गाजियाबाद पुलिस लोनी में मुस्लिम सूफी मारपीट के मामले में को वायरल वीडियो मैं सांप्रदायिक रंग देने के मामले में समाजवादी पार्टी के नेता उमेद पहलवान की तलाश में छापे मार रही है पुलिस के अनुसार तीन टीमें बनाई गई हैं जो लगातार समाजवादी पार्टी नेता को ढूंढ रही है पुलिस ने कई गंभीर धाराओं में उमेद पहलवान के खिलाफ केस दर्ज किया है । गाजियाबाद पुलिस से पहले ट्विटर एंड कॉरपोरेशन ऑफ और ट्विटर कम्युनिकेशन समेत 9 लोगों पर पहले ही एफ आई आर दर्ज कर चुकी है ।
असल में समाजवादी पार्टी नेता उमेद पहलवान ने ही सबसे पहले फेसबुक पर सूफी तांत्रिक की पिटाई और उनके आरोपों वाला वीडियो सोशल मीडिया पर लाइक किया था पुलिस के अनुसार यह वीडियो सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश कर रहा था और इस वीडियो के आधार पर तमाम ब्लू टिक वाले बड़े लोगों ने इस घटना को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की और वायरल किया
वही अनूप शहर में रहने वाले ताबीज बनाने वाले अब्दुल समद के बेटे ने पुलिस की पूरी थ्योरी को ही गलत साबित किया है उन्होंने कहा कि वो लोग सैफी हैं और कारपेंटर का काम करते हैं ताबीज बनाने की पूरी बात गलत है लेकिन पुलिस के रिकॉर्ड में अब्दुल समद और प्रवेश की कॉल रिकॉर्डिंग से और बड़ा सवाल यह भी उठ रहा है कि फिर अब्दुल समद प्रवेश के यहां क्यों आया था। आखिर क्यों उसने वीडियो में आरोपियों को ना जाने की बात कही है । जब मारपीट करने वालों में हिंदू और मुसलमान दोनों थे ऐसे में जय श्रीराम के नारे का झूठा बयान क्यों दिया ।
इसी के साथ सद्दाम नाम के एक आरोपी का भी वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें उसने बताया है कि उसने भी इस तथाकथित सूफी तांत्रिक से ताबीज लिया था क्योंकि उसका बच्चा दूध नहीं पी रहा था इसके बाद ही मामला और भी साफ होता जा रहा है । मैं यह टीवी चैनल पर एक्स डीजीपी यूपी विक्रम सिंह ने सूफी तांत्रिक अब्दुल समद का नारको टेस्ट कराने की मांग भी की है ताकि इस मामले में सच्चाई सामने आ सके