 में तत्कालीन जिला अध्यक्ष कृपाराम शर्मा ने काफी विरोध भी किया था जब विधानसभा का टिकट प्रकाश हॉस्पिटल के मालिक डॉक्टर बीएस चौहान को दे दिया गया हालांकि आज डॉ बीएस चौहान भाजपा में जा चुके हैं लेकिन नोएडा में सभी दलों के प्रत्याशी का गणित हमेशा ब्राह्मण प्रत्याशी के पक्ष में ज्यादा झुका रहता है जानकारी के मुताबिक इस समय नोएडा में 30,000 गुर्जर, एक से सवा लाख के करीब ब्राह्मण मतदाता है वही कायस्थ बनिया और ठाकुर मतदाताओं की संख्या इस सीट पर लगभग 70- 70 हजार बताई जाती है । ऐसे में शनिवार को दिए गए दावों में अभी तक सत्येंद्र शर्मा ब्राह्मण मतदाताओं का प्रतिनिधित्व करने में कामयाब दिखाई दे रहे हैं हालांकि पंखुड़ी पाठक भी ब्राह्मण प्रतिनिधित्व को ही आगे बढ़ाएंगी लेकिन उनके साथ स्थानीय बनाम बाहरी का समीकरण कांग्रेस में उनको इस टिकट दिला पाएगा ये देखने वाली बात रहेगी ।
महिलाओ के सम्मान का मुद्दा उठने से कांग्रेस असहज
हालांकि बीते शनिवार को जिला कार्यकारिणी मीटिंग में एक महिला पदाधिकारी द्वारा प्रदेश पदाधिकारी विदित चौधरी के सामने कुछ संदेशों को भेजने जैसी बातों पर हंगामा मचा उसके बाद कांग्रेस बैकफुट पर भी है । मीटिंग के बाद पार्टी पदाधिकारियों द्वारा ऐसी घटनाओं के बारे में इनकार भी किया गया लेकिन मीडिया में जानकारी आने के बाद पार्टी फिलहाल बैकफुट पर है । पार्टी की महिला पदाधिकारी पारुल चौधरी ने एनसीआर खबर को बताया कि वह महिलाओं की सुरक्षा को लेकर समाज के बाहर और पार्टी के अंदर दोनों जगह लड़ाई लड़ती रहेंगी अगर वह अपने पदाधिकारियों की सुरक्षा को लेकर पार्टी में ही आवाज नहीं उठा पाएंगे तो फिर किस तरीके से वह उन कार्यकर्ताओं को समाज के अन्य महिलाओं की आवाज उठाने के लिए प्रेरित कर सकेगी