कोरोना के कारण अनाथ हुए बच्चों को उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना-2021 का लाभ दिलाने के निर्देश जारी किए हैं।
इस संबंध में विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव विकास कुमार वर्मा ने बताया कि आखिर किन बच्चों को इस योजना का लाभ और आश्रय मिलेगा।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गौतमबुद्ध नगर के सचिव विकास कुमार वर्मा ने बताया गया कि कोविड-19 में जो बच्चे अपने माता पिता को खो चुके हैं उनके जीवन को संवारने के लिए उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना-2021 का शुभारंभ किया गया है। इस तत्परता का मूल उद्देश्य परेशान बच्चों को तत्काल मदद पहुंचाना है और उनको गलत हाथों में जाने से बचाना है। इसके तहत अनाथ हुए बच्चों के भरण पोषण, शिक्षा, चिकित्सा आदि की व्यवस्थाओं का पूरा ख्याल शासन के द्वारा रखा जाएगा
यूपी सरकार इन बच्चों को देगी बाल सेवा योजना का लाभ
उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना से जिन बच्चों को लाभांवित किया जाना है। उनकी श्रेणी तय कर दी गई है। योजना में 0 से 18 वर्ष के ऐसे बच्चे शामिल किए जाएंगे, जिनके माता-पिता दोनों की मृत्यु कोविड-19 से हो गई है या माता-पिता में से एक की मृत्यु मार्च 2020 से पहले वो गई थी और दूसरे की मृत्यु कोविड काल में हो गई अथवा दोनों की मौत 1 मार्च 2020 से पहले हो गई थी और वैध संरक्षण की मृत्यु कोविड काल में हो गई। इसके अलावा 0 से 18 वर्ष के ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता में से किसी एक की मृत्यु कोविड काल में हो गई हो और वह परिवार का मुख्य कर्ताधर्ता हो और वर्तमान में जीवित में माता-पिता सहित परिवार की आय दो लाख रुपये से अधिक ना हो, ऐसे लोगों को योजना में शामिल किया जाएगा।
दस वर्ष तक के बच्चों के बैंक खाते में दिए जाएंगे 4 हजार रुपए प्रतिमाह
उन्होंने बताया कि योजना की श्रेणी में आने वाले 0 से 10 वर्ष के बच्चों के वैध संरक्षण के बैंक खाते में 4000 हजार रुपए प्रतिमाह दिए जाएंगे। इसके साथ ही यह शर्त होगी कि औपचारिक शिक्षा के लिए बच्चे का पंजीयन किसी मान्यता प्राप्त विद्यालय में कराया गया हो, समय से टीकाकरण कराया गया है और बच्चे के स्वास्थ्य और पोषण का पूरा ध्यान रखा जा रहा हो। इसके अलावा जो बच्चे पूरी तरह अनाथ हो गए हो और बाल कल्याण समिति के आदेश विभाग के तहत संचालित बाल्य देखभाल संस्थाओं में आवासित कराए गए हो उनको कक्षा 6 से 12 तक कि शिक्षा के लिए अटल आवासीय विद्यालयों व कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों मैं प्रवेश कराया जाएगा।
बच्चों को शिक्षा, आश्रय से लेकर शादी तक सरकार करेगी सहायता
11 से 18 वर्ष तक के बच्चों की कक्षा 12 तक की निशुल्क शिक्षा के लिए अटल आवासीय विद्यालयों तथा कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में भी प्रवेश कराया जा सकेगा। ऐसे वैध संरक्षक को तीन माह की अवकाश अवधि के लिए बच्चे की देखभाल के लिए प्रतिमाह 4000 रुपए की दर से रुपए 12000 प्रति वर्ष खाते में दिए जाएंगे। यह राशि कक्षा 12 तथा 18 वर्ष की उम्र, जो भी पहले पूर्ण होने तक दी जाएगी। यदि बच्चे के संरक्षक इन विद्यालयों में प्रवेश दिलाना नहीं चाहते हैं तो बच्चों की देखरेख और पढ़ाई के लिए उनको 18 वर्ष का होने तक कक्षा 12 की शिक्षा पूरी होने तक 4000 रुपए की धनराशि दी जाएगी, वशर्ते बच्चे का किसी मान्यता प्राप्त विद्यालय में प्रवेश दिलाया गया हो। योजना के तहत चिन्हित बालिकाओं के शादी के योग्य होने तक शादी के लिए 101000 रुपए दिए जाएंगे। कक्षा 9 या इससे ऊपर की कक्षा में अथवा व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त कर रहे 18 वर्ष तक के बच्चों को टैबलेट, लैपटॉप की सुविधा दी जाएगी।
बच्चों की चल-अचल संपत्तियों की सुरक्षा के प्रबंध होंगे
उन्होंने बताया कि ऐसे बच्चों की चल-अचल संपत्तियों की सुरक्षा के प्रबंध होंगे। जिला बाल संरक्षण इकाई व बाल कल्याण समिति द्वारा चिन्हांकन के 15 दिन के अंदर आवेदन प्रक्रिया पूर्ण कराई जाएगी। निर्धारित प्रारूप पूर्ण भरकर ऑफलाइन तरीके से ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम विकास पंचायत अधिकारी, विकासखंड या जिला प्रोवेशन अधिकारी कार्यालय पर जमा कराना होगा। शहरी क्षेत्र में लेखपाल, तहसील या जिला प्रोवेशन अधिकारी कार्यालय में जमा किए जा सकते हैं। माता-पिता की मृत्यु से दो वर्ष के अंदर आवेदन तथा अनुमोदन की तिथि से लाभ अनुबंध होगा।