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एनसीआर खबर साप्ताहिक महापोल : पहले 36 घंटे में दादरी सीट पर भाजपा विधायक को झटका, लोगो की पसंद बन रहे है सामाजिक संगठन के नेता अभिषेक कुमार और अन्नू खान, कमांडो अशोक के लिए आम आदमी पार्टी का संघर्ष दूर की कौड़ी

उत्तर प्रदेश में चुनावी रण शुरू होने में बस 6 महीने का वक्त रह गया है मोदी सरकार 2.0 के 2 साल पूरे हो चुके हैं ऐसे में एनसीआर खबर भी स्थानीय स्तर पर लगातार भाजपा विधायकों को उनके कार्यों और जनता के बीच इमेज को लेकर आकलन करने में लगा है ऐसे में इस बार हमने 3 दिन का एक महासर्वे ट्विटर पर दादरी विधानसभा को लेकर शुरू किया।

इस महासर्वे में बीते 4 साल से विधायक तेजपाल नागर जहां एक बार दोबारा से अपने आप को जनता के सामने अपने कार्यों के बेस पर आजमा रहे हैं तो आम आदमी पार्टी की तरफ से कोरोना के समय काम कर रहे अशोक कमांडो का नाम भी डाला गया आपको बता दें अशोक कमांडो लोकसभा के समय निर्दलीय चुनाव लड़ चुके हैं इसके साथ ही दादरी सीट की शहरी जनसंख्या के बीच दो ऐसे सामाजिक संगठनों के नेताओं को भी सर्वे में रखा गया जो लगातार राजनेताओं से बेहतर काम कर रहे हैं। जिसमे नेफोमा के अन्नू खान और नेफोवा के अभिषेक कुमार शामिल है

शुरुआती कुछ घंटों तक अन्नू खान रहे आगे

ट्विटर पर 3 दिन तक चलने वाले इस पोल के शुरू होने के कुछ घंटों तक ने नेफोमा अध्यक्ष अन्नू खान बेहतर स्थिति के साथ ही लीड कर रहे थे अन्नूखान एक समय 45 परसेंट वोट पाकर सबसे आगे चल रहे थे। इससे पता चलता है कि अन्नू खान शहरी मत अदाओं का दाताओं के बीच एक समाजवादी पहचान को लेकर आगे बढ़ रहे हैं जिसमें उन्हें हिंदू मुसलमान सभी लोगों का सहयोग प्राप्त है अन्नू खान का सौम्य व्यवहार उन्हें क्षेत्र में धर्मनिरपेक्ष मतदाताओं के बीच लोकप्रिय बनाता है । अनु गौरव चंदेल हत्याकांड के समय भी समाजवादी पार्टी के नेताओं के साथ काफी एक्टिव नजर आए थे और कई बार माना जाता है कि वह आने वाले समय में किसी राजनीतिक दल से जुड़ सकते है

शाम को भाजपा समर्थकों ने बदला माहोल, विधायक तेजपाल नागर हुए आगे

अन्नू खान शुरूआत में धीरे धीरे मजबूत दिख रहे थे लेकिन शाम तक भाजपा बिसरख मंडल के अध्यक्ष रवि भदौरिया के पोल में एंट्री लेने के बाद माहौल बहुत तेजी से बदला और लगभग 55 परसेंट वोटों के साथ शुक्रवार सुबह तक तेजपाल नागर दोबारा लीड करने लगे। हालांकि तेजपाल नागर के कुछ समर्थकों ने पोल में तेजपाल नागर के नाम को होने को उनका अपमान बताया । समर्थकों के अनुसार तेजपाल नागर का कोई मुकाबला ही नहीं है लेकिन राजनीति को समझने वाले सभी लोग सब जानते हैं कि लोकतंत्र में उठापटक का दौर चलता रहता है। वही सर्वे में भाजपा नेता तेजपाल नागर के पक्ष में वोट करने वाले लोगों का यह भी कहना है कि उनका वोट भाजपा के लिए हैं नेता कोई भी हो चलेगा और यह बात भाजपा के पक्ष में 2022 में भी फायदेमंद रह सकती है । क्योंकि शहरी सीट पर भाजपा के लिए लोगों का समर्थन इस सीट को भाजपा के लिए सुरक्षित बना सकता है

नेफोवा के अभिषेक कुमार ने दूसरे दिन बदला माहोल

पोल शुरू होने के साथ ही शुरुआती बढ़त के साथ अभिषेक कुमार पहले दिन काफी पीछे नजर आ रहे थे अभिषेक कुमार को लेकर नेफोवा के कई बुजुर्ग सदस्यों ने आपत्ति जाहिर और अभिषेक के पक्ष में वोट ना करने की अपील तक कर दी यह ठीक बिल्कुल भाजपा विधायक तेजपाल नागर के समर्थकों जैसा था कि अभिषेक का नाम सर्वे में नहीं होना चाहिए था

जानकारों की मानें तो यह दोनों ही नेताओं का खुद को सेव करने का एक तरीका है कि अगर किसी वजह से चुनाव हार जाएं तो यह कहा जा सके कि हम तो भाग ही नहीं ले रहे थे

अप्रत्याशित तौर पर शाम होते होते अभिषेक कुमार 60 परसेंट वोटों से लीड करने लगे हैं।जिसके बाद सर्वे में सभी के मुंह बंद हो गए है फिलहाल अभिषेक को लेकर nefowa में ही दो तरह की चर्चाएं हैं कुछ लोग अभिषेक को चुनावों में देखना चाहते हैं तो कुछ लोग उसका विरोध कर रहे हैं जिसको देखकर लोगो के दिमाग में एक बार फिर से 2013 का आम आदमी पार्टी के जन्म होने का वाकया याद आ गया है जिसमें इंडिया अगेंस्ट करप्शन के आधे लोग अरविंद केजरीवाल के आम आदमी पार्टी बनाने के खिलाफ थे और आधे लोग समर्थन में थे। बहराल इतिहास अपने आपको दोहराएगा या अभिषेक नेफोवा के अपने साथियों के साथ सामाजिक नेता ही बने रहेंगे भविष्य की बात होगी लेकिन अभी तक अभिषेक लीड कर रहे हैं। अभिषेक भी बीते 10 सालों से लोगों की समस्याओं को लेकर लगातार सरकार और प्रशासन से दो-दो हाथ करते रहे हैं और गौरव चंदेल केस में राजनेताओं के बिना अभिषेक कुमार ही वह व्यक्ति थे जिसने उस आंदोलन को पूरी दिशा दी इसके बाद से यह सवाल उठने लगे थे कि क्या अभिषेक भविष्य में इस क्षेत्र से चुनाव लड़ सकते हैं

आम आदमी पार्टी के अशोक कमांडो वोटों के लिए कर रहे हैं संघर्ष

इस पूरे प्रकरण में एक और बात साफ हो रही है कि भले ही भाजपा विधायक तेजपाल नागर नेफोवा के अध्यक्ष अभिषेक कुमार और नेफोमा के अध्यक्ष अनु खान के बीच मुकाबला लगातार बदल रहा है लेकिन आम आदमी पार्टी के अशोक कमांडो अभी भी सर्वे में अपनी बढ़त नहीं बना पाए और यह आम आदमी पार्टी के लिए पंचायत चुनाव के बाद चिंता की बात है। आम आदमी पार्टी को सोशल मीडिया पर बहुत एक्टिव माना जाता है और यह माना जाता है कि उसके सभी कार्यकर्ता आम आदमी पार्टी के नीतियों और नेताओं को आगे करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं लेकिन सोशल मीडिया पर हो रहे एनसीआर खबर के सर्वे में महज 4% वोटों के साथ आखिरी पायदान पर रहना बताता है कि आम आदमी पार्टी को उत्तर प्रदेश में 2022 में भी बहुत मेहनत करनी होगी ।

सर्वे में अभी सबके लिए है मौका, अगले 36 घंटे रहेंगे महत्वपूर्ण

हालांकि सर्वे अभी रविवार सुबह तक चलेगा इसलिए किसी भी स्थिति को अंतिम मान लेना अभी जल्दबाजी होगा लेकिन इस सर्वे में एक बात साफ है कि अभिषेक कुमार और अनु खान दोनों ही शहरी जनसंख्या की पसंद हैं भाजपा विधायक लोगों में अपेक्षाकृत कम पसंद किए जा रहे हैं और अगर यही स्थिति रही तो दादरी सीट पर ये नया समीकरण नोएडा के ही पैटर्न को रिपीट करेगा, हालांकि भाजपा का शहरी कोर वोट बैंक और संगठन के मंडल नेता उनको अभी भी जिताने की पूरी उम्मीद दे सकते है I आम आदमी पार्टी की स्थिति बहुत ज्यादा अच्छी नहीं है लेकिन अगर उनकी सोशल मीडिया टीम काम करे तो परिस्थियां बदल सकती है। ऐसे में अगले 36 घंटे इस सर्वे में इस सीट पर सोशल मीडिया पर जागरूक लोगों की पसंद को निश्चित तौर पर बताने में समर्थ रहेंगे और आज के दौर के निर्णय से सभी लोग आगे की तैयारियां करने में भी अपनी भूमिका तय कर सकेंगे

NCRKhabar Mobile Desk

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