राजनीती और प्रशानिक कार्यवाही के बीच में जनता कैसे सिर्फ इंतज़ार ही करती रहती है इसका स्पस्ट उदाहरण है 8 महीने बाद भी जनता की समस्याओं को लेकर नेता और विधायको के लिखे पत्रों पर कोई कार्यवाही ना होना I उससे भी बुरी बात ये है कि ज्ञापन और पत्र लिखने वाले नेताओं और स्थानीय विधायक का समस्याओं के समाधान पर फालोअप ना लेना I ऐसा लगता है विधायक और उनके समर्थक नेता बस पत्र लिखने और शिलान्यास या उदघाटन तक ही सीमित है
एनसीआर खबर ने पाया कि अगस्त 2020 में स्थानीय नेताओं द्वारा दादरी विधायक से सिफारशी पत्र ग्रेटर नॉएडा वेस्ट क्षेत्र में आधार में अपडेट के लिए एक सेंटर के लिए जिला अधिकारी को लिखा था I इसके साथ ही यहाँ की सोसाइटी में ब्रोड्बैंड के भी सीमित प्रोवाइडर की जगह किसी भी प्रोवाइडर को अनुमति देने जैसी मांगे भी उठाई थी I मगर समाचार पत्रों में जिलाधिकारी से मिलने और समाधान होने की खबर तो आई लेकिन आज तक ग्रेटर नॉएडा वेस्ट में आधार में अपडेट कराने के लिए कोई सेंटर नहीं बना है ना ही सोसाइटी में ब्रोड्बैंड के लिए कोई नियम आया
हालत ये है की लोग निजी जन सेवा के नाम पर लोगो का ऑनलाइन डाटा अपडेट करने के नाम पर 50 रूपए के स्थान पर 200 रूपए तक चार्ज कर रहे है लेकिन अधिकृत सेंटर ना होने के चलते वो कम भी नहीं हो पाते I ऐसे सवाल यही है की आखिर दादरी विधायक क्या सिर्फ पत्र लिख कर अपनी ज़िम्मेदारी से मुक्त हो गये या फिर वो अपने लिखे पत्रों का फालोअप लेना भी ज़रूरी नहीं समजते हैं और स्थानीय नेताओं और सामाजिक संगठनो का तो कम ही सिर्फ विधायको , जिला अधिकारी और ग्रेटर नॉएडा अथारटी के अधिकारियों के साथ फोटो खिचाने तक सीमित रह गया है
ऐसे जनता भले ही आज भी अपनी समस्याओं के समाधान के लिए इंतज़ार कर रही है पर नेता और सामाजिक संगठन मस्त है , प्रशासनिक अधिकारी वयस्त है