2020 यूपी चुनाव महासर्वे : दादरी सीट सर्वे में लोग बोले जय अभिषेक तय अभिषेक.. जनता की मांग पर नहीं लडूंगा चुनाव, मैं बस योगी समर्थक बोले अभिषेक 2022 में उनको ही समर्थन दूंगा

3 दिन तक चले एनसीआर खबर के महासर्वे के परिणाम जब आए तो हर कोई अचंभित रह गया । 1 दिन पहले अभिषेक कुमार की पोल में खुद को बाहर रखने के घोषणा के बावजूद अभिषेक कुमार विधायक तेजपाल नागर से 33 परसेंट ज्यादा वोट पाकर विजयी हो गए । सर्वे में कुल 1668 लोगो ने भाग लिया जिसको बड़ा सैंपल साइज माना जाता है
जिसके बाद यह माना गया कि कम से कम ग्रेटर नोएडा वेस्ट की जनता सामाजिक नेता की जगह जनप्रतिनिधि के दौर पर अभिषेक कुमार को ज्यादा पसंद कर कर रही है या फिर यूं कहे कि जनता ने कह दिया कि जय अभिषेक अभिषेक
ग्रेटर नोएडा में कोरोना में जनप्रतिनिधियों की सेवा देखते हुए आप इस बार किसको सबसे बेहतर मानते है अगर आज चुनाव हो तो आप किसको वोट करेंगे #NCRKhabar @tejpalnagarMLA @CommandoAshok2 @abhishek_nefowa @annukhan78 #DadriMLA #UPElection2022
— NCRKHABAR (@NCRKHABAR) May 27, 2021
सर्वे में कुल 64% वोटों पा कर विजयी हुए अभिषेक कुमार भले ही खुद को चुनाव ना लड़ने की बात पर अडिग रहने को कह रहे हैं लेकिन बीते 1 महीने में हुए विभिन्न सर्वे के बाद यह बात स्पष्ट हो गई है कि गौतम बुध नगर में अभिषेक कुमार को लोग अब सामाजिक संस्था के तौर पर नहीं बल्कि राजनेता के तौर पर देखना चाहते हैं और यह सर्वे भी इसी बात को उदघोषित करता है । इस सर्वे में महत्वपूर्ण बात यह है कि आखिर वह क्या कारण हैं जिसके चलते हैं अभिषेक कुमार को गौतम बुध नगर में लोग सामाजिक संगठन के नेता की जगह अब राजनेता के तौर पर देखना चाहते हैं
एनसीआर खबर ने इस बारे में कई लोगों से बात की जिसके बाद मुख्यतः तीन बातें निकल कर आई । पहली बात अभिषेक के पक्ष में राजनेता बनने के लिए जो जनता की पसंद है वह है अभिषेक का लगातार जनता के साथ जुझारू होकर स्थानीय मुद्दों पर लड़ाई लड़ना चाहे वह गौरव चंदेल हत्याकांड में मुखरता से सामने आना रहा हो या फिर स्कूल और अस्पताल के मुद्दों पर जनता के लिए खड़ा होना रहा हो ।
दूसरी बात अभिषेक के लिए जो लोगों ने बताई वह है अभिषेक का राजनेताओं के साथ बढ़ता संबंध । गौतम बुध नगर में लोग अभिषेक को जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह का बेहद खास व्यक्ति मानते हैं और यह मानते हैं कि इन के सहयोग से अभिषेक कभी भी राजनीति में आ सकते हैं क्योंकि बहुत सारी जनता का यह मानना है कि बड़ी समस्याओं के लिए बिना राजनीति में उतरे अभिषेक कुछ नहीं कर पाएंगे। हालांकि कुछ लोगों का यह भी कहना है कि अभिषेक राजनेताओं को अपने काम के लिए यूज करते हैं महज 3 साल पहले वह डॉक्टर महेश शर्मा के करीबी बने हुए थे आजकल धीरेंद्र सिंह के करीबी बने हुए हैं
तीसरी बड़ी बात जो इस पोल के बाद लोगों ने एनसीआर खबर को बताई वह है दादरी सीट पर स्थानीय विधायक का लोगों और भाजपा कार्यकर्ताओं से संपर्क ना होना सर्वे के बाद जब एनसीआर खबर ने लोगों से पूछा कि आखिर क्या वजह है कि लोग अभिषेक कुमार जैसे व्यक्ति पर विश्वास जता रहे हैं जबकि जो उनके विधायक हैं उनको वह नहीं समर्थन दे रहे हैं । तो लोगों के जवाब सिर्फ यही थे जिसके बाद ही अंदाजा लगाया जा रहा है कि गौतम बुध नगर में भाजपा का अंतर्द्वंद और दादरी विधायक का शहरी क्षेत्र के लोगों से कम मिल पाना लोगों को अभिषेक कुमार के साथ जोड़ देता है क्योंकि अभिषेक लगातार जेवर विधायक के सहयोग से उनकी समस्याओं को हल करा दे रहे हैं तो लोगों को लगता है कि ऐसा ही व्यक्ति उनका विधायक होना भी चाहिए
सर्वे के साथ ही उभर कर सामने आया भाजपा की गुटबाजी का मुद्दा
भाजपा में हो रही गुटबाजी अभिषेक के लिए कितनी फायदेमंद रहेगी या अभिषेक के लिए चुनाव के समय नुकसानदायक होगी यह भी एक बड़ा सवाल है क्योंकि अभिषेक को चुनाव के समय किसी ना किसी राजनीतिक दल को ही स्वीकार करना होगा ऐसे में अगर वह किसी गैर भाजपाई दल में जाते हैं तो नेफोवा में उनके भाजपा समर्थकों का वोट उनको कितना मिलेगा यह बड़ी बात होगी लेकिन अगर वह भाजपा जैसे संगठन में जाते हैं तो भाजपा के अंदर बीते कई दिनों से चल रही ब्राह्मण लॉबी की उठापटक उनको जीतने नहीं देगी आपको बता दें कि 2 दिन पहले ही हमने भाजपा सांसद डॉ महेश शर्मा के सांसद प्रतिनिधि के करीबी रिश्तेदार के द्वारा संगठन के लोगों पर उठाई उंगली की खबर भी छपी थी जिसके बाद हड़कंप मच गया था कायदे में इस खबर के बाद वह सब रुक जाना चाहिए था लेकिन उसके बाद उससे एक कदम आगे 2022 के चुनाव के लिए फिर से ब्राह्मण चेहरे को आगे करने की बातें हुई जिससे एक बात तो साफ हो रही है कि दादरी सीट पर ब्राह्मण लॉबी सिर्फ ब्राह्मण प्रत्याशी के लिए समर्थन करेगी। जिसमे अभिषेक कुमार तो फिट नहीं बैठेंगे।

हालांकि इस मामले पर रवि भदोरिया मंडल अध्यक्ष के तौर पर स्पष्ट कहते हैं कि भाजपा संगठन का कभी भी व्यक्ति के साथ संबंध नहीं रहा है संगठन हमेशा पार्टी को चुनाव जीत आता है भाजपा ने कभी भी व्यक्ति के नाम पर पार्टी को नही माना है । उन्होंने स्पष्ट कहा कि कुछ जातिवादी लोग भले ही भाजपा संगठन या प्रत्याशी के विरोध में किसी को भी वोट दे दे लेकिन भाजपा कार्यकर्ता हमेशा पार्टी के लिए काम करता रहेगा ।
क्या सामने आएगा स्थानीय बनाम प्रवासी का मुद्दा ?
लेकिन इस सब के बाबजूद अभिषेक कुमार के लिए ग्रेटर नोएडा वेस्ट के प्रवासी वोटर्स का सहयोग भी एक बड़ा मुद्दा है क्योंकि अभी गुरुजी के नाम से प्रसिद्ध विधायक तेजपाल नागर अपनी जाति और स्थानीय लोगो से ज्यादा लेकिन शहरी लोगों से खुद को कनेक्ट नहीं कर पा रहे हैं ऐसे में लोगों को लग रहा है कि अगर उनकी आवाज सुनने वाला व्यक्ति पूर्वांचल से ही हो तो शायद उनकी लड़ाई ज्यादा मजबूत होगी इस बात को हम नोएडा में भी देख चुके हैं नोएडा के पहले चुनाव में स्थानीय लोगों के जोर पर सुरेंद्र सिंह नागर जीत गए थे मगर उसके बाद जयपुर से आए डॉ महेश शर्मा लगातार पहले विधायक और फिर 2 बार सांसद बने रहे है । इसलिए नोएडा और ग्रेटर नोएडा की राजनीति को देखने वाले हैं यह मान रहे हैं कि अबकी बार का चुनाव कई मायनों में निर्णायक होगा । राजनीतिक दलों को इस बार टिकट देते समय स्थानीय और शहरी लोगों के मन की बात भी समझनी होगी।
नेफोवा में हुए आंतरिक विरोध के क्या मायने
सर्वे के दौरान अभिषेक कुमार के सामाजिक संगठन नेफोवा में हुए लेफ्ट और राइट विंग के लोगों के बीच विरोध को कैसे समझा जाए यह एक बड़ा सवाल निकल कर आया क्योंकि सर्वे में एक बड़े धड़े ने अभिषेक कुमार का विरोध किया जिसको यह माना गया कि वह भाजपा समर्थक लोगों का समूह था जो किसी भी कीमत पर यह नहीं चाहता था की अभिषेक कुमार भाजपा विधायक से जीत जाए ऐसे में उन्होंने खुलेआम सोशल मीडिया पर और तमाम ग्रुप में अभिषेक को वोट ना देने की अपील कर दी क्योंकि यही भाजपा समर्थक लोग बीते दिनों हुए एक सर्वे में नेफोवा के लिए लगातार वोट मांग रहे थे हालांकि अभिषेक कुमार के लेफ्ट विंग वाले समर्थकों ने अभिषेक के लिए वोट करना जारी रखा । लेकिन उसके बाबजूद भाजपा समर्थकों के दबाव में अभिषेक कुमार को घोषणा करनी पड़ी कि वह इस सर्वे में रखे जाने के लिए उपयुक्त व्यक्ति नहीं है ऐसे में अभिषेक कुमार के लिए सर्वे में राजनैतिक तौर पर जीत पाने के बाद वापस अपनी संस्था के लोगों को यह समझाना कितना आसान रहेगा या मुश्किल होगा यह देखने वाली बात रहेगी । हालांकि कुछ लोग नेफोवा के लोगों का अभिषेक कुमार का विरोध सिर्फ एक स्ट्रेटजी मानते हैं ताकि राजनीति में उनके आने की संभावनाओं को अभी से हवा ना मिले
जीतने के बाद क्या बोले अभिषेक
एनसीआर खबर ने अभिषेक कुमार को सर्वे में जीतने के बाद जब फोन पर बधाई दी तो अभिषेक कुमार सिर्फ एक ही बात बोले कि वह राजनीति में चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं वह आखरी दम तक समाज सेवा करना चाहते हैं
हालांकि उनसे जब जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह के साथ संबंधों पर बात की गई तो उन्होंने इस बात को कहा कि जहां से वह लोगों के लिए काम करा पाएंगे वह वही जाएंगे वह पंकज सिंह के पास भी जाते हैं धीरेंद्र सिंह के पास भी जाते हैं
लेकिन दादरी विधायक तेजपाल नागर के पास जाने की बात पर वह चुप्पी साध गए। जिससे कहीं ना कहीं यह लगता है कि शायद वह दादरी विधायक से इसीलिए दूरी बनाकर रखते हैं कि अगर आगे जाकर चुनाव लड़ना पड़ा तो वही कह सकेंगे कि मैं उनके पास नहीं गया या उनके बिना ही मैंने सारे काम कराएं है।
अभिषेक कुमार ने एनसीआर खबर से बार बार इस बात को भी दोहराया कि वह सिर्फ जनता के हित के लिए लगे हुए हैं और आगे भी सरकारी स्कूल और सरकारी अस्पताल जैसे मुद्दों पर ही अपना ध्यान केंद्रित रखेंगे राजनीति में उतरने की कोशिश नहीं करेंगे हालांकि उन्होंने लोगों को उनके दिए समर्थन के लिए हैं आभार भी व्यक्त किया।
उन्होंने स्पष्ट कहा कि उन्होंने 2014, 2019 लोकसभा और 2017 यूपी तीनों चुनावों में भाजपा को वोट दिया है और यूपी में वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रशंसक हैं और उनके लिए दोबारा से 2022 में भी वोट करेंगे लेकिन चुनाव नही लड़ेंगे । ऐसे में सर्वे के बाद इतना तय है कि 2022 में दादरी सीट पर राजनीति अब आसान नहीं रहेगी ।
