इनपुट आकाश नागर/एनसीआर खबर राजनैतिक डेस्क । विधान सभा चुनावों के लिए अब जब साल भर का भी समय नहीं रह गया है । यूपी सरकार अपना आखरी बजट पेश कर चुकी है ऐसे में वेस्ट यूपी की राजनीति में मायावती आज बड़ा धमाल कर सकती हैं। सूत्रों के अनुसार मायावती बीते लोकसभा चुनाव में भाजपा में शामिल हुए क्षेत्र के बड़े गुर्जर नेता बिजेंद्र भाटी को बसपा में शामिल कर सकती है । जानकारी के अनुसार विजेंद्र भाटी को जेवर विधान सभा से टिकट देने की बात हो रही है।
आपको बता दें कि बिजेंद्र भाटी फिलहाल भाजपा में है। वेस्ट यूपी में नरेंद्र भाटी और उनके भाई बिजेंद्र भाटी का गुर्जर मतदाताओं में खासा प्रभाव रहा है । पूर्व में समाजवादी पार्टी में रहते हुए बिजेंद्र भाटी पार्टी के जिला अध्यक्ष तथा जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुके हैं। गत लोकसभा चुनाव में वह तिलपता गांव में हुई एक पंचायत के दौरान भाजपा में चले गए थे।
जानकारी के अनुसार बसपा प्रमुख मायावती ने नरेंद्र भाटी को आश्वासन दिया है कि वह विजेंद्र भाटी को जेवर विधानसभा से पार्टी प्रत्याशी बनाएगी तथा नरेंद्र भाटी के बेटे आशीष भाटी को सिकंदराबाद विधानसभा से बसपा का टिकट दिया जाएगा।
जेवर और सिकंदराबाद दोनो ही विधान सभा सीटों पर गुर्जर मतदाताओं की संख्या महत्वपूर्ण है और बसपा यहां फिर से अपना दांव गुर्जर समाज पर खेलना चाहती है । 2017 के चुनाव में ये सीट गुर्जर वेदराम भाटी से ठाकुर धीरेंद्र सिंह ने जीत ली थी । बाद में वेदराम भी भाजपा में शामिल हो गए थे ।
दरअसल राजनैतिक विश्लेषकों का मानना है कि दादरी सीट पर इस बार गुर्जर समाज के लिए सीट पाना और जीतना दोनो ही मुश्किल रहेगा ऐसे में।समाज ने अपनी निगाह जेवर और सिकंदरबाद पर लगा दी है । बिजेंद्र भाटी लोकसभा चुनाव में डा महेश शर्मा के लिए वोट दिला कर गुर्जर समाज पर अपनी पकड़ साबित कर चुके है । ऐसे में बसपा में उनके जाने से दादरी सीट पर गुर्जर समाज का वोट भी बसपा में शिफ्ट होने की पूरी संभावना रहेगी।
क्या इस बदलेगी जेवर की राजनीति
विजेंद्र भाटी के बसपा का में जाने से जेवर विधानसभा की राजनीति भी बदलने के कयास लगाए जा रहे हैं बीते दिनों वर्तमान भाजपा विधायक धीरेंद्र सिंह का लखनऊ में साइकिल की सवारी करने के वीडियो का सोशल मीडिया पर डालने के कई राजनीतक मायने निकाले जा रहे हैं ऐसे में बसपा का यह नया दांव धीरेंद्र भाटी के लिए कितना बड़ा खतरा साबित होगा इसका आकलन भी शुरू हो गया है । जानकारों की माने तो इस विधान सभा में अब मामला ठाकुर बनाम गुर्जर पर आ कर टिक गया हैं। भाजपा के लिए यहां पर बसपा , सपा और कांग्रेस की जातीय रणनीति को कैसे मात दी जाए ये आसान नहीं रहेगा
क्षेत्र के समाजवादी नेता राजकुमार भाटी का मानना है कि बिजेंद्र भाटी को भाजपा ने अपनी पार्टी में ले तो जरूर लिया था लेकिन सिर्फ लोकसभा चुनाव जीतने के लिए। उसके बाद बिजेंद्र भाटी भाजपा में एक बंधक नेता के रूप में रह रहे थे।
फिलहाल, वह इस बंधन को तोड़ कर बसपा ज्वाइन कर रहे हैं तो उनका यह कदम स्वागत योग्य है। साथ ही राजकुमार भाटी यह भी दावा हैं कि वह अपने मोर्चे पर समाजवादी पार्टी के बैनर पर अडे रहेंगे। इस दौरान पारिवारिक मित्रता आड़े नहीं आएगी।