90 वर्ष पहले एक इतिहास लिखा गया था जब देश की आज़ादी के लिए भगत सिंह, राजगुरु व सुखदेव को फाँसी के फंदे पर लटका कर शहीद किया गया था। अंग्रेज़ी हकूमत की ग़ुलामी को ख़त्म करने के लिए अपने प्राणो को न्योछावर करने वाले इन महान शहीदों की याद में 23 मार्च 2021 को देश फिर से एक इतिहास रचने जा रहा है। देश के महामहिम राष्ट्रपति भी इस इतिहास के साक्षी बनने जा रहे हैं। नैशनल इंटेग्रेटेड फ़ोरम आफ आर्टिस्ट्स एंड एक्टिविस्टस की ओर से शुरू किए गए संवेदना अभियान के तहत इस दिन देश भर में 1500 से ज़्यादा रक्त दान शिविर आयोजित हुए जिनमे 1.5 लाख के लगभग रक्त यूनिट दान कर शहीदों को श्रधांजलि दी गयी ।
नोयड़ा में इस अभियान को प्रदेश की 7x वेलफ़ेयर टीम व ग्लोबल फ़ाउंडेशन संस्थाओं व रोटरी ब्लड बैंक के सहयोग से पूरा किया गया। कम्यूनिटी सेंटर, सेक्टर 119 में आयोजित इस कैम्प में 50 यूनिट से ज़्यादा रक्त एकत्रित किया गया।
अंजलि सचदेवा ने कहा कि भारत में हर वर्ष आवश्यकता से 20 लाख यूनिट रक्त कम इकट्ठे होते हैं ओर करोना संकट में यह कमी इस से बहुतज़्यादा होने वाली है। क्योंकि जहां सोशल डिस्टन्सिंग, करोना के भय, शैक्षणिकसंस्थाओं के बंद रहने के कारण रक्त दान कम हो रहा है वहीं भारत में रक्त दानको लेकर भ्रांतियाँ भी हैं जिनके कारण लोग रक्त दान करते हुए डरते हैं।
संवेदना के सम्बंध में जानकारी देते हुए सोनू यादव ने बताया कि इस अभियान के बाद राष्ट्रीय स्तर पर एक सॉफ़्ट्वेर व मोबाइल ऐप भी लॉंच की जाएगी जिसमें देश भर के रक्त दाताओं का डेटा होगा व किसी को भी देश के किसी भी हिस्से में रक्त की आवश्यकता होने पर उसकी ज़रूरत उस शहर के उस रक्त ग्रूप के दानियों के माध्यम से पूरी हो जाएगी।