
नोएडा में निवासियों की सबसे बड़ी संस्था फोनरवा के चुनाव में दोनो ही गुट अपनी अपनी जीत को सुनिश्चित करने के लिए मतदाताओं से मिल रहे है । लेकिन फोनरवा के संस्थापक और कभी प्रथम नागरिक कहे जाने एनपी सिंह और उनके पैनल के लिए ये चुनाव अस्तित्व का सवाल बन गया है ।
एन.पी. सिंह व उनके साथियों का मानना है कि इस बार वे चुनाव नहीं जीत पाए तो शायद फिर कभी नहीं जीत पाएंगे। ऐसे में इस गुट ने योगेंद्र शर्मा और साथियों के खिलाफ सारे दांव पेंच आजमाने शुरू कर दिए है । चुनाव में अब बस लगभग 2 ही दिन बचे है
एनपी सिंह पैनल ने योगेंद्र शर्मा की टीम पर आरोप लगाए है कि 2 वर्षो से काबिज उनकी टीम ने कोई काम नही किया । और कोरोना दूसरी लहर में तो इस संस्था के लोग नागरिकों को अस्पतालों में भर्ती तक नहीं करा पाए। अब ऐसे आरोपों का कोई जवाब शर्मा पैनल के पास नहीं है। उनके अनुसार जब पूरी व्यवस्था ही ध्वस्त हो गयी थी तो वो ही क्या कर लेते ।
फिलहाल फोनरावा के संस्थापक रहे एनपी सिंह और उनके पैनल के लिए चुनाव अस्तित्व का सवाल बन कर खड़ा है और अगर अबकी बार वो नही जीते तो लगातार तीन बार हारने के बाद क्या होगा ये उनके लिए भी कठिन सवाल है इसलिए वो लगातार प्रचार में आक्रामकता बनाए हुए है । एनपी सिंह के लोगो के अनुसार वो जीत रहे है लेकिन दो दिन बाद होने वाले चुनाव में उनकी असलियत सामने आ जाएगी