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निजी अस्पतालो के कर्तव्य बोध याद कराने के मामले पर आई एम ए ने नोएडा की जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह की तीखी आलोचना, सस्ती लोकप्रियता के लिए लिखे पत्र, भाजपा विधायक पर हो कड़ी कार्यवाही

कोरोना में मरीजों को लेकर निजी अस्पतालों के रुख पर लिखें पत्र पर जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं आई एम इन नोएडा ने जेवर विधायक के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग की है

दरअसल जेवर विधायक ने मुख्यमंत्री योगी और पी एम मोदी को लिखे अपने पत्र में सवाल उठाए थे कि क्या कोरोना काल में निजी अस्पतालों ने अपने सामाजिक दायित्वों का निर्वहन किया है? अगर नहीं तो क्या सरकार को उन पर कार्यवाही नहीं करनी चाहिए?

आइ एम ए नोएडा के महासचिव डॉ मोहिता शर्मा ने जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह के इस पत्र के जवाब में कहा कि गौतम बुध नगर के अस्पताल अपनी जिम्मेदारी का निर्वाहन अच्छी तरीके से कर रहे हैं उन्होंने कहा कि आई एम ए के 4 चिकित्सक अभी तक अपनी जान गवा चुके हैं। उन्होंने जेवर विधायक पर आरोप लगाया कि वह सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए ऐसे पत्र प्रशासन को लिख रहे हैं ताकि लोगों में निजी अस्पतालों के प्रति अविश्वास उत्पन्न हो । ऐसे में ऐसे जनप्रतिनिधि के खिलाफ सख्त कार्यवाही की मांग आईएमए ने की है

आईआईएम के पत्र के बाद बैकफुट पर आए जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह ने मीडिया में कहा है कि वह किसी डॉक्टर और अस्पताल के खिलाफ नहीं है उन्होंने सिर्फ बाइलॉज में कही बातों को याद दिलाया है

सीएमओ ने किस आधार पर निजी अस्पतालो से पूछ लिया सवाल ? बरसो से बंद पड़े सरकारी अस्पतालों और वहां फैली अव्यवस्थाओं पर कब लेंगे जवाब

मजेदार बात यह है कि इस पूरे प्रकरण में गौतम बुध नगर के सीएमओ दीपक ओहरी भी कूद पड़े। कुछ मीडिया में आई जानकारी के अनुसार मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने जिले के सभी अस्पतालों को नोटिस भेजा है की विधायक जेवर विधायक के पत्र के अनुसार आप 3 दिन में अपना जवाब दें ऐसे में अब निजी अस्पताल संचालकों और सीएमओ के बीच भी विवाद होने के आसार बन गए हैं । एनसीआर खबर में डा दीपक ओहरी से इस मामले पर बात करने की कोशिश की लेकिन उनका फोन लगातार बिजी आता रहा।

शहर के प्रतिष्ठित अस्पताल से जुड़े डॉक्टर ने कहा कि आखिर सीएमओ ने सोशल मीडिया पर आए पत्र के आधार पर किस तरीके से निजी अस्पतालों से जवाब मांग लिए है? क्या इसके लिए सीएमओ के पास लखनऊ प्रशासन से कोई आदेश आया है या फिर सस्ती लोकप्रियता के लिए वह भी खेल में कूद गए हैं

दरअसल गौतम बुध नगर में सरकारी अस्पतालों में हो रही अव्यवस्थाओं पर लोग काफी आक्रोशित हैं ऐसे में निजी अस्पतालों का कहना है कि प्रशासन और सरकार के विधायक अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए इस तरह के प्रोपेगेंडा को हवा दे रहे हैं ताकि सरकारी अव्यवस्थाओं की पोल का ठीकरा निजी अस्पताल पर डालकर अपनी जिम्मेदारी से बचा जा सके ।

निजी अस्पताल से जुड़े एक डॉक्टर का कहना है कि मीडिया में आई खबरों के अनुसार दादरी जेवर विधानसभा में खदेड़ा और बिलासपुर में सरकारी पीएचसी कई सालों से बंद पड़े थे जिस में कोरोना की दूसरी लहर में भयावह स्थिति होने के बाद टेस्टिंग करवाने की सुविधा दी गई ऐसे में जेवर विधायक का सिर्फ निजी अस्पतालों को कर्तव्य बोध याद चलाने की जगह सत्ता को कर्तव्य बोध याद दिलाना चाहिए था ताकि आम जनता की जो अस्पतालों की कमी के कारण भरी है उसको इलाज मिल पाता ।

NCRKhabar Mobile Desk

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