नोएडा में भाजपा और सामाजिक संगठन के बीच में एक बार फिर निजी अस्पतालो द्वारा सशुल्क वैक्सीन सोसाइटी में लगवाने को लेकर आमने सामने आ गए है। संस्था द्वारा लिए जा रहे अतिरिक्त 200 रुपए के जवाब में अब भाजपा बिसरख मंडल की टीम ने कोविशील्ड को 850 रुपए के निर्धारित शुल्क पर ही कैंप लगवाने के संदेश डाल दिए है
- निजी अस्पताल के वैक्सीन कैंप पर सवाल
- भाजपा के कैंप से संस्था के कैंप में 200 रुपए ज्यादा क्यों ?
- क्या अस्पताल वैक्सीन लगाने का बिल दे रहा है ?
- फॉर्म में निजी जानकारियां क्यों मांगी
- निजी जानकारी के आधार पर मिसयूज न हो इसका क्या भरोसा?
दर् असल लोगों को संस्था द्वारा आयोजित एंड कैंप पर रजिस्ट्रेशन चार्ज के रूप में ले जा रहे ₹200 से ही आपत्ति शुरू हुई जिसको भाजपा मंडल अध्यक्ष रवि भदौरिया ने हाथो हाथ मुद्दा बना लिया वही नोएडा में fonrwa के संरक्षक त्रिलोक शर्मा भी इस मुद्दे को लेकर प्रशासन के सामने खड़े हो गए हैं ऐसे में लोगों को संस्था की तरफ से यही बताया गया कि यह पैसे अस्पताल सुविधा के लिए ले रहा है लेकिन अब भारतीय जनता पार्टी द्वारा दूसरे निजी अस्पताल से को भी सिविल के ही वैक्सीन को ₹850 में लगवाने की घोषणा के साथ ही सवाल बड़े हो गए हैं कि आखिर वह ₹200 कौन ले रहा था और क्यों ले रहा था
इसके साथ ही रवि भदोरिया ने फॉर्म में मांगी जा रही निजी जानकारियों को लेकर भी विवाद खड़ा कर दिया है और सवाल पूछे हैं ग्रेटर नोएडा वेस्ट में प्राइवेट हॉस्पिटल द्वारा वेक्सिनेशन करवाने पर 200 रुपये अतिरिक्त शुल्क के साथ सोसायटी वासियों से उनकी पर्सनल जानकारियां भी ली जा रही हैं। क्या वेक्सिनेशन के लिए ये आवश्यक हैं?
ग्रेटर नोएडा वेस्ट में प्राइवेट हॉस्पिटल द्वारा वेक्सिनेशन करवाने पर 200 रुपये अतिरिक्त शुल्क के साथ सोसायटी वासियों से उनकी पर्सनल जानकारियां भी ली जा रही हैं। क्या वेक्सिनेशन के लिए ये आवश्यक हैं?https://t.co/3QnwgGdqeY@CMOfficeUP @UPGovt @dmgbnagar @cmogbnr @OfficialGNIDA pic.twitter.com/iDenNZ7Dw0
— Ravi Bhadoria (@ravibhadoria) May 29, 2021
अरिहंत Arden सोसाइटी में रहने वाले नवीन कुमार ने एनसीआर खबर को कहा कि क्या शुरू में कुछ बड़े अस्पतालों के साथ मिलकर ऐसे संस्थाओं और AOA द्वारा समाज सेवा के नाम पर आपदा में अवसर तलाशे जा रहे है ₹200 कोही अगर आप 10000 लोगों से ले लेंगे तो ये रकम बड़ी हो जाती है
वहीं बड़ा सवाल यह भी है कि वैक्सीन के लिए भरवाए जा रहे फॉर्म में निजी जानकारियां क्यों मांगी जा रही थी जबकि कायदे में आपका नाम और फोन नंबर ही उसके लिए रिक्वायर्ड है लेकिन उसमें आपके परिवार में कौन-कौन हैं आप का फुल एड्रेस आपका पूरा डेट ऑफ बर्थ जैसी महत्वपूर्ण जानकारियां मांगी गई जिनको बाद में प्रयोग करके कुछ भी किया जा सकता है लोग सोसाइटी के या विधानसभा चुनावों में इसका यूज कर सकते है। ऐसे में एक बड़ी जनसंख्या का डाटा बाद में लोग गलत प्रयोग ना करें इनपर कौन जवाब देगा
एनसीआर खबर ने सामाजिक संस्था द्वारा चलाए जा रहे हैं संदेश में दिए गए एक नंबर पर कॉल कर जवाब मांगने की कोशिश की लेकिन फोन नहीं उठा। ऐसे में वैक्सीनेशन ड्राइव को लेकर निजी अस्पतालों के साथ हो रहे इस विवाद पर अगर संस्था की ओर से कोई जवाब आएगा तो एनसीआर खबर जरूर प्रकाशित करेगा